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आधुनिकता की दौड़ में हमारा मेरठ शहर भी दूसरे कई अन्य शहरों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है, या यूं समझें की दौड़ रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी की कोविड प्रतिबंधों के बावजूद देश में 2020 में एक लाख से अधिक लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली गई। हालांकि देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में स्थानीय ट्रैफिक पुलिस (Traffic police) ऐसी घटनाओं रोकने के लिए सराहनीय काम कर रही है, लेकिन मेरठ जैसे परिवर्तनशील और तेज़ी से विकास करते शहर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी AI द्वारा संचालित, विभिन्न तकनीकें सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को कई गुना कम कर सकती है।
भारत में, हर साल लगभग 150,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, जो पूरी दुनिया में होने वाली कुल मौतों का 11% है। साथ ही हर साल हजारों लोग सड़कों पर घायल भी होते हैं। हालांकि दुर्घटनाओं को कम करने और यहां तक कि विभिन्न तरीकों से ड्राइवर सुरक्षा में सुधार करने के लिए, बिग डेटा और उन्नत एनालिटिक्स (Big Data and Advanced Analytics) का उपयोग भी अब प्रौद्योगिकी में किया जा रहा है।
भारत में सड़क सुरक्षा से जुड़े प्राथमिक मुद्दों और कारणों में से एक यह भी है कि, सड़क सुरक्षा के मुद्दे को अक्सर प्राथमिकता नहीं दी जाती है। उसके ऊपर, सड़क यातायात दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश करने वाले संगठनों को ऐसा करने के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं, या उन्हें भी प्रोत्साहित कम ही किया जाता है। इस संस्थागत विखंडन का सीधा मतलब यह होता है कि, सड़क सुरक्षा के लिए कोई भी विशेष रूप से जवाबदेह नहीं होता है।
भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के संदर्भ में बड़े डेटा सेट (Big Data Set) एकत्र करके और उनका विश्लेषण करके, हम यह निर्धारित करने का प्रयास कर सकते हैं कि, आखिर सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण क्या हैं। इससे ब्लैक स्पॉट (Black Spot) (जहां ट्रैफिक या सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं) की पहचान की जा सकती है। सड़क के विश्लेषण में कई बातें जैसे क्षेत्र के आसपास कितने स्पीड बंप या स्पीड ब्रेकर्स (Speed Bumps or Speed Breakers) मौजूद थे, कितने ट्रैफिक पुलिस मौजूद थी, मोड़ कितने गहरे थे (तीखे refers to spicy or sharp tasting food, but sharp turns on the road cannot be translated as तीखे मोड़) , क्षेत्र में प्रकाश की गुणवत्ता क्या थी आदि, पता की जा सकती हैं। ब्लैक स्पॉट के डेटा का उपयोग, अन्य स्थानों का विश्लेषण करते समय, इन जगहों को बेहतर ढंग से डिजाइन करने के लिए किया जा सकता है।
टेनेसी और इंडियाना (Tennessee and Indiana) सहित अमेरिका में कुछ राज्यों ने पहले ही इस तरह के तंत्र को लागू कर दिया है। टेनेसी में, एक कार्यक्रम शुरू किया गया था जहां ऐतिहासिक दुर्घटना रिपोर्ट और यातायात उद्धरणों से डेटा का विश्लेषण करके घातक दुर्घटनाओं के क्षेत्रों की भविष्यवाणी करने के लिए एल्गोरिदम (Algorithm) विकसित किए गए थे। इसके परिणाम स्वरूप प्रतिक्रिया समय में 33% की कमी और मृत्यु दर में 3% की कमी दर्ज की गई थी।
डेटा के उपयोग के माध्यम से सफल सड़क सुरक्षा हस्तक्षेप का एक और उदाहरण हमारे देश के तमिलनाडु में भी मिलता है। जहाँ 2014 में सड़क हादसों में हर साल 15,000 लोगों की मौत हो रही थी, वहीँ 2019 तक, यह संख्या घटकर 10,000 हो गई, जो स्पष्ट तौर पर 25% से अधिक की कमी थी।
दरअसल तमिलनाडु द्वारा एक वेब-सक्षम जीआईएस-आधारित (web-enabled GIS-based) सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (आरएडीएमएस) (Road Accident Database Management System (RADMS) का उपयोग किया गया, जो 'अपनी तरह की ऐसी पहली' प्रणाली है जो सड़क दुर्घटनाओं को मैप (Map) करती है, सबसे अधिक दुर्घटना-प्रवण हॉट स्पॉट (Accident-Prone Hotspots) की पहचान करती है, और सुधारात्मक कार्रवाई को निर्देशित करती है।
उम्मीद लगाईं जा रही है की, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence (AI) संचालित समाधान जल्द ही भारत में सड़कों को पैदल चलने या वाहन चलाने के लिए एक सुरक्षित स्थान बना देंगे। भारत सरकार के अनुसार वह देश में सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए, 10,000 छवियों से युक्त अपनी तरह के पहले डेटासेट एआई दृष्टिकोण (AI Approach) का उपयोग करेगी। इस डेटासेट को भारतीय सड़कों पर 182 ड्राइव अनुक्रमों से एकत्र किए गए, 34 वर्गों के साथ बारीकी से एनोटेटिड (Annotated) यानी सटीकता प्रदान की गई है।
भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार यह अनूठा दृष्टिकोण सड़क पर जोखिमों की पहचान करने के लिए एआई की शक्ति और सड़क सुरक्षा से संबंधित कई सुधार करने के लिए ड्राइवरों को समय पर अलर्ट संवाद करने के लिए, टक्कर चेतावनी प्रणाली (Collision Warning System) का उपयोग करता है। फ़िलहाल इसे नागपुर, महाराष्ट्र में लागू किया जा रहा है और सरकार का लक्ष्य इसे पूरे भारत में फैलाना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है।
इसके अलावा नागपुर में ”इंटेलिजेंट सॉल्यूशंस फॉर रोड सेफ्टी थ्रू टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (Intelligent Solutions for Road Safety through Technology and Engineering' (IRASTE) "परियोजना भी वाहन चलाते समय संभावित दुर्घटना के कारणों को उत्पन्न करने वाले परिदृश्यों की पहचान करेगी और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (Advance Driver Assistance System (ADAS) की मदद से ड्राइवरों को उस के बारे में सचेत भी करेगी। साथ ही यह "परियोजना डेटा विश्लेषण और गतिशीलता विश्लेषण का प्रयोग करके पूरे सड़क नेटवर्क पर गतिशील जोखिमों की निरंतर निगरानी करके 'ग्रे स्पॉट (Gray Spot)' की भी पहचान करेगी।" यह प्रणाली सड़कों की निरंतर निगरानी भी करती है और निवारक रखरखाव तथा बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे के लिए मौजूदा सड़क ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए इंजीनियरिंग सुधार भी तैयार करती है।
इंडिया ड्राइविंग डेटासेट (India Driving Dataset) का उपयोग करके ओपन वर्ल्ड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन ऑन रोड सीन (Open World Object Detection On Road Scene (ORDER) नामक एक अन्य डेटा सेट को विकसित किया गया है, जिसका उपयोग भारतीय ड्राइविंग परिस्थितियों में स्वायत्त नेविगेशन सिस्टम (Autonomous Navigation System) द्वारा, सड़क दृश्य में वस्तुओं के स्थानीयकरण और वर्गीकरण के लिए किया जा सकता है।
सड़क पार करने में परेशानी और ट्रेफिक जाम से जुड़ी परेशानियां हमारे मेरठ में भी आमतौर पर देखी जाती हैं। लेकिन शीघ्र ही नगर निगम शहरवासियों की सुविधा के लिए नई व्यवस्था करने जा रहा है।
दरसल इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के तहत शहर के सभी चौराहों को रडार इंटीग्रेशन सिस्टम (Radar Integration System) से लैस किया रहा है। जिसके तहत हर चौराहे पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवाइज (Artificial Intelligence Device) लगाई गई है जो वाहनों के दबाव के अनुसार ट्रैफिक लाइट का संचालन करेंगी, जिसके बाद यदि जाम लगा तो सिग्नल हरा हो जाएगा।
हालांकि इसमें कुछ कमियां भी हैं जिन्हे दूर करने के लिए नगर निगम जुटा है। सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग (Timing) में गड़बड़ी की है, जिसे दूर करने के लिए रडार इंटीग्रेशन सिस्टम (Radar Integration System) अपनाया गया है। इसके लिए ट्रायल शुरू हो गया है, अब इंतज़ार है तो बस इसके पूरी तरह से लागू होने का।
संदर्भ
https://bit.ly/3FNqtwc
https://bit.ly/3Uf0n9R
https://bit.ly/3fzVfhE
https://bit.ly/3WxjltY
चित्र संदर्भ
1. मेरठ की सड़क को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. एक सड़क दुर्घटना को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)
3. AI से लैस गाड़ी को दर्शाता एक चित्रण (IEC e-tech)
4. निगरानी कैमरा को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)
5. टक्कर चेतावनी ब्रेक समर्थन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. रोबोकार को दर्शता एक चित्रण (wikimedia)
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