हिन्द महासागर के हरे-भरे मॉरीशस द्वीप में हुआ भारतीय व्यंजनों का महत्वपूर्ण प्रभाव

स्वाद- खाद्य का इतिहास
26-05-2022 08:28 AM
हिन्द महासागर के हरे-भरे मॉरीशस द्वीप में हुआ भारतीय व्यंजनों का महत्वपूर्ण प्रभाव

भारतीय व्यंजनों और मसालों के बारे में रोचक जानकारी के साथ, अफ्रीकी द्वीप राष्ट्र मॉरीशस का स्ट्रीट फूड, देसी भोजन प्रेमियों के लिए आनंद की बात है। उधार, मिश्रित और शानदार, ये तीन शब्द हैं जो मॉरीशस (Mauritius) के स्वादिष्ट व्यंजनों का पूरी तरह से वर्णन करते हैं। मॉरीशस की मिश्रित सांस्कृतिक विरासत की तरह ही इसके व्यंजन भी भारतीय, फ्रेंच (French), क्रियोल (Creole) और चीनी (Chinese) स्वादों का एक शानदार मिश्रण है, जिसे कभी यूरोपीय उपनिवेशवादी दक्षिण-एशियाई प्रवासियों द्वारा मॉरीशस की रसोई में लाया गया था।
मॉरीशस में खाना पकाने के विशिष्ट तरीके का वर्णन करने के लिए कोई मूल या विशिष्ट शैली नहीं है, इस द्वीप पर खाए जाने वाले व्यंजनों के प्रकार, विविध आबादियों के एक समुदाय के रूप में एक साथ आने के साथ विकसित हुए हैं। सोफिटेल मॉरीशस ला इम्पीरिअल रिज़ॉर्ट एंड स्पा (Sofitel Mauritius L'Imperial Resort & Spa) में एक भारतीय शेफ, सुख जीत सिंह ढिल्लों (Sukh Jit Singh Dhillon) बताते हैं कि, "स्थानीय मॉरीशस परिवार शादी या जन्मदिन की पार्टियों में कुछ सबसे लोकप्रिय पकवान जैसे सात करी (seven curries) और बिरयानी (biryani) के साथ फराठे (farathas) परोसना पसंद करते हैं। यदि आप यूरोपीय (European), अफ्रीकी या एशियाई (Asian) मूल के किसी भी मॉरीशस निवासी से उनके पसंदीदा भोजन के बारे में पूछेंगे, तो वे सभी फराठों के साथ एक अच्छी मसालेदार करी चुनेंगे।" "भारतीय मसालों और स्वादों का मॉरीशस के व्यंजनों में बहुत योगदान है। भारतीय भोजन, यहां केवल हिंदू परिवारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्थानीय भोजन परोसने वाले मॉरीशस के सभी रेस्तरां में भारतीय व्यंजन शामिल होंगे।" देश के इतिहास के अनुसार, हिंद महासागर में द्वीपों पर पुर्तगाली (Portuguese), फ्रांसीसी (French) और औपनिवेशिक सरकारों का कब्जा था, जो मॉरीशस को चीनी बागान कॉलोनी (sugar plantation colony) में बदलना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने दक्षिण-एशियाई और अफ्रीकी देशों के गुलाम लोगों को भी खरीदा था। उस समय यहां मूल व्यंजनों से प्रेरित होकर कुछ सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ विकसित हुए, जिनकी जड़ें भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में पाई जाती हैं।
बोलियों और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के दिलचस्प मिश्रण के साथ, कई भारतीय मूल के व्यंजनों को विदेशी फ्रांसीसी नामों जैसे गेटौ (gateau), बौलेट (Boulette), सेप्ट कैरी (sept curry) या सात करी आदि के साथ पाक संयोजन के दिलचस्प संस्करणों में बदल दिया गया था। मॉरीशस में कुछ खाद्य पदार्थ, भारतीय घर के पके हुए खाने की याद दिलाते हैं, जैसे भीगी हुई दाल, प्याज, कसावा और आलू जैसे विभिन्न भरावन का उपयोग करके बनाए गए मिर्च के पकोड़े या गेटौ, जिसे नारियल की चटनी या आचार के साथ परोसा जाता है। मॉरीशस में उत्पन्न होने वाली एक पारंपरिक फ्लैटब्रेड (flatbread), 'रोटी चौड' (roti chaud) और 'फराठे' लोकप्रिय भारतीय ब्रेड के संस्करण हैं, जिन्हें सात करी, समुद्री भोजन और चिकन करी के साथ परोसा जाता है। सात करी में आम तौर पर लीमा (lima) या ब्रॉड बीन (broad bean) करी, दाल, रूगेल (rougaille), कद्दू (pumpkin), चौचौ (chouchou) और केला करी शामिल होते हैं। हैदराबादी बिरयानी का एक संशोधित संस्करण, विभिन्न प्रकार के फ्राइड राइस (Fried Rice), एग-फ्राइड राइस (Egg-Fried Rice) जिन्हें बोल रेनवर्स (Bol Renverse) के नाम से जाना जाता है, भी लोकप्रिय विकल्प हैं। पाउटौ (Poutou) नामक एक कोकोनट राइस केक (Coconut Rice Cake) को पिठा और स्टीम केक की तरह तैयार किया जाता है। अलाउडा (Alouda) को दूध, तुलसी के बीज, चाशनी और आइसक्रीम के साथ परोसा जाता है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस पूरे द्वीप में समान स्थानीय भोजन के अनुभव मौजूद हैं, और अब घर की रसोइयों और यहां तक कि पूर्व होटल व्यवसायी या शेफ, एक संस्कृति के अपने अनूठे मेलजोल को प्रदर्शित करने के लिए छोटे, व्यक्तिगत अनुभवों को तैयार कर रहे हैं।
मॉरीशस की आश्चर्यचकित विविध पाक परंपराएं, द्वीप के बहुसंस्कृतिवाद का प्रतिध्वनित करती हैं। चार शताब्दियों में डच (Dutch), फ्रांसीसी और ब्रिटिशों (British) द्वारा बसाए गए, इस हरे-भरे वंडरलैंड ने अफ्रीका, भारत और चीन के दासों, गिरमिटिया मजदूरों और प्रवासियों को आकर्षित किया और आज यहां अधिकांश आबादी में जनसंख्या का 75% इंडो-मॉरीशस, लगभग एक चौथाई अफ्रीकी मूल के क्रेओल्स या मिश्रित-जाति और लगभग 20,000 चीन-मॉरीशस शामिल हैं। इसीलिए यहां मेडागास्कर (Madagascar) के मसालों से बने गरम मसाले से लेकर झींगे और बेक्केमेल सॉस (bechamel sauce) के साथ भरवां पकोड़े तक, सभी स्थानीय भोजन परिचित और आकर्षक लगते हैं। भारतीय व्यंजन पारंपरिक खाना पकाने का एक बड़ा हिस्सा हैं। बिहार से भारतीय प्रवासियों की पहली लहर द्वारा पेश किये गए 'ढोल पुरी' (Dholl puri) को, अक्सर मॉरीशस का राष्ट्रीय व्यंजन माना जाता है। 1834 और 1920 के बीच, भारत से पांच लाख गिरमिटिया मजदूर मॉरीशस द्वीप के गन्ना बागानों पर काम करने के लिए, आप्रवासी घाट (Aapravasi Ghat), पोर्ट लुइस (Port Loius) में इमिग्रेशन डिपो (immigration depot) पहुंचे थे। इन बागान श्रमिकों की पत्नियों ने ही फ्लैटब्रेड को स्वस्थ ऑल-इन-वन भोजन के रूप में तैयार किया।
इस अविकसित द्वीप पर संसाधनों की कमी के कारण इन घरेलू रसोइयों ने आटा गूंथने के लिए उसी पानी का इस्तेमाल किया जिसमें दाल उबाली गई थी। इससे दाल के बचे हुए दाने आटे में मिल गए और रेसिपी में शामिल हो गए। इसके अलावा आटे की जगह मैदे ने ले ली क्योंकि मैदे को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकता था।

संदर्भ:
https://bit.ly/3sVtsvi
https://bit.ly/3wI116y
https://bit.ly/3GoX49Z

चित्र संदर्भ
1  भारतीय व्यंजनों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. लज़ीज भारतीय व्यंजन को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixels)
3. तमिलनाडु के मांसाहारी भोजन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ढोल पुरी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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