अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए भारत में बढ़ रही है, स्टार फ्रूट या कैरम्बोला की लोकप्रियता

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अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए भारत में बढ़ रही है, स्टार फ्रूट या कैरम्बोला की लोकप्रियता

स्टार फ्रूट (Star fruit),जिसे कैरम्बोला (Carambola) के नाम से भी जाना जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो मूल रूप से दक्षिण पूर्व एशिया का है। हालांकि अब इसका उत्पादन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है। चूंकि इसकी आकृति एक तारे के समान होती है, इसलिए इसका नाम स्टार फ्रूट रखा गया है। तो आइए आज इसकी उत्पत्ति और वितरण की सचित्र जानकारी प्राप्त करते हैं।
स्टार फ्रूट का पूरा फल खाने योग्य होता है। वैसे तो इसे कच्चा खाया जाता है, किंतु इसे पकाकर इससे विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जा सकते हैं।आमतौर पर इसका उपभोग दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, माइक्रोनेशिया (Micronesia),पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों, संयुक्त राज्य अमेरिका (United States), लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों आदि में किया जाता है।इसकी उत्पत्ति की बात करें, तो यह मूल रूप से उष्णकटिबंधीय दक्षिण पूर्व एशिया का है, जहां सदियों से इसकी खेती की जाती रही है।यह भारतीय उपमहाद्वीप और श्रीलंका (Sri Lanka) में ऑस्ट्रोनीशियन (Austronesian) व्यापारियों द्वारा पेश किया गया था।हालाँकि, अधिकांश वनस्पति शास्त्री मानते हैं कि कैरम्बोला का असली मूल मलेशिया (Malaysia), इंडोनेशिया (Indonesia) या मोलुक्का (Molucca) द्वीप समूह है। कुछ का मानना है कि कैरम्बोला मलय द्वीप समूह से दुनिया के अन्य भागों में फैला।किंतु पुर्तगालियों को कैरम्बोला मलय में मिलने से पूर्व भारत में मिल चुका था।कैरम्बोला 1598 में डच यात्री लिंसचोटेन (Linschoten) के माध्यम से यूरोप (Europe) पहुंचा था। कुछ वनस्पति विज्ञानियों का दावा है कि पुर्तगाली (Portuguese) भारत से दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका (Africa) के क्षेत्रों में कैरम्बोला ले गए थे, लेकिन इसे स्वीकार करना मुश्किल है। हालांकि कैरम्बोला बहुत पहले से ही धरती पर उग रहा था,लेकिन दुनिया के ऐसे अनेकों हिस्से हैं, जहां के लिए यह एक नया फल है। उदाहरण के लिए अमेरिका ने 18 वीं शताब्दी के अंत तक और अफ्रीका ने 19वीं सदी तक कैरम्बोला नहीं उगाया था।इज़राइल (Israel) में इस पर प्रयोग 1935 में शुरू हुए।
वर्तमान समय में कैरम्बोला के सबसे बड़े उत्पादक मलेशिया,ताइवान (Taiwan), गुयाना (Guyana), भारत, फिलीपींस (Philippines), ऑस्ट्रेलिया (Australia), इज़राइल,फ्लोरिडा (Florida) और हवाई(Hawaii) हैं।हालाँकि भारत कैरम्बोला के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है,फिर भी इसे यहां एक मामूली फल माना जाता है।कैरम्बोला गर्म और नम जलवायु में 1,200 मीटर तक के पहाड़ी क्षेत्रों में पनपते हैं। "माइनर फ्रूट क्रॉप्स ऑफ इंडिया" (Minor Fruit Crops of India) पुस्तक के अनुसार, कैरम्बोला मुख्य रूप से दक्षिणी राज्यों और पश्चिमी तट के साथ-साथ केरल से पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं। कैरम्बोला स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फ़ार्मेसी (International Journal of Pharmacy) द्वारा प्रकाशित 2012 की एक रिपोर्ट में कैरम्बोला के कई पारंपरिक उपयोग बताए गए हैं।भारत में बुखार और आंखों के संक्रमण को कम करने के लिए इसका जूस पीते हैं, जबकि ब्राजीलियाई (Brazilians) लोग मूत्राशय और गुर्दे की समस्याओं के इलाज के लिए इसके फलों का सेवन करते हैं। यह गले के संक्रमण, खांसी, दमा, दस्त, भोजन की विषाक्तता, मुंह के छाले, दांत दर्द आदि के उपचार में भी सहायक है।
2004 में लीबेन्समिटेल-विसेन्सचाफ्ट टेक्नोलोजी (Leibensmittel-Wissenschaft und Technologie) पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि फल के फाइबर युक्त अंशों में हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglyceamic) गुण होते हैं, और इस प्रकार यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।फूड केमिस्ट्री (Food Chemistry) में प्रकाशित 2006 के एक अध्ययन में पाया गया है कि स्टारफ्रूट में एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है।कैरम्बोला के अर्क में अल्सर-रोधी गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण भी होते हैं जो त्वचा विकारों को दूर करने में सहायक है।यह विटामिन c और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है।इसकी 100 ग्राम मात्रा से 128 किलो जूल की खाद्य ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।कैरम्बोला में कैरमबॉक्सिन (Caramboxin) और ऑक्सलिक अम्ल (Oxalic acid) होता है। यह उन लोगों के लिए हानिकारक है, जो गुर्दे से सम्बंधित समस्याओं से ग्रसित हैं।गुर्दे से सम्बंधित समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति यदि इसका सेवन करता है, तो उसे हिचकी, उल्टी, मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। महंगे बाजारों में कैरम्बोला का दिखना अब एक आम बात है, क्यों कि इसका उपयोग कच्चे फल के रूप में तो किया ही जा रहा है,साथ ही चटनी, अचार और करी जैसे खाद्य पदार्थों को बनाने में भी किया जा रहा है। कुछ स्थानीय बाजारों में इसकी कीमत 7 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि कुछ महंगे बाजारों में इसकी कीमत 20 रुपये से 40 रुपये प्रति किलोग्राम है। पूरे भारत में कैरम्बोला का कुल उत्पादन कितना है, इसकी सही जानकारी अभी मौजूद नहीं है, किंतु चूंकि इससे अनेकों अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं, तथा गर्मियों के महीनों में अपने खट्टे-मीठे स्वाद के कारण इसकी बिक्री अत्यधिक होती है, इसलिए भारत में इसका एक अच्छा बाजार हो सकता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3mEjnTM
https://bit.ly/3UIfUjA
https://bit.ly/3UJ1z6g
https://bit.ly/3L6s968

चित्र संदर्भ
1. स्टार फ्रूट या कैरम्बोला को संदर्भित करता एक चित्रण (Max Pixel)
2. कैरम्बोला के पेड़ को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. 7, 6, और सामान्य 5 कोनो में वाले कटे हुए कैम्बोला को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. भारतीय मसालों के साथ कैरम्बोला को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)

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