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मसकली ये कबूतरों की एक प्रजाति है। इन्हें वलयदार पूंछ के कबूतर भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इन्हें इस पूंछ की वजह से फैनटेल पिजन कहा जाता है। साधारण कबूतरों से यह काफी अलग होते हैं; देखने में भी और बर्ताव में भी। चार्ल्स डार्विन ने कबूतरों पर किये प्रयोगों से यह सिद्ध किया की बहुतायता से सारी कबूतर की प्रजातियाँ कोलंबिया लिविया (रॉक डोव) मतलब जंगली कबूतर से हैं तथा डार्विन के अनुसार कबूतर सबसे प्रथम पक्षी हैं जो मानव द्वारा पालतू बनाए गए। मेरठ में यह कबूतर बहुत संख्या में मिलते हैं तथा हरे कबूतर बहुत कम हैं। मान्यता है की मसकली कबूतर यह भारत, पाकिस्तान, चाइना अथवा स्पेन में पहली बार उत्पन्न हुई है। वलयदार पूंछ के ये कबूतर शायद कबूतरों में सबसे पुरानी पालतू नस्ल है जिनके साक्ष्य स्पेन से सन 1150 में और भारत में सन 1560 में मिलते हैं। कहा जाता है मुग़ल बादशाह अकबर के पास करीब 2000 से भी ज्यादा कबूतर थे और इनमे से मोहना यह मसकली क़िस्म का कबूतर उनका सबसे प्रिय कबूतर था। भारतीय मसकली नस्ल काफी सुन्दर होती है और इस प्रकार के अन्य देशों में मिलने वाली प्रजातियों से अलग भी। अंग्रेजी मसकली से यह बड़े होते हैं तथा इनकी पूंछ ज्यादा वलयदार और विशिष्ट होती है। भारतीय मसकली को कलगी होती है, वे ज्यादा बड़े होते हैं और उनके पैर परयुक्त होते हैं। बाहरी प्रजातियों की तुलना में यह ज्यादा शांत और विनीत होते हैं। यह सहज रूप में पालतू होते हैं तथा उन्हें सिखाना बहुत आसान होता है। यह ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड सकते। इनका जीवनकाल 10 से 12 साल का होता है। प्रस्तुत चित्र मेरठ के श्री रोबिनसन के पालतू मसकली कबूतर के हैं। 1. इंडियन फैनटेल https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_Fantail 2. इंडियन फैनटेल पिजन http://www.roysfarm.com/indian-fantail-pigeon/ 3. फैनटेल्स http://www.feathersite.com/Poultry/Pigeons/BRKFans.html 4. चार्ल्स डार्विन- विनोद कुमार मिश्रा https://goo.gl/ydg81w 5. नेचर्स फैंसी: चार्ल्स डार्विन एंड द ब्रीडिंग ऑफ़ पिजन्स-जेम्स सेकोर्ड http://www.blc.arizona.edu/courses/schaffer/449/Pigeons/Secord%20-%20Darwin%20and%20Pigeons.pdf
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