कार्यक्षेत्र में आनंद तथा संतुष्टि की अवधारणा और इसका महत्व

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
30-08-2022 10:21 AM
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कार्यक्षेत्र में आनंद तथा संतुष्टि की अवधारणा और इसका महत्व

अब जो परिदृश्य हम आपको बताने जा रहे हैं, हो सकता है कि आप उससे पहले से ही परिचित हों। आपने अंततः अपना कॉलेज समाप्त कर लिया है, आप इस समय का हमेशा से इंतजार कर रहे थे। अब आप केवल काम करना शुरू करना चाहते हैं, पैसा कमाना चाहते हैं, तथा जो आनंद या शौक अपने कॉलेज के दिनों में पूरा नहीं कर पाए थे, उसे पूरा करने की योजना बनाते हैं।लेकिन जैसे ही आप काम करना शुरू करते हैं, देखते हैं कि आप दिन-ब- दिन अपने काम में फंसते जाते हैं, महत्वहीन और ऊबाऊ महसूस करते हैं, तथा जो भी क्षण खाली मिलता है, उसमें अपनी अगली छुट्टी का सपना देखते हैं! आपके पास फुरसत या मौज-मस्ती के लिए अब कोई समय नहीं है। और धीरे-धीरे आपको ये खयाल आने लगता है, कि आपका जीवन ऐसे ही निकल जाएगा। डेलॉइट शिफ्ट इंडेक्स (Deloitte shift index) के अनुसार 80% लोग अपनी नौकरी से असंतुष्ट हैं।इस असंतोष का एक मुख्य कारण प्रबंधन और नेतृत्व में निहित है,जो व्यक्तिगत आनंद और संतुष्टि के लिए वातावरण नहीं बनाता है।एक पूर्ण जीवन के मुख्य रूप से तीन प्रेरक बल होते हैं, पहला हमारे संबंधों की गुणवत्ता, दूसरा हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तथा तीसरा सार्थक, भावुक, शक्ति और विकास-उन्मुख कार्य का निष्पादन। बाद वाला कारक ज्यादातर लोगों के लिए मुख्य रूप से उनकी नौकरी से संबंधित है। इस प्रकार हमारा काम बोझ नहीं होना चाहिए, यह कुछ ऐसा होना चाहिए, जिसे करने में हम अच्छा महसूस करते हैं। खुशी जहां एक अस्थायी अवस्था है, वहीं तृप्ति एक गहरी अवस्था है।प्रमोशन मिलना या लक्ष्य हासिल करना लोगों को केवल क्षणिक खुशी देता है, दीर्घकालिक नहीं। कार्य स्थल में मानवीय बातचीत और भरोसेमंद संबंधों के द्वारा तथा स्वास्थ्य-उन्मुख नेतृत्व शैलियों और एक दूरदर्शी, लक्ष्य और शक्ति-उन्मुख कार्य वातावरण के माध्यम से मानव संगठन आनंदायी वातावरण बना सकते हैं और तीनों कारकों का पोषण भी कर सकते हैं।
कर्मचारियों को खुश और संतुष्ट रखने के लिए कुछ आयामों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यकहै।इन आयामों पर यदि ठोस रूप से ध्यान दिया जाता है, तो कर्मचारी न केवल खुश और संतुष्ट रहेंगे, बल्कि संगठनों की उत्पादकता भी बढ़ेगी और यदि आप कंपनी के हेड हैं, तो आपको खुद भी आनंद और संतुष्टि प्राप्त होगी। कंपनी के हेड को भरोसेमंद, सहानुभूतिपूर्ण और सहायक होना चाहिए।सहानुभूति रखने वाले हेड अच्छे श्रोता और पर्यवेक्षक होते हैं।वे अपने कर्मचारियों की जरूरतों, रुचियों और ताकत को भली-भांति जानते हैं।वे दूसरों को यह नहीं बताते कि उन्हें अपना काम कैसे करना है तथा वे प्रत्येक सहयोगी की व्यक्तिगत स्थिति को समझने की दृढ़ इच्छा रखते हैं। सफल नेताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति सहानुभूति है, न कि प्रौद्योगिकी या अन्य संपत्ति।वे अपने कर्मचारियों के साथ बैठते हैं और सुनते हैं कि उन्हें क्या कहना है।
वे एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जिसमें उनके कर्मचारियों को लगता है कि वे खुद को ईमानदारी से व्यक्त कर सकते हैं।जब कर्मचारी अपने संगठन के विजन (vision) और मिशन में विश्वास करते हैं और समान मूल्यों को साझा करते हैं, तब वे अपना समय और ऊर्जा उस संगठन और उससे संबंधित कार्यों में लगाते हुए बेहतर ढंग से काम करते हैं और अधिक संतुष्ट होते हैं।इसलिए, भर्ती करते समय कंपनियों के हेड को अपने संभावित स्टाफ सदस्यों के मूल्यों को समझने में दिलचस्पी लेनी चाहिए क्योंकि मूल्य, मनोभाव और कार्य तथा व्यवहार से जुड़े होते हैं।विजन, उद्देश्य और मूल्य होने से लोगों को कार्य करने की ऊर्जा, जुनून और प्रेरणा मिलती है।
कार्य से पूर्व किसी भी संगठन की संस्कृति महत्वपूर्ण है।यह आयाम बातचीत और सहयोग के मूल्यों पर केंद्रित है।यह आयाम ये तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,कि क्या विजन और नियोजित रणनीतियां पूरी होंगी। अगला आयाम कृतज्ञता और सफलता सूचियाँ हैं।अध्ययनों से पता चला है कि लगातार आभारी रहने वाले लोग अधिक ऊर्जावान, भावनात्मक रूप से बुद्धिमान, क्षमाशील होते हैं, तथा उनके जीवन में उदासी, चिंतापन, अकेलेपन की संभावना कम होती है।लोगों के साथ केवल कर्मचारियों की तरह नहीं बल्कि परिवार जैसा व्यवहार करना चाहिए। एक मजबूत संस्कृति में व्यक्ति परिवार की तरह महसूस करता है। यदि लोगों को ऐसा संगठन मिलता है, तो वे अपने संगठन के बारे में बात करने में गर्व महसूस करते हैं।सामाजिक संपर्क के लिए समय निकालना आवश्यक है।पार्टियां, कॉफी मशीन के आसपास जो समय हम बिताते हैं, एक साथ खेलते हैं, कार्यालय के हॉल में घूमते हैं और सहयोगियों के साथ जुड़ते हैं आदि,एक सकारात्मक, मानवीय संस्कृति का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हम एक-दूसरे से जितने परिचित होंगे, हमारे बंधन उतने ही मजबूत होंगे। हमारी खुशी हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर भी निर्भर करती है।इसके अलावा किसी भी कार्य के लिए स्वस्थ वातावरण भी आवश्यक है, जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं, जैसे कार्यस्थल में मिलने वाला स्वस्थ पेय और भोजन,पर्याप्त नींद,उचित वेतन और नौकरी की सुरक्षा,काम करने की लचीली व्यवस्था,काम करने का माहौल आदि। ये सभी आयाम कार्य में आनंद तथा संतुष्टि प्रदान करते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3dV5ADF
https://bit.ly/3pF9qU1

चित्र संदर्भ
1. ऑफिस के खुशनुमा माहौल को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
2. ऑफिस में तनावग्रस्त माहौल को दर्शाता एक चित्रण (PxHere)
3. Pexels के युवा कर्मचारियों को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
4. रचनात्मक कार्यालय को दर्शाता एक चित्रण (flickr) 

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