अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, धनतेरस और दिवाली

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
22-10-2022 10:32 AM
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अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, धनतेरस और दिवाली

धनतेरस जिसे धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के तेरहवें दिवस पर मनाया जाता है। भारत के आर्थिक इतिहास में इसका अत्यधिक महत्व है। धनतेरस नाम भगवान धनवंतरि के नाम पर रखा गया है, जो आयुर्वेद के प्रमुख देवता माने जाते हैं। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय ने भी धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में घोषित किया है। ऐसा माना जाता है कि समुद्रमंथन के बाद समुद्र से धन्वंतरि का उदय हुआ था, जिनके एक हाथ में अमृत कलश और दूसरे में आयुर्वेद का ग्रंथ था। ऐसा माना जाता है कि धन सृजन के लिए एक स्वस्थ जीवन आवश्यक है और इसलिए धन के देवता से पहले स्वास्थ्य के देवता की पूजा की जाती है। 'स्वास्थ्य ही धन है' की अवधारणा भारत में अनादि काल से प्रचलित थी। यह दिन लक्ष्मी पूजा और भाईदूज जैसे दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। धन्वंतरि को देवी लक्ष्मी का भाई कहा जाता है, इसलिए दोनों की पूजा दिवाली के अवसर पर शुभ मानी जाती है। धनतेरस के बाद दिवाली आती है, जिसमें लोग धन की देवी और धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। दीवाली के कारण भारत में विभिन्न व्यवसाय इस महीने इजाफे की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि परंपरागत रूप से यह एक ऐसा समय है जब एशिया (Asia) की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता खर्च अत्यधिक होता है। देश में भले ही आर्थिक गतिविधियां धीमी है, मुद्रास्फीति तीव्र गति से बढ़ रही है, तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर अग्रसर है, लेकिन फिर भी विभिन्न व्यवसायों में इजाफे की उम्मीद जिंदा है।
उपभोक्ता-संचालित अर्थव्यवस्था के रूप में, दिवाली भारत में कई क्षेत्रों के लिए वर्ष का एक महत्वपूर्ण समय है। खुदरा क्षेत्र के साथ-साथ, विनिर्माण और अन्य उद्योगों को भी खर्च में वृद्धि से लाभ होता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने भविष्यवाणी की है कि, कोविड -19 पर अंकुश लगने के साथ, इस साल दिवाली के दौरान बिक्री 2021 की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक होगी, लघु उद्योग जो सालाना 1.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की बिक्री उत्पन्न करता है। भारत में व्यवसाय अपने कर्मचारियों का विस्तार करके तथा नए उत्पादों या सेवाओं का प्रक्षेपण करके इस उत्सव का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं। आमतौर पर लोग धनतेरस पर कीमती धातु (स्वर्ण, चांदी) खरीदते हैं और ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी चीज 13 गुना लाभ देती है। मृत्यु के देवता भगवान यम के सम्मान में घरों के दरवाजे पर दीये लगाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान यम को दीये चढ़ाने से असामयिक मृत्यु टल जाती है, जो धन सृजन के लिए आवश्यक है। देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घरों की साफ-सफाई की जाती है। व्यवसाय के मालिक उपभोग व्यय में वृद्धि के साथ लाभ कमाते हैं और वे नई परियोजनाओं में भी निवेश करते हैं। धनतेरस त्यौहार भारतीय अर्थव्यवस्था में एक पुण्य चक्र शुरू करता है। यह दिवाली उत्सव का प्रभाव है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक अद्वितीय उपभोग चक्र में संचालित होती है।
निजी अंतिम उपभोग व्यय, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 50-60 प्रतिशत हिस्सा बनाता है, को दीपावली के महीने में एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलता है। कंपनियां दिवाली से कुछ महीने पहले नए उत्पाद लॉन्च करती हैं और बिक्री बढ़ाने के लिए भारी छूट देती हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां भी दिवाली के कारण महत्वपूर्ण लाभ कमाती हैं। त्योहारों का मौसम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि खर्च कई गुना बढ़ जाता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भारी बढ़ावा मिलता है। इप्सोस इंडियाबस फेस्टिवल आउटलुक (Ipsos IndiaBus Festival Outlook) 2022 के अनुसार, कम से कम 3 में से 2 नागरिक (69%) आगामी त्योहारी सीजन में परिधान, वाहन, घरेलू सजावट, संपत्ति, घरेलू उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जैसी वस्तुओं पर खर्च करने के लिए तत्पर हैं। यह तत्परता महानगरों (79%) में अधिक दिखाई देती है, जबकि टियर 1, टियर 2 और टियर 3 में यह तत्परता क्रमशः 74%, 65%, और 61% है। हालांकि, क्षेत्रवार देंखे तो इसमें काफी अंतर मौजूद है। उदाहरण के लिए पश्चिमी (81%) और उत्तरी (79%) क्षेत्र त्योहारी खरीदारी के लिए अधिक उत्साहित देखे गए हैं, जबकि दक्षिणी (56%) और पूर्वी क्षेत्र (50%) प्रायः कम उत्साहित रहते हैं। धनतेरस जैसे त्यौहार धन सृजन के प्रति भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए ऐसी परंपराओं को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।

संदर्भ:

https://bit.ly/3VMrnhZ
https://bit.ly/3sfnUv0
https://bit.ly/3EZPTX3

चित्र संदर्भ
1. दिवाली के दौरान बाजार की चहल-पहल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. लक्ष्मी पूजा के दौरान मंदिर की सजावट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. लक्ष्मी पूजा के दौरान बाजार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. अपने लिए गहने खरीदती महिला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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