भारत में वेब के विकास में इंटरनेट सेवा प्रदाता वीएसएनएल की रही अहम भूमिका

संचार एवं संचार यन्त्र
01-08-2023 10:32 AM
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भारत में वेब के विकास में इंटरनेट सेवा प्रदाता वीएसएनएल की रही अहम भूमिका

आज, 1 अगस्त का विशेष दिन, दुनिया में वर्ल्ड वाइड वेब(World Wide Web) दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिवस एक वैश्विक उत्सव है, जो वेब ब्राउज़िंग(Web Browsing) के लिए समर्पित है। साथ ही, यह दिन वेब का उपयोग करके, स्वतंत्र रूप से कोई जानकारी ब्राउज़ (Browse) या खोज करने की हमारी क्षमता के सम्मान में मनाया जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब वास्तव में, एक विश्वव्यापी सूचना माध्यम है। हम इंटरनेट पर जाकर इस तक पहुंच सकते हैं।जबकि, वेब ब्राउज़िंगहमारे द्वारा इंटरनेट(Internet) पर खोज करने की गतिविधि है। हम यह मान सकते हैं कि यह हमारे लिए, ज्ञान के खजाने की एक कुंजी है।
वेब का आविष्कार, वर्ष 1989 में एक अंग्रेजी कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली(Tim Berners-Lee) ने किया था। तब वह स्विट्जरलैंड(Switzerland) में यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन सर्न (CERN(Organisation Européenne pour la Recherche Nucléaire (फ़्रान्सीसी में))यूरोपीय नाभिकीय अनुसन्धान संगठन (European Organization for Nuclear Research)में कार्यरत थे। मूल रूप से, वेब की कल्पना और विकास, दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और संस्थानों के वैज्ञानिकों के बीच स्वचालित सूचना साझा करने हेतु किया गया था।
फिर अक्तूबर 1990 तक, बर्नर्स-ली ने बेब से संबंधित तीन मूलभूत प्रौद्योगिकियों के बारे में लिखा, जो आज भी वेब की नींव बनी हुई हैं। इन्हें आपने अपने वेब ब्राउज़र(Web Browser) के कुछ हिस्सों पर अवश्य ही देखा होगा। इनके बारे में हम आपको लेख में आगे बता रहे हैं। 1.एचटीएमएल(HTML): हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज(HyperText Markup Language)वेब के लिए प्रारूपण भाषा है।
2.यूआरआई(URI): यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफ़ायर(Uniform Resource Identifier) एक प्रकार का ‘पता’ है, जिसका उपयोग वेब पर प्रत्येक संसाधन की पहचान करने हेतु किया जाता है। आम तौर पर, इसे यूआरएल(URL) कहा जाता है।
3.HTTP(एचटीटीपी): हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल(Hypertext Transfer Protocol) यह हमें संपूर्ण वेब से, लिंक किए गए संसाधनों को पुनः प्राप्त करने की अनुमति देता है। लेकिन, इंटरनेट और वेब में थोड़ा फर्क है। इंटरनेट नेटवर्कों(Network) का एक वैश्विक नेटवर्क है,जबकि वेब(www) सूचनाओं का एक संग्रह है, जहां इंटरनेट के माध्यम से पहुंचा जाता है। आइए, थोड़े सरल अर्थ में इसे समझते हैं। इंटरनेट बुनियादी ढांचा है, जबकि, उस बुनियादी ढांचे के माध्यम से वेब सेवा प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए, इंटरनेट को एक बड़े पुस्तकालय के रूप में देखा जा सकता है।जबकि, वेब को उस पुस्तकालय के मौजूद पुस्तकों के संग्रह के रूप में देखा जा सकता है। हमारे देश भारत में इंटरनेट की शुरुआत वर्ष 1986 में हुई। हालांकि, तब इंटरनेट केवल शैक्षिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपलब्ध था। फिर, वीएसएनएल- विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने पहली बार 15 अगस्त 1995 को भारत में इंटरनेट का प्रारंभ किया। दरअसल, वर्तमान भारतीय दूरसंचार कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड(Tata Communications Limited) तत्कालीन वीएसएनएल था। जिसे पहले, विदेश संचार निगम लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। पहले वीएसएनएल, एक सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी थी और दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय और भारत सरकार के स्वामित्व में थी।
इसके बाद, वर्ष 2008 में जब मनमोहन सिंह जी देश के प्रधान मंत्री बने, तब सरकार के तहत इसे टाटा समूह को बेच दिया गया। आज टाटा समूह, विभिन्न संचार नेटवर्क सेवाएं और सॉफ्टवेयर-परिभाषित नेटवर्क प्लेटफ़ॉर्म(Network Platform) प्रदान करता है।
इस व्यवसाय की स्थापना वर्ष 1986 में विदेश संचार निगम लिमिटेड के रूप में की गई थी। वीएसएनएल ने 1995 में पहली बार, भारत में सार्वजनिक तौर पर इंटरनेट योजना प्रदान की थी। वीएसएनएल की अंतरराष्ट्रीय शाखा अर्थात वीएसएनएल इंटरनेशनल(VSNL International) की स्थापना 2004 में हुई। भारत सरकार द्वारा, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का विनिवेश शुरू करने के बाद, 13 फरवरी 2008 को वीएसएनएल को पूरी तरह से टाटा समूह द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया और इसका नाम बदलकर टाटा कम्युनिकेशंस कर दिया गया। आज,टाटा कम्युनिकेशंस का डेटा सेंटर नेटवर्क (Data Centre Network) दुनिया भर में 44स्थानों पर स्थित है। आइए, इसी मुद्दे से संबंधित एक अन्य निकाय– भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के इतिहास के बारे में पढ़ते हैं। इंटरनेट क्षेत्र में, निजी सेवा प्रदाताओं के प्रवेश के कारण, स्वतंत्र विनियमन की अपरिहार्य आवश्यकता महसूस की गई। इस प्रकार, दूरसंचार के लिए प्रशुल्क(Tariffs) के निर्धारण अथवा दूरसंचार सेवाओं को संशोधन सहित विनियमित करने की भी जरूरत थी। क्योंकि, ये सेवाएं पहले केंद्र सरकार में निहित थीं। इसके लिए, 20 फरवरी 1997 को संसद के एक अधिनियम द्वारा भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण(Telecom Regulatory Authority of India–TRAI) की स्थापना की गई। इस अधिनियम को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 कहा जाता है।
दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का उद्देश हमारे देश में दूरसंचार के विकास हेतु, आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण और पोषण करना है, जिससे भारत उभरते हुए वैश्विक सूचना समूह में अग्रणी भूमिका निभा सके। इसके साथ ही, प्राधिकरण का एक मुख्य लक्ष्य, एक निष्पक्ष और पारदर्शी नीति वातावरण प्रदान करना है, जो समान अवसर को बढ़ावा देता है और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान करता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/424e45ws
https://tinyurl.com/3hdpjtmf
https://tinyurl.com/4knartxk
https://tinyurl.com/5x5kuu5v
https://tinyurl.com/2p8xvyz9

चित्र संदर्भ
1. उल्टाडांगा, कोलकाता में विदेश संचार निगम लिमिटेड या वीएसएनएल कार्यालय भवन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. अपने कंप्यूटर के साथ टिम बर्नर्स-ली को दर्शाता चित्रण (NDLA)
3. हाइपरलिंक प्रदर्शित करते हुए WWW के एक मिनट के अंश के ग्राफ़िक प्रतिनिधित्व को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. वीएसएनएल कार्यालय भवन को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
5. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के लोगो को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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