कागज से लेकर आपके मोबाइल स्क्रीन तक, विज्ञापनों का रोमांचक सफ़र

संचार एवं संचार यन्त्र
07-07-2023 09:49 AM
Post Viewership from Post Date to 02- Aug-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2678 595 3273
कागज से लेकर आपके मोबाइल स्क्रीन तक, विज्ञापनों का रोमांचक सफ़र

क्या आपने ध्यान दिया है कि, आजकल बड़े-बड़े शहरों की गलियों और चौराहों पर रंग-बिरंगे विज्ञापनों से लदे बैनर (Banner) कम दिखाई देने लगे हैं। साथ ही आजकल सड़क किनारे की दीवारों पर कटे-फटे पोस्टर के टुकड़े भी गायब होने लगे हैं। दरसल ऐसा किसी कानून या जागरूकता बढ़ने के कारण नहीं हुआ, बल्कि आज सभी बड़ी कंपनियों के लिए इन रंगीन कागज के पोस्टर या बैनर के बजाय आपके मोबाइल और लैपटॉप (Mobile And Laptop) के स्क्रीन (Screen) पर विज्ञापन दिखाना अधिक सस्ता, सुलभ और प्रभावी तरीका हो गया है। विज्ञापन इंडस्ट्री (Advertising Industry) में आए इस बड़े बदलाव को ही डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) कहा जा रहा है। पिछले कुछ दशकों में विज्ञापन उद्योग, प्रिंट मीडिया (Print Media) से इंटरनेट (Internet) पर स्थानांतरित हो गया है। लेकिन इस स्थानांतरण में विज्ञापन एजेंसियों (Advertising Agencies) के माथे पर शिकन ला दी है। दरसल विज्ञापन एजेंसियां (Advertising Agencies), जिन्हें रचनात्मक एजेंसियों के रूप में भी जाना जाता है, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो ग्राहकों को विज्ञापन प्रसारण की योजना बनाने और प्रबंधित करने से संबंधित सेवाएं प्रदान करती हैं। ये एजेंसियां ​​व्यवसायों, बहुराष्ट्रीय निगमों, गैर-लाभकारी संगठनों और अन्य एजेंसियों जैसे विभिन्न ग्राहकों के लिए स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।
दुनियाभर की कई कंपनियां, टेलीविज़न विज्ञापनों (Television Commercials) का निर्माण करने और पत्रिकाओं, समाचार पत्रों तथा बिलबोर्डों (Billboards) में प्रिंट विज्ञापन चलाने के लिए इन विज्ञापन एजेंसियों को काम पर रखती हैं। आज, इन एजेंसियों ने भी डिजिटल परिदृश्य को अपना लिया है, जहां ये विभिन्न विज्ञापन और विपणन प्रौद्योगिकियों (Advertising And Marketing Technologies) का उपयोग करके ऑनलाइन विज्ञापन बनाते हैं, उन्हें प्रबंधित करते हैं और चलाते हैं। विश्व की पहली आधिकारिक विज्ञापन एजेंसी की स्थापना 1786 में विलियम टेलर (William Taylor) द्वारा लंदन (London) में की गई थी। 1840 में वोल्नी बी. पामर (Volney B. Palmer) द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पहली एजेंसी खोली गई। पामर की एजेंसी ने रियायती दर पर विज्ञापन स्थान खरीदा और इसे विज्ञापनदाताओं को उच्च कीमतों पर बेच दिया।
शुरुआत में विज्ञापन के विपणन और डिजाइन जैसे अधिकांश पहलुओं को ग्राहकों द्वारा स्वयं संभाला जाता था, लेकिन 19वीं सदी में,एन.डब्ल्यू. आयर एंड सन (N.W. Eyre & Son) ने विज्ञापन स्लॉट (Ad Slots) बेचने के साथ-साथ ग्राहकों के लिए संपूर्ण मार्केटिंग योजनाओं की योजना बनाने, कल्पना करने, लिखने जैसे सभी काम खुद ही क्रियान्वित करके एजेंसी व्यवसाय में क्रांति ला दी। उनके इसी रचनात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें डी बीयर्स (De Beers), एटी एंड टी (AT&T) और यू.एस (US) जैसे ग्राहकों के साथ काम करने का मौका दिया। समय के साथ, ​​ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए विज्ञापन एजेंसियां भी विकसित हुई हैं। उन्होंने बाज़ार अनुसंधान, मीडिया योजना और विज्ञापन स्थान खरीदने तथा रचनात्मक कार्यों के साथ-साथ अपनी भूमिकाओं का भी विस्तार किया। पहले की, एजेंसियां विज्ञापन के पारंपरिक रूपों, जैसे समाचार पत्र और पत्रिका विज्ञापनों पर ध्यान केंद्रित करती थीं। तब उनका व्यवसाय सीधा था: रियायती कीमतों पर विज्ञापन स्लॉट खरीदना और लाभ कमाने के लिए उन्हें बड़े ब्रांडों को बेच देना।
लेकिन इंटरनेट के आगमन के साथ, उनकी भूमिका में बहुत बड़ा परिवर्तन देखा गया और नई चुनौतियाँ भी उनके सामने आईं। इंटरनेट से पहले, एजेंसियां ​​मुख्य रूप से ऑफ़लाइन विज्ञापन प्रयासों (Offline Advertising Efforts) पर ध्यान केंद्रित करती थीं। लेकिन इंटरनेट की बढती लोकप्रियता ने पारंपरिक एजेंसी मॉडल (Traditional Agency Model) को बाधित कर दिया।
विज्ञापन एजेंसियों को डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) के अनुरूप ढलना पड़ा और बड़ी मात्रा में उपलब्ध डेटा को समझना पड़ा। एडटेक कंपनियों (ADtech Companies) ने उन्नत तकनीकों का निर्माण किया जिससे कंपनियों को लक्षित ऑनलाइन अभियान चलाने और उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करने की अनुमति मिली। इससे कुछ ग्राहक कंपनियां विज्ञापन एजेंसियों के बजाय सीधे एडटेक कंपनियों के साथ काम करना पसंद करने लगी। बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए, विज्ञापन एजेंसियों को अपने अनुभव और रचनात्मकता को ऑनलाइन तकनीक के साथ जोड़ना पड़ा। उनके लिए अपने स्वयं के एडटेक समाधान विकसित करना और ग्राहक डेटा का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो गया। चुनौतियों के बावजूद, विज्ञापन एजेंसियां ​​अभी भी अपनी विशेषज्ञता और रचनात्मकता का लाभ उठाकर प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं। एडटेक कंपनियों के पास उन्नत लक्ष्यीकरण एल्गोरिदम (Algorithm) हो सकते हैं, लेकिन वे विज्ञापन एजेंसियों के समान स्तर की विज्ञापन विशेषज्ञता प्रदान नहीं कर सकते हैं।
इंटरनेट के आगमन के साथ, विज्ञापन परिदृश्य नाटकीय रूप से बदल गया। वैश्वीकरण और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण दुनिया भर में डिजिटल विज्ञापन एजेंसियों का उदय हुआ है। ये एजेंसियां ऑनलाइन मीडिया खरीदारी के अलावा भी विज्ञापन, सामग्री, ग्राफिक्स, ब्लॉग (Blog), वीडियो बनाने और उन्हें विभिन्न चैनलों पर चलाने जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं। आज की विज्ञापन एजेंसियां खरीदार के व्यक्तित्व का विश्लेषण करने और प्रभावी विज्ञापन चलाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों और विश्लेषणात्मक उपकरणों पर भरोसा करती हैं। वेब चटनी (Web Chutney), डेंटसु (Dentsu), ओमनिकोम ग्रुप (Omnicom Group) और क्रिएटिव थिंक्स मीडिया (Creative Thinks Media) जैसी प्रमुख विज्ञापन एजेंसियां, डिजिटल मार्केटिंग के विशिष्ट रूपों में विशेषज्ञ हैं और कुशल पेशेवरों और विश्लेषणात्मक डेटा का उपयोग करके सतीक लक्षित ग्राहकों तक पहुचती हैं। डिजिटल मीडिया के उद्भव ने मार्केटिंग रणनीतियों में क्रांति ला दी है और एडटेक उद्योग को बदलकर रख दिया है।
एडटेक उद्योग पर कोरोना महामारी का भी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभाव पड़ा है। महामारी के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऑनलाइन खर्च में 44% से अधिक की वृद्धि हुई। वहीं भारतीय एडटेक उद्योग एक छोटे पैमाने के व्यवसाय के रूप में शुरू हुआ और भारत में डिजिटल क्रांति के साथ तेजी से आगे बढ़ा। भारत अब चीन के बाद एशिया में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों (E-Commerce Platforms), टीवी चैनलों के उदय, निजीकरण और वेबसाइट ट्रैफ़िक (Website Traffic) में वृद्धि ने एडटेक उद्योग के विकास में योगदान दिया। पहले, वैयक्तिकृत विज्ञापनों में कुकीज़ (Cookies) और व्यक्तिगत पहचानकर्ताओं का उपयोग किया जाता था, जिससे गोपनीयता के बारे में चिंता बढ़ जाती थीं। हालाँकि, हाल के वर्षों में यह उद्योग गोपनीयता का सम्मान करते हुए एक सहज अनुभव प्रदान करते हुए आगे बढ़ा है।
आज, एडटेक उद्योग पूरे भारत में व्यापक स्तर के लोगों तक पहुंच गया है। यह ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है, लोगों की प्राथमिकताओं को समझता है और अनुकूलित विज्ञापन प्रदान करता है। यह लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स (Artificial Intelligence And Data Analytics) जैसी तकनीकों का भी सहारा ले रहा है। चुनौतियों के बावजूद, भारतीय एडटेक उद्योग के लिए भविष्य आशाजनक दिख रहा है। हालांकि इस उद्योग को बदलती डिजिटल रणनीतियों, ब्रांड आवश्यकताओं और उपभोक्ता व्यवहार के अनुकूल ढलने की जरूरत है।

संदर्भ
https://shorturl.at/buz48
https://shorturl.at/bmzFM
https://shorturl.at/abvY4

चित्र संदर्भ

1. कागज से लेकर स्क्रीन तक, विज्ञापनों के सफर को संदर्भित करता एक चित्रण (Pixabay)
2. सोनी के पुराने विज्ञापन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. टीवी देखते भारतीयों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. एक फर्नीचर के विज्ञापन को दर्शाता चित्रण (Free Vectors)
5. एक विज्ञापन एजेन्सी को दर्शाता चित्रण (Peakpx)
6. डिजिटल मार्केटिंग को दर्शाता चित्रण (Pixabay)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.