समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
Post Viewership from Post Date to 15- Mar-2023 (5th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1490 | 791 | 2281 |
जल उद्यान, बागवानी का एक बहुत ही सुंदर रूप होते हैं, जो युगों से हमारे बीच मौजूद हैं। रामायण और महाभारत में भी कई आदर्श जल उद्यानों का उल्लेख मिलता है। हालांकि, हमारे मेरठ में कोई भी अति प्रख्यात जल उद्यान मौजूद नहीं है। लेकिन फिर भी, शहर में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान बनाए गए कंपनी बाग, जिसे गांधी बाग भी कहा जाता है, जैसे बगीचे देखे जा सकते हैं।
जलीय उद्यान, ऐसे बगीचों, या बगीचों के कुछ हिस्सों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जहां पानी सबसे प्रमुख तत्व होता है। हालांकि, इन उद्यानों में पौधों को ही प्राथमिकता दी जाती है फिर भी जल निकायों की मौजूदगी के कारण इनमें जलीयपक्षी एवं मछली जैसे जलीय जीवो की मौजूदगी भी देखी जा सकती है। आकार और शैली के आधार पर जलीय उद्यान बहुत भिन्न होते हैं। जलीय बागवानी, झीलों, नदियों और तालाबों के अनुकूल बढ़ने वाले पौधों से संबंधित है। ज्यादातर इन उद्यानों में जल संग्रहों की गहराई, तकरीबन बीस इंच (50 सेमी) से भी कम होती है । ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश जलीय पौधे गहराई के प्रति संवेदनशील होते हैं और उन्हें पनपने के लिए पानी के विशिष्ट स्तर की आवश्यकता होती है। कभी-कभी इन जल उद्यानों के अंदर विशेष जलीय पौधों के समूह जैसे वाटर लिली (Water Lily) को उगाने के लिए विशिष्ट दलदल उद्यानों का भी निर्माण किया जाता है ।
जल उद्यानों के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
१. प्राकृतिक सौंदर्य : बहते पानी, वनस्पतियों, जीवों, रंगीन पक्षियों और तितलियों के साथ एक जल उद्यान , उद्यान प्रांगण में प्राकृतिक सुंदरता जोड़ता है।
२. कायाकल्प: प्रकृति के साथ समय बिताने और पौधों को बढ़ते हुए देखने से मन को अत्यधिक शांति प्राप्त होती है जिसके कारण मन और शरीर का कायाकल्प हो सकता है।
३. सामाजिकता: दोस्तों के साथ मिलने के लिए जल उद्यान, एक बेहतरीन विकल्प होते है।
४. स्वास्थ्य: पानी के निकट एक खुली जगह, काम करने के लिए बेहतर एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने के लिए आदर्श होती है, जिससे बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
५. रचनात्मकता: एक जल उद्यान रचनात्मकता बढ़ाने के लिए असीमित अवसर प्रदान करता है।
६. पर्यावरण: एक जल उद्यान नाजुक वनस्पतियों और जीवों को बढ़ावा देकर, पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम् योगदान देता है।
जलीय उद्यानों के इतने लाभों के बारे में जानकर निश्चित ही प्रत्येक मेरठ वासी का मन भी यही चाहेगा कि यहां भी विशिष्ट जल उद्यानों का निर्माण हो। हालांकि हमारे शहर मेरठ में विशिष्ट जल उद्यान तो नहीं है किंतु कुछ लोकप्रिय पार्क और उद्यान अवश्य हैं जिनकी सूची निम्नवत दी गई हैं:
१. गांधी बाग: मेरठ में मौजूद इस उद्यान को कंपनी उद्यान (Company Gardens) भी कहा जाता है क्योंकि यह अंग्रेजों के लिए एक लोकप्रिय मनोरंजन स्थल हुआ करता था । यह उद्यान मेरठ के छावनी क्षेत्र में स्थित है। यहाँ हर शाम एक म्यूजिकल फाउंटेन शो (Musical Fountain Show) आयोजित होता है। कंपनी उद्यान या गांधी बाग में कई बरगद के पेड़ों के साथ चारों ओर हरियाली है जो इसे सभी आयु समूह के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है। इस उद्यान में स्प्रिंग फेस्टिवल शो (Spring Festival show) के नाम से एक फूल प्रदर्शनी हर साल आयोजित की जाती है जो लोगों को बहुतायत में आकर्षित करती है।
२. सूरजकुंड पार्क: सूरजकुंड झील के पास स्थित सूरजकुंड पार्क अपने हरे-भरे परिवेश के लिए लोकप्रिय है। इसके आसपास चंडी देवी मंदिर, बाबा मनोहर नाथ मंदिर जैसे कई मंदिरों के साथ, शाहपीर की दरगाह जैसे ऐतिहासिक स्मारक भी मौजूद हैं।
३. विक्टोरिया पार्क (Victoria Park): मेरठ के विक्टोरिया पार्क ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कारतूसों का उपयोग करने से इनकार करने पर लगभग 85 भारतीय सैनिकों को यही मौजूद जेल में कैद कर दिया गया था। विक्टोरिया पार्क के निकट ही ‘भामा शाह क्रिकेट अकादमी’ (Bhama Shah Cricket Academy) स्थित है जिसे ‘विक्टोरिया पार्क क्रिकेट अकादमी’ (Victoria Park Cricket Academy) भी कहा जाता है।
४. राम पार्क: यह पार्क मेरठ के छावनी बोर्ड द्वारा अनुरक्षित है और सेना क्वार्टर के करीब स्थित है। इसमें सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ-साथ पर्याप्त मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इस पार्क का मुख्य आकर्षण डायनासोर की एक विशाल मूर्ति है जो बच्चों के बीच पसंदीदा है।
५. मेरठ बॉटैनिकल गार्डन (Meerut Botanical Garden): बॉटैनिकल गार्डन की स्थापना 1970 में मेरठ विश्वविद्यालय के परिसर के अंदर की गई थी। यह उद्यान अपनी विविध प्रकार की वनस्पतियों के लिए जाना जाता है। यहां के बगीचे में भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में मिलने वाले अधिकांश पौधों को संरक्षित किया गया है।
जल या पानी की मौजूदगी मुगल उद्यानों की भी विशेषता रही है। विभिन्न पौधों और जल निकायों के साथ एक प्राकृतिक परिदृश्य का अनुकरण ही जल बागवानी कहलाता है। बागवानी की समकालीन शैली में बगीचों के ये रूप काफी लोकप्रिय हो गए हैं। जल उद्यान को प्राकृतिक रूप से उपलब्ध या कृत्रिम रूप से निर्मित जल निकाय के साथडिजाइन किया जा सकता है। जल उद्यान के निर्माण-स्थान पर कम से कम छह घंटे के लिए तेज धूप उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे इसमें लगाए गए पौधों को वृद्धि में मदद मिल सके । जल उद्यानों में पौधे लगाना आसान होता है। यहां पौधे या तो पूरी तरह से जमीन में जड़ जमा लेते हैं या वे पानी की सतह पर तैरते रहते हैं। एक जल उद्यान में पानी की आवाजाही हमेशा बनी रहनी चाहिए। साथ ही फिल्टर का प्रयोग करके पानी की निरंतर सफाई करना भी आवश्यक है, ताकि पानी मछलियों और पौधों के लिए सुरक्षित बना रहे।
इसके अलावा, फव्वारे भी जल उद्यान का एक अहम घटक होते हैं। झरने या जलप्रपात, उद्यान को शांत और निर्मल वातावरण प्रदान करते हैं और यह देखने में भी मनभावन लगते है। झरने की हल्की- हल्की आवाज उद्यानों में आए लोगों को सुकून देती है। जल उद्यानों में मौजूद विभिन्न सुविधाओं की सुंदरता को बढ़ाने के लिए बेहतर रोशनी का भी प्रबंध किया जाना चाहिए । इसके अलावा, मछलियों की मौजूदगी भी बगीचे में गतिशीलता प्रदान करती हैं। साथ ही वे पानी की सतह में मौजूद शैवालों को साफ करने में भी मदद करती हैं।
रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी ऐसे ही सुंदर जल उद्यानों का वर्णन मिलता है। महाभारत में, एक महल का वर्णन किया गया है जिसमें सुनहरे कमलों से भरे तालाब वाला एक सुंदर उद्यान और ठंडी छाया वाले पेड़ शामिल हैं। हालाँकि, समय के साथ ये बगीचे भी विलुप्त हो रहे हैं। रामायण के नायक प्रभु श्री राम के नाम पर प्रथम मुगल सम्राट बाबर द्वारा, राम बाग गार्डन (Ram Bagh Garden) बनवाया गया था। लेकिन समय के साथ-साथ, उच्च प्रबंधन की कुशलता की कमी के कारण ये उद्यान अपनी सुंदरता और विलक्षणता होते जा रहे हैं। इन उद्यानों को फिर से पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।इन बगीचों को पुनर्जीवित करने के लिए स्थानीय प्रयासों की भी आवश्यकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3TanPFL
https://bit.ly/3F2k7rE
https://bit.ly/3L3okix
https://bit.ly/3KZeqyF
https://bit.ly/3ZNLGgg
चित्र संदर्भ
1. जल उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. मुगल गार्डन, दिल्ली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. गांधी बाग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सूरजकुंड पार्क को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. जल उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. उद्यान में पानी की प्राथमिकता को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
7. राम बाग गार्डन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.