देश में बेटियों की रचनात्मकता को गति प्रदान कर सकती हैं यह महत्वकांशी योजनायें

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11-02-2023 11:02 AM
देश में बेटियों की रचनात्मकता को गति प्रदान कर सकती हैं यह महत्वकांशी योजनायें

“जब किसी देश की महिलाएं शिक्षित होती हैं, तो वह पूरा देश अधिक मजबूत और समृद्ध होता है।” एक वकील, लेखक और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) की पहली महिला के रूप में सेवा दे चुकी मिशेल ओबामा (Michelle Obama) द्वारा कहे गए यह शब्द, महिलाओं की शिक्षा की अहमियत को उजागर करते हैं। साथ ही इस अहमियत को भारतीय समाज और सरकार ने भी समझा है, जिसके परिणाम स्वरूप, समय के साथ भारत में भी महिलाओं की शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई उल्लेखनीय प्रयास किये जा रहे हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के विशिष्ट लेकिन संबंधित तकनीकी विषयों को समूहबद्ध करने के लिए एक संयुक्त शब्द “एसटीईएम (STEM)” का उपयोग किया जाता है। यह शब्द आमतौर पर शिक्षा नीति या विद्यालयों में पाठ्यक्रम विकल्पों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। दुर्भाग्य से, शिक्षा के पूरे इतिहास में एसटीईएम क्षेत्र में अधिकांशतः केवल पुरुष वर्ग का ही बोलबाला रहा है। यूनेस्को (UNESCO) की एक रिपोर्ट ‘क्रैकिंग द कोड: गर्ल्स एंड वुमन एजुकेशन इन एसटीईएम’ (Cracking the Code: Girls and Women's Education in STEM) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा में एसटीईएम पाठ्यक्रम लेने वाली छात्राएँ केवल 35% ही हैं। इसलिए एसटीईएम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी की कमी से चिंतित, केंद्र सरकार द्वारा छात्राओं में रुचि पैदा करने के लिए ‘विज्ञान ज्योति' नामक एक कार्यक्रम की योजना बनाई गई है, जिसके तहत यदि छात्राएँ एसटीईएम से जुड़े विषयों को लेकर किसी शीर्ष संस्थान में दाखिला लेती हैं, तो सरकार द्वारा उन्हें सहायता निधि प्रदान की जाएगी।
‘विज्ञान ज्योति’ योजना के माध्यम से ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ (Department of Science and Technology (DST) का लक्ष्य 10,000 से अधिक स्कूली छात्राओं तक पहुंचना तथा उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में भविष्य बनाने की दिशा प्रदान करना है। ‘विज्ञान ज्योति' कार्यक्रम का लक्ष्य 2020-2025 के दौरान, भारत के 550 जिलों से इन होनहार छात्राओं का चयन करना है,जिनका चयन उनकी प्रतिशतता के आधार पर किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत, छात्राओं के विद्यालय के निकट के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (Indian Institutes of Technology (IIT), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (National Institutes of Technology (NIT) और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में छात्राओं के लिए विज्ञान शिविर भी आयोजित किए जाएंगे । पहले चरण के दौरान इस योजना में 58 जिलों के 58 जवाहर नवोदय विद्यालय शामिल थे। वर्ष 2021 में, इस योजना का विस्तार 50 और जिलों में किया गया । अब इसके दरवाजे नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी खुले हैं, जिनमें कुछ जिलों के आकांक्षी छात्र भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ छात्रों को 1,000 रुपये का मासिक वजीफा भी प्रदान किया जाता है । योजना के अन्तर्गत प्रत्येक केंद्र को 20 लाख रुपये की सहायता दी जाती है, जहां 50 छात्र एक वर्ष के प्रशिक्षण से गुजरते हैं ।
'विज्ञान ज्योति' योजना के तहत छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए, उन्हें शिविरों की यात्रा करने या शिक्षा कार्यों में खर्च करने के लिए मामूली वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जाता है । इस योजना के तहत यह आश्वासन भी दिया गया है कि यदि छात्रा आईआईटी जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्र में प्रवेश करती है, तो उन्हें अध्येतावृत्ति (Fellowship) भी प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम के तहत छात्राओं के माता-पिता से भी परामर्श किया जाता है, जिससे उन्हें और उनके बच्चों को इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश करने का साहस मिल सके ।
इस महत्वाकांक्षी योजना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, व्यापार जगत, विश्वविद्यालयों और डीआरडीओ (DRDO) जैसे शीर्ष संस्थानों की शीर्ष महिला प्रभारियों के साथ छात्राओं का साक्षात्कार कराया जाता है है जिससे उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है। भारतीय छात्राओं के हुनर को धार देने के उद्देश्य से एक अग्रणी वैश्विक भुगतान और प्रौद्योगिकी कंपनी ‘मास्टरकार्ड’ (MasterCard) ने भी भारत में अपने ‘गर्ल्स4टेक’ (Girls4Tech) कार्यक्रम के नए चरण की घोषणा की, जिससे तमिलनाडु के 30 सरकारी स्कूलों की 10,800 से अधिक लड़कियों को लाभ मिलेगा। यह योजना ‘मास्टरकार्ड इंपैक्ट फंड’ (MasterCard Impact Fund) और ‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन’ (American India Foundation (AIF) की साझेदारी द्वारा समर्थित है। साल 2024 तक देश भर में 1 लाख छात्राओं तक पहुँच स्थापित करके, उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित से संबंधित पाठ्यक्रमों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है। इस योजना के तहत 8 से 14 वर्ष की आयु की छात्राओं को एसटीईएम पाठ्यक्रम की पेशकश की जाएगी।
2020-21 के समयांतराल में ही यह कार्यक्रम तमिलनाडु के तीन जिलों में 17,820 लड़कियों तक पहुंच गया है। ‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन’ के देश निदेशक ‘मैथ्यू जोसेफ’ (Mathew Joseph) के अनुसार “तथाकथिक सामाजिक विचारधारा और बालिकाओं की शिक्षा की उपेक्षा करना, एसटीईएम में महिलाओं की भागीदारी में कमी और असमानता का प्रमुख कारण है।" हालाँकि लड़कियों को साक्षर करने लिए भारतीय समाज और सरकारें जो कदम उठा रही हैं, वह वास्तव में सराहनीय है।
केवल सरकार ही नहीं बल्कि ‘स्माइल फाउंडेशन’ (Smile Foundation) जैसे गैर सरकारी संगठन भी स्कूलों में लड़कियों के लिए एसटीईएम को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा को अधिक समावेशी बनाने के लिए कार्यरत है।यह संगठन लड़कियों को शिक्षा के कुछ नवीन क्षेत्रों जैसे कि कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, बिग डेटा, स्पेस रिसर्च आदि में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की पहुंच और भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष "विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" (International Day of Women and Girls in Science) भी मनाया जाता है। यह दिवस ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (General Assembly of United Nations) द्वारा समर्थित है। संयुक्त राष्ट्र महासभा, ने 2015 में संकल्प 70/212 के माध्यम से 11 फरवरी को इस दिवस के रूप में घोषित किया। विज्ञान में लैंगिक समानता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक विषय का चयन किया जाता है। यह कार्यक्रम यूनेस्को (UNESCO) द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र महिला संघ’ (U N Women) के साथ साझेदारी में आयोजित किया जाता है और इसमें विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका को बढ़ावा देने और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, निगमों और नागरिक समाज भागीदारों के साथ सहयोग भी शामिल है।

संदर्भ
https://bit.ly/3lj37q6
https://bit.ly/3RG68Nt
https://bit.ly/3x79M9r
https://bit.ly/3RFAU9b
https://bit.ly/3x8sUUy

चित्र संदर्भ
1. कल्पनाएं करती बालिका को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के संयुक्त क्षेत्र ‘एसटीईएम’ को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
3. कक्षा में बैठी छात्रा को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
4. कंप्यूटर सीखती बालिकाओं को दर्शाता करता एक चित्रण (wikimedia)
5. ‘स्माइल फाउंडेशन’को दर्शाता करता एक चित्रण (smilefoundationindia)

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