मेरठ के सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर में दीप जलाने व हनुमान चालीसा का पाठ करने की विशेष महत्ता

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
06-04-2023 10:20 AM
Post Viewership from Post Date to 10- May-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
783 1215 1998
मेरठ के सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर में दीप जलाने व हनुमान चालीसा का पाठ करने की विशेष महत्ता

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हनुमान चालीसा का चलचित्र अर्थात वीडियो, ‘यूट्यूब’ (youtube) पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाला पहला भारतीय वीडियो बन चुका है, जिसे 3 अरब से भी अधिक लोग देख चुके हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हमारे मेरठ शहर में स्थित, “सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर” में सुंदरकांड तथा हनुमान चालीसा का पाठ बड़ी श्रद्धा के साथ किया जा रहा है । तुलसीदास द्वारा लिखित “हनुमान चालीसा” अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है, जिसमें प्रभु श्री राम के महान भक्त हनुमान जी के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन किया गया है। हनुमान जी भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार वे श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त हैं। हनुमान जी को समर्पित “हनुमान चालीसा” में दो परिचयात्मक दोहे और अंत में एक दोहे सहित 40 छंद या चौपाइयां शामिल हैं, जिनमें हनुमान जी और उनके कई गुणों जैसे उनकी शक्ति, साहस, ज्ञान और प्रभु श्री राम के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति की प्रशंसा की गई है। पहला परिचयात्मक दोहा ‘श्री’ शब्द से शुरू होता है, जो शिव को संदर्भित करता है, जिन्हें हनुमान जी का गुरु माना जाता है। प्रथम दस चौपाइयों में हनुमान के शुभ स्वरूप, ज्ञान, गुण, शक्ति और पराक्रम का वर्णन किया गया है। इसके बाद की चौपाइयों में रामजी की सेवा में हनुमानजी के कृत्यों, लक्ष्मण को चेतना में वापस लाने में हनुमानजी की भूमिका, हनुमानजी की कृपा की आवश्यकता का वर्णन किया गया है। अंतिम चौपाई और दोहे में तुलसीदास जी भक्ति के साथ हनुमान जी का अभिवादन करते हैं और उनसे अपने साथ साथ भक्तों के हृदय में भी निवास करने का अनुरोध करते हैं। “पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप॥”
शैव परंपरा के अनुसार, हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी को उनके कई साहसी कारनामों और उनकी अविश्वसनीय शक्तियों के लिए जाना जाता है। हनुमान चालीसा में उनकी कई विशेषताओं का विस्तार से वर्णन किया गया है और इसे हनुमान के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण भक्ति पाठ माना जाता है।
हनुमान चालीसा के लेखन का श्रेय “गोस्वामी तुलसीदास” जी को दिया जाता है, जो 16वीं शताब्दी ईसवी के एक प्रसिद्ध हिंदू कवि-संत थे । तुलसीदास जी भी प्रभु श्री राम के एक प्रसिद्ध भक्त थे, जो अवधी भाषा में रामायण के अनुवाद, महाकाव्य “रामचरितमानस” के रचयिता हैं। रामचरितमानस एक प्रसिद्ध लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। तुलसीदास जी को व्यापक रूप से हिंदी, भारतीय और विश्व साहित्य में सबसे महान कवियों में से एक माना जाता है। भारतीय संस्कृति और समाज पर उनके लेखन का प्रभाव आज भी देखा और महसूस किया जा सकता है। तुलसीदास जी को वाराणसी के प्रसिद्ध ‘संकट मोचन हनुमान मंदिर’ का संस्थापक भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी मंदिर में उन्हें हनुमान जी के दर्शन हुए थे। तुलसीदासजी के बारे में व्याप्त अधिकांश कहानियाँ मौखिक रूप में मौजूद हैं और पूरी तरह से तथ्यात्मक नहीं हैं। प्रिय दास की जीवनी में, तुलसीदास के पास चमत्कारी शक्तियाँ होने के बारे में कहा गया है। ऐसे ही एक चमत्कार के बारे में माना जाता है कि उन्होंने भगवान राम का नाम लेकर एक मृत ब्राह्मण को पुनर्जीवित कर दिया था।
उनसे जुड़ी एक और किवदंती अति लोकप्रिय है, जिसके अनुसार एक बार मुगल सम्राट अकबर से उनका विवाद हो गया। जिसके बाद, अकबर ने तुलसीदास जी को कैद कर लिया और उन्हें एक चमत्कार दिखाने के लिए कहा।
लेकिन तुलसीदास जी ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया और इसके बजाय 40 दिनों तक हनुमान चालीसा का जाप किया। माना जाता है कि चालीस दिनों के बाद बंदरों की विशालकाय सेना ने पूरे शहर में तबाही मचा दी। यह सब देखकर सम्राट अकबर तुलसीदास के चरणों में गिर पड़े, उन्हें रिहा किया और क्षमा याचना करने लगे। इसके पश्चात् तुलसीदास जी ने बंदरों के आतंक को रोक दिया और अकबर को उस स्थान को त्यागने का आदेश दिया। बादशाह सहमत हो गए और वापस दिल्ली चले गए। माना जाता है कि इसके बाद बादशाह अकबर और तुलसीदास आपस में घनिष्ठ मित्र बन गए। अकबर ने एक फ़रमान भी जारी किया जिसमें कहा गया था कि “उनके राज्य में भगवान राम, भगवान हनुमान और अन्य हिंदुओं के अनुयायियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।” तुलसीदास को मूल रामायण के लेखक वाल्मीकि का पुनर्जन्म भी माना जाता था।
इन कहानियों को मौखिक परंपरा के माध्यम से पारित किया जाता है, जिससे तथ्य को कल्पना से अलग करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। बहरहाल, तुलसीदास भारतीय संस्कृति में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और उन्हें भगवान राम की भक्ति और भक्ति साहित्य ‘श्रीरामचरितमानस’ एवं ‘हनुमान चालीसा’ जैसी उत्कृष्ट रचनाएं करने के लिए आज भी याद किया जाता है।
हर दिन लाखों हिंदुओं द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का जाप करने से गंभीर से गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। आज हनुमान जन्मोत्सव के इस पावन अवसर पर पूरे देशभर के मंदिरों में बढ़-चढ़कर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। हमारे शहर मेरठ के बुढाना गेट स्थित ‘सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर’ में भी हनुमान जन्मोत्सव को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
आइए आज इस मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर डालते हैं:
➼इस मंदिर में हनुमान जी के 24 घंटे दर्शन किए जा सकते हैं और देर रात भी भक्तों को मंदिर के बाहर देखा जा सकता है।
➼160 साल पहले बाल ब्रह्मचारी शिव धन और उनके भाई छोटे लाल जी ने इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी।
➼2015 में मंदिर का व्यापक जीर्णोद्धार हुआ है, और राधा कृष्ण की चांदी से बनी मूर्तियों को पहली मंजिल पर स्थापित किया गया ।
➼इस मंदिर में पिछले 21 साल से अखंड ज्योत जल रही है।
➼माना जाता है कि मंदिर में 40 दिनों तक हनुमान जी के सामने दीपक जलाने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
➼यहां पर हनुमान जी को वस्त्र चढ़ाने की पुरानी परंपरा है। हर मंगलवार को पवनसुत को चोले चढ़ाए जाते हैं ।
➼हनुमान जी के प्राकट्य दिवस अर्थात हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर इस मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है।
इसलिए, यदि आप हनुमान जी की दिव्य आभा का अनुभव करना चाहते हैं, तो हमारे मेरठ में स्थित इस सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर में अवश्य जाएँ और चल रहे हनुमान जन्मोत्सव का हिस्सा बनें।

संदर्भ
https://bit.ly/3ZExNjY
https://bit.ly/40A7Za1

चित्र संदर्भ
1. हनुमान उपासना को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. हनुमान चालीसा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. रूद्र शिव को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. संत कवि तुलसीदास को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. वाराणसी में संकट मोचन हनुमान मंदिर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
6. हनुमान चालीसा पुस्तक को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.