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पोलैंड (Poland) में क्रैको (Kraków) नामक एक ऐसा शहर है, जहां के समुद्रों में नहीं बल्कि आबोहवा में ही नमक घुला है। हालांकि, पारंपरिक रूप से यह शहर पोलैंड के अकादमिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और कलात्मक जीवन के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा है, लेकिन इस शहर का इतिहास संघर्ष और यातनाओं से भी भरा पड़ा है।
ऐतिहासिक रूप से भारत और पोलैंड के आपसी संबंध आम तौर पर मैत्रीपूर्ण ही रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों का इतिहास, 16वीं सदी जितना पुराना है, जब पुनर्जागरण काल और समुद्री मार्गों की खोज अवधि के दौरान पहली बार पोलिश अमीरों, व्यापारियों, लेखकों और राजनेताओं ने भारत का रुख किया था। इन यात्राओं ने पोलिश लोगों के बीच भारतीय सभ्यता, दर्शन, आध्यात्मिक परंपराओं, कला और संस्कृति के प्रति गहरी रुचि को बढ़ाने का काम किया।
पावेल पाल्ज़ोव्स्की (Pawel Palzowski,) भारत के साथ संपर्क करने वाले सबसे शुरुआती पोलिश गणमान्य व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं, जो उस समय के एक बड़े रईस और राजनेता थे। उन्होंने राजा सिगिस्मंड III वासा (Sigismund III Vasa) के शाही दरबारी के रूप मे भी अपनी सेवा प्रदान की थी। भारत और पोलैंड के आपसी संबंधों को मजबूत करने वाले, इस अवधि के अन्य उल्लेखनीय नामों में इरैज्म क्रेटकोव्स्की (Erasm Kratkowski) और क्रिज़्सटॉफ़ पावलोव्स्की (Krzysztof Pawlowski) भी शामिल हैं, जो नाविक होने के साथ-साथ राजनयिक भी थे।
पोलिश कैथलिक पादरी (Polish Catholic Priest), अनुवादक और कवि, स्टैनिस्लौ ग्रोकोव्स्की (Stanislaw Grochowski ) ने भी भारत-पोलिश संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1611 में, उन्होंने एक पुस्तक प्रकाशित की जिसका शीर्षक ‘कुडो वायर्स ज़े इंडीज्स्कीगो जेज़ीका’ (Cudowne Wiersze z Indyjskiego Jezyka ) था। यह पुस्तक हिंदू धर्म के एक पवित्र पाठ श्रीमद भागवत गीता का अनुवाद थी। यह पुस्तक मूल रूप से इतालवी कवि और जेसुइट मिशनरी (Jesuit Missionary), फ्रैंसिस्को बेन्सी (Francisco Bensi) द्वारा संस्कृत से लेटिन भाषा में अनुवादित पाठ्य का पोलिश भाषा में अनुवाद थी । , वह पहले भारत में रहते थे और बाद में पोलैंड में एक जेसुइट विश्वविद्यालय (Jesuit University ) में पढ़ाने लगे ।
समय के साथ भारत और पोलैंड ने अपने रक्षा संबंधों को भी मजबूत किया है। दोनों देश व्यापक रक्षा सहयोग के लिए सैन्य सहयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के रक्षा सौदों में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के शांति अभियानों के लिए पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण प्रदान करने तथा सैन्य अभ्यास के दौरान पर्यवेक्षकों का आदान-प्रदान करने जैसी गतिविधियां शामिल हैं। 2003 में, भारत और पोलैंड ने रक्षा सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, और तब से भारत ने टैंक आधुनिकीकरण और वायु रक्षा मिसाइलों के लिए पोलैंड को $600 मिलियन के अनुबंध भी दिए हैं। दोनों देश अपने रक्षा उद्योगों के निजीकरण और एक दूसरे के उद्योगों में निवेश करने पर भी विचार कर रहे हैं। हालांकि, भारत और पोलैंड के बीच इस बढ़ती साझेदारी ने रूस को निराश किया है, जो पहले भारत को अपने सैन्य हार्डवेयर (Military Hardware) के लिए एक विश्वसनीय बाजार के रूप में देखता था।
पोलैंड की संस्कृति तथा इतिहास को गहराई से समझने के लिए, आप यहां के क्रैको नामक एक प्राचीन शहर का भ्रमण कर सकते हैं, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है। इस शहर का 7वीं शताब्दी जितना पुराना एक लंबा इतिहास रहा है। क्रैको शहर, 1596 तक पोलैंड की आधिकारिक राजधानी हुआ करता था। क्रैको को वैवल हिल (Wawel Hill) नामक पहाड़ी पर स्थापित किया गया था, जिसकी सबसे पुरानी ज्ञात बस्ती चौथी शताब्दी की है। ऐसी मान्यता है कि यह शहर क्रैकस (Krakus) नामक एक पौराणिक शासक द्वारा स्थापित किया गया था, जिसने इसे एक खूंखार अजगर के कब्जे वाली गुफा के ऊपर बनाया था।
पोलिश राज्य के गठन से पहले, क्रैको विस्चुलन (Vistulan) जनजाति की राजधानी थी, जिसे ग्रेट मोराविया राज्य (Great Moravia) ने थोड़े समय के लिए अधीन कर लिया था। हंगरी (Hungary) द्वारा ग्रेट मोराविया को पराजित करने के बाद, क्रैको बोहेमिया (Bohemia) राज्य का हिस्सा बन गया। 10वीं शताब्दी के अंत तक, क्रैको शहर व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन गया । द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, नाज़ियों (Nazi) द्वारा क्रैको पर कब्जा कर लिया गया और यहां पर क्रैको यहूदी बस्ती की स्थापना कर दी गई, जहां शहर की यहूदी आबादी को रहने के लिए मजबूर किया गया था। उनमें से कई लोगों को तब नाज़ी संहार शिविरों और नाज़ी यातना शिविरों में भी भेज दिया गया था। लेकिन इन सब के बावजूद, क्रैको बड़े विनाश और बमबारी से बच गया।
आज की तारीख में क्रैको वैश्विक तौर पर जाना जाने वाला एक शहर और प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी गॉथिक वास्तुकला (Gothic Architecture), पुनर्जागरण और बारोक वास्तुकला (Baroque Architecture) के लिए जाना जाता है। यह शहर अपनी सुंदरता के साथ-साथ अपने शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) घोषित किया गया है।
क्रैको में रहने वाले लोगों को पोलिश भाषा में क्रैकोइयन (Krakówians) या क्रैकोइयनिन (Krakowianin) कहा जाता है। 2008 तक इस शहर की आबादी लगभग 756,441 थी। यह पोलैंड के सबसे पुराने और सबसे बड़े शहरों में से एक है और विस्चुला नदी (Vistula River) के तट पर पोलैंड निचले क्षेत्र में स्थित है।
आज यह शहर जैगिलोनियन विश्वविद्यालय (Jagiellonian University) और राष्ट्रीय संग्रहालय जैसे कई महत्वपूर्ण संस्थानों का घर भी है। 2000 में इस शहर को ‘यूरोपियन कैपिटल ऑफ कल्चर’ (European Capital Of Culture) का दर्जा भी दिया गया था। इस वर्ष 2023 में, यह शहर यूरोपीय खेलों की मेजबानी भी करेगा।
क्रैको में स्थित मानव निर्मित विलीज़्का साल्ट माइन (Wieliczka Salt Mine) को प्राकृतिक सुंदरता का एक असाधारण उदाहरण माना जाता है। इसकी अनूठी भूवैज्ञानिक संरचना अद्वितीय मानी जाती है जो कहीं और नहीं देखी जाती है। क्रैको में स्थित यह नमक की खान दुनिया की सबसे पुरानी नमक की खानों में से एक मानी जाती है। यह खदान 13वीं शताब्दी की है, और कभी यह पोलैंड में नमक का सबसे बड़ा स्रोत हुआ करती थी, जो लोगों को रोजगार और आजीविका प्रदान करती थी ।
हालांकि इस स्थान पर सबसे पहले नमक 6,000 साल पहले निकाला गया था, लेकिन खदान की स्थापना 13वीं शताब्दी में हुई थी, जब नमक को एक मूल्यवान वस्तु माना जाता था । आज, यह खदान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है और एक राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्मारक है। इस खदान में नौ स्तरों में फैले 3,000 कक्ष हैं, जो पृथ्वी की सतह से 327 मीटर नीचे तक फैले हुए हैं। यहां आने वाले आगंतुक गुफाओं के वाल्टों, झूमरों, मूर्तियों, और भित्ति चित्रों से काफी अधिक प्रभावित होते हैं। इनमें नमक खनन प्रौद्योगिकी में की गई प्रगति को प्रदर्शित करने वाले प्रदर्शन भी शामिल हैं। आज ‘विल्लिज़्का साल्ट माइन’ को औद्योगिक इतिहास का चमत्कार माना जाता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3JAPyuS
https://bit.ly/3JQ1KsH
https://bit.ly/3lshfh6
https://bit.ly/3Jvx66v
चित्र संदर्भ
1. क्रैको (Kraków) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मार्केट स्क्वायर में सेंट मैरी बेसिलिका से क्राको के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. क्राकोव केंद्र के नक़्शे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. क्राको के आधिकारिक लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जैगिलोनियन विश्वविद्यालय को संदर्भित करता एक चित्रण (Picryl)
6. विलीज़्का साल्ट माइन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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