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आज हमारा मेरठ शहर आधुनिकीकरण की ओर तेजी से बढ़ रहा है । अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के साथ, मेरठ अब नए रोमांचक विकास के साथ एक आधुनिक, विकसित शहर का एक नया अवतार ले रहा है। इस आधुनिकीकरण का सीधा प्रभाव शहर के रियल एस्टेट (Real estate) या अचल संपत्ति के बाजार पर पड़ रहा है, जो इसे नए घर खरीदारों के लिए एक आकर्षक स्थान बनाता है। पिछले कुछ वर्षों में, मेरठ अपने बढ़ते बुनियादी ढांचे और सस्ती संपत्ति की कीमतों के कारण रियल एस्टेट निवेश के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में उभरा है।
देश की राजधानी दिल्ली के कुछ लोग मेरठ में अपने परिवार के साथ रहने का फैसला कर रहे है।
क्योंकि, आगामी ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (Regional Rapid Transit System(RRTS) परियोजना के माध्यम से उन्हें दिल्ली से आने–जाने में आसानी होगी। यह परियोजना दिल्ली और मेरठ के बीच एक उच्चगति वाली रेलश्रृंखला है, जिसके 2025 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे दिल्ली के उप शहर पहले से ही बहुत विकसित और भीड़भाड़ वाले इलाके होने के कारण अत्यंत महंगे हो गए हैं। परंतु दिल्ली से मेरठ तक बेहतर संयोजकता होने पर उस क्षेत्र के लोगों को अपने पेशे से बिना समझौता किए वहां रहने और तुलनात्मक रूप से कम महंगी संपत्ति में निवेश करने का विकल्प प्राप्त होगा ।
आरआरटीएस कॉरिडोर ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम’ (The National Capital Region Transport Corporation (NCRTC) द्वारा बनाया जा रहा भारत का पहला 82-किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर है, यह एक उच्चगति वाला रेल-आधारित ट्रांजिट नेटवर्क है। इस कॉरिडोर (Corridor) में 2 डिपो (Depot) स्टेशनों सहित 25 स्टेशन होंगे। आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होगा और आनंद विहार, तथा उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई, मुरादनगर, मोदी नगर और मेरठ जैसे क्षेत्रों से होते हुए मोदीपुरम पर समाप्त होगा। आरआरटीएस द्वारा दिल्ली और मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की दूरी को मात्र 55 मिनट में तय किया जा सकेगा । साथ ही, इसी कॉरिडोर पर मेट्रो भी चलाई जाएंगी। आगामी मेरठ मेट्रो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ मेरठ की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अन्य शहरों से संयोजकता को बढ़ाएगी और मेरठ को स्थानीय स्तर के साथ-साथ दिल्ली से भी जोड़ेगी।
आरआरटीएस कॉरिडोर और उत्तर प्रदेश सरकार की हालिया ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (Transit Oriented Development) नीति भी, जो इस कॉरिडोर के साथ वाले क्षेत्रों को विकसित करना चाहती है, अचल संपत्ति बाजार के लिए काफी परिवर्तक हैं। जो लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में संपत्ति खरीदना चाहते हैं, वे अब मेरठ, मोदी नगर, मुरादनगर, दुहाई और गाजियाबाद के बाहरी इलाकों में निवेश करने के लिए आगे आ रहे हैं। क्योंकि अब वे अपने मूल शहर में भी स्थायिक हो सकते है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Expressway) ने पहले ही इस क्षेत्र की संयोजकता में सुधार किया है और आरआरटीएस तथा ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति द्वारा इसे और अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है । इन सभी कारकों ने इस क्षेत्र में अचल संपत्ति में अधिक निवेश के अवसर खोल दिए हैं।
आरआरटीएस कॉरिडोर की वजह से इन क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में भूमि की दरों में 35% से 40% की वृद्धि हुई है, जो कुछ साल पहले के 12,000-15,000 रुपये प्रति वर्ग गज के भाव से बढ़कर 18,000–20,000 रुपये प्रति वर्ग गज हो गई है । विशेष रूप से मेरठ में आरआरटीएस मार्ग के पास स्थित संपत्तियों के लिए कीमतों में वृद्धि हुई है और शहर में विकास उत्साहजनक है।
मेरठ एक संपन्न रियल एस्टेट बाजार है। शहर में कई नई आवासीय परियोजनाएं चालू हैं, और ये परियोजनाएं नए घर खरीदारों को अपनी आधुनिक सुविधाओं और सस्ती कीमतों के साथ आकर्षित कर रही हैं। मेरठ में नए घर खरीदारों के सामने उनके बजट के अनुकूल अपार्टमेंट (Apartment) से लेकर शानदार विला (Villa) तक कई विकल्प मौजूद हैं, जिससे उनके लिए अपनी जरूरतों और बजट के अनुरूप घर ढूंढना आसान हो गया है । आवासीय संपत्ति के अलावा, मेरठ कई वाणिज्यिक अचल संपत्तियों जैसे कार्यालय स्थान, खुदरा दुकानें, और औद्योगिक इकाइयां आदि में निवेश के अवसर भी प्रदान करता है।
अपने अमृत (AMRUT) और स्मार्टसिटी (Smart city) कार्यक्रमों के माध्यम से बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी को जोड़ने के प्रयासों के बाद, भारत सरकार अब अधिकांश भारतीय शहरों में हो रही परिवर्तन प्रक्रिया को तेज करने के लिए ‘ट्रांज़िट ओरिएंटेड डेवलपमेंट’ (Transit Oriented Development (TOD) नीति विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। टीओडी शहरी विकास की नियोजन नीति का एक प्रकार है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन स्टेशनों के आसपास नौकरियों, आवास और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। यह परिवर्तन, संबंधित शहरों में बहुत सारे निवेश को आकर्षित करेगा, और स्थायी रूप से शहरों में लोगों के रहने की क्षमता को बढ़ाएगा। इस तरह के विकास नागरिकों को निजी वाहनों का उपयोग करने के बजाय पैदल चलने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
टीओडी न केवल निवासियों के आने-जाने की दैनिक परेशानी को कम करता है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के पास स्थित आवासीय परिसर में लाभ एवं सुविधाओं के माध्यम से संपत्ति की कीमतों में वृद्धि का लाभ भी लाता है। क्योंकि समय और लागत कम होने के मामले में भारी बचत होती है। आवासीय इकाइयों का किराया भी काफी बढ़ जाता है, क्योंकि अधिक लोग तेज और सस्ते परिवहन से लाभ उठाने के लिए मेट्रो स्टेशनों के पास रहना चाहते हैं ।
आइए अब, शहरीकरण के संदर्भ में पारगमन उन्मुख विकास के लाभ जानते है। टीओडी के द्वारा शहरों में विकास के नए अवसर सामने आते हैं। यह शहरों के भीतर सघन और नियंत्रित विकास को प्राप्त करने में मदद करता है, और इससे औसत यात्रा का समय और परिवहन पर खर्च दोनों कम हो जाते हैं । टीओडी ट्रांजिट कॉरिडोर वाले ट्रांजिट स्टेशन आवासीय स्थानों से 500 से 800 मीटर की पैदल दूरी पर स्थित होते हैं जिससे यह हमारी चलने की क्षमता को बढ़ाता है तथा सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। इससे रहने, काम करने और खेलने के लिए बेहतर जगहों के साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। टीओडी उपलब्ध शहरी भूमि का अधिकतम उपयोग करता है, जिससे किफायती आवास की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो जाती है। स्थिर संपत्ति की कीमतें थोड़ी बढ़ जाती है, जिससे बेहतर नगरपालिका राजस्व मिल सकता है। इस विकास के कारण विस्तारित आर्थिक अवसर और सार्वजनिक सुरक्षा भी मिल सकती है।
जैसे कि हमने पढ़ा, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम तथा पारगमन उन्मुख विकास एवं इनसे होने वाले लाभ शहर के अचल संपत्ति बाजार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहे हैं । हमारे मेरठ शहर में हो रहे ये बदलाव दिन प्रतिदिन लोगों को शहर के अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए आकर्षित कर रहे हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/3K4zvqj
https://bit.ly/3GcfXyf
https://bit.ly/3ngRxNe
चित्र संदर्भ
1. दिल्ली मेरठ आरआरटीएस ट्रेन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. आरआरटीएस दिल्ली मेरठ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. मेरठ में एक निर्माणाधीन ओवरपास को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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