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दुनिया भर में एक अरब से भी अधिक लोग मैंडरिन चीनी (Mandarin Chinese) बोलते हैं।
चीन एक बहुत बड़ा बाजार बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय और कंपनियां ऐसे लोगों की
तलाश में हैं जो चीनी भाषा में बात कर सकें और चीन के सांस्कृतिक संदर्भ में सफलतापूर्वक
काम कर सकें। विश्व मंच पर चीन के आगमन और एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में इसके
उभरने के साथ, एक विदेशी भाषा के रूप में चीनी ने विभिन्न देशों के विदेशी भाषा सीखने
वालों के बीच महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती
भाषाओं में से एक बन गयी है।हाल के वर्षों में भारत में चीनी भाषा सीखने में रुचि दिखाने
वाले लोगों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।हालांकि, इसमें शामिल विभिन्न जटिलताओं
के कारण, वे अपनी रूचि के अनुसार पूरी तरह से चीनी भाषा में महारत हासिल करने में
सफल नहीं हुए हैं। भारत-केंद्रित पाठ्यपुस्तकों की कमी और चीनी भाषा शिक्षण और सीखने
के लिए एक समान ढांचे की कमी ने भारत में चीनी भाषा अधिग्रहण की प्रक्रिया को और
जटिल बना दिया है। लेकिन सही दृष्टिकोण और नवीन रणनीतियों को लागू करके चीनी
भाषा को अधिक आसान और अधिक मजेदार बनाया जा सकता है।चीन के बाहर चीनी भाषा
और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, चीनी सरकार ने दुनिया भर में 300 से अधिक
कन्फ्यूशियस (Confucius) संस्थान खोले हैं, जो चीनी भाषा की पेशकश करने वाले शैक्षणिक
संस्थानों को देशी चीनी शिक्षक और आवश्यक शिक्षाशास्त्र प्रदान करते हैं।2020 में जब
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच लद्दाख में झड़पें हुईं, जिसमें 20भारतीय सैन्य कर्मी मारे
गए, तब से चीन विरोधी भावना लोगों के बीच मौजूद है। ऐसी स्थिति में जहां कुछ लोगों ने
राष्ट्रवादी उत्साह के साथ चीनी निर्मित टेलीविजन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जिन्हें उन्होंने
अपनी मेहनत की कमाई से खरीदा था, का बहिष्कार किया,वहीं सरकार में मौजूद कुछ लोगों
ने भी भारत में चीनी भाषा के अध्ययन पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। उनके
अनुसार देश में चीनी भाषा का अध्ययन सुरक्षा जोखिमों को बढ़ा सकता है।भारत की नई
शिक्षा नीति 2020 ने भी चीनी भाषा को प्रभावी रूप से प्राथमिकता से नीचे डाल दिया
है।नीति के एक मसौदा संस्करण जिसे पहले जारी किया गया था, में चीनी भाषा को जर्मन
(German), स्पेनिश (Spanish) और जापानी (Japanese) के साथ उन भाषाओं के रूप में रखा
गया था जो छात्रों को ऐच्छिक भाषा के रूप में पेश की जाएंगी। किंतु बाद के अंतिम
संस्करण में चीनी भाषा को शामिल नहीं किया गया था।भारत में मीडिया रिपोर्टों ने यह भी
संकेत दिया,कि खुफिया एजेंसियां भारत में चीन के राज्य-वित्त पोषित कन्फ्यूशियस संस्थानों
की गतिविधि के बारे में चिंतित हैं।किंतु केवल यह सोचकर ही चीनी भाषा के अध्ययन में
प्रतिबंध लगाना या अरूचि दिखाना उचित नहीं है, क्यों कि भारत में चीनी भाषा सीखने के
अपने अनेकों लाभ हैं।2017 में राष्ट्रीय K-12 विदेशी भाषा नामांकन सर्वेक्षण रिपोर्ट के
अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में 200,000 से अधिक स्कूल जाने वाले बच्चों ने चीनी
भाषा के पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया था।यहां चीनी भाषा से जुड़े सुरक्षा जोखिम पर ध्यान
नहीं दिया गया है।इसके विपरीत, चीनी भाषा के कौशल को वहां एक संपत्ति के रूप में देखा
जाता है।भारतीय लोगों की एक बड़ी संख्या जो मैंडरिन सीखने में रुचि रखती है, उस
अर्थव्यवस्था द्वारा पेश किए जाने वाले व्यावसायिक अवसरों का दोहन करना चाहती है, जो
भारत की तुलना में छह गुना बड़ी है। जरूरी नहीं है, कि चीनी भाषा सीखने वाला हर व्यक्ति
चीन के साथ व्यापार करना चाहता हो। कुछ लोग चीनी टेलीविजन कार्यक्रमों या चीनी
मनोरंजन का लाभ उठाने के लिए भी यह भाषा सीखते हैं।लेखन प्रणाली के साथ एक पूरी
तरह से अलग भाषा सीखना कई संज्ञानात्मक लाभ लाएगा,जैसे कि स्मृति शक्ति बढ़ाना,
दिमाग को तेज करना और यहां तक कि उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क की क्षमता में सुधार
करना। दूसरे शब्दों में, एक अलग और अपरिचित भाषा सीखने से बच्चों के मस्तिष्क के
विकास में मदद मिलती है और जिनकी उम्र बढ़ रही है, उनके वयस्क दिमाग बेहतर ढंग से
काम करते हैं।चीनी भाषा सीखने से चीन की संस्कृतियों के विविध समामेलन के कई द्वार
भी खुलते हैं। राजनीति को छोड़ दें, तो एशिया (Asia) की महान सभ्यताओं के लोग एक-दूसरे
से बहुत कुछ सीख सकते हैं। यह भाषा न केवल छात्रों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि विभिन्न
पृष्ठभूमि के पेशेवरों के बीच भी लोकप्रिय है, जो आकर्षक नौकरियों के लिए भाषा सीख रहे
हैं।अत्यधिक वैश्वीकृत दुनिया में जहां व्यवसाय विविध कौशल वाले लोगों की तलाश करते हैं,
बहुभाषी होना एक संपत्ति है। चीन और ताइवान (Taiwan) जैसी दुनिया की सबसे बड़ी और
सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में बोली जाने वाली भाषाओं में युवाओं के
लिए यह फायदेमंद है। बढ़ती व्यावसायिक संभावनाओं और पर्यटन के अवसरों के साथ
मैंडरिन सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में उभर रहा
है।पहले, फ्रेंच (French), स्पेनिश या जर्मन जैसी भाषाओं को अधिक पसंद किया जाता था,
हालांकि, आर्थिक प्रवृत्तियों में बदलाव के कारण, मैंडरिन चीनी को अधिक पसंद किया जा रहा
है।नई भाषा सीखना अब कोई शौक नहीं रह गया है। पेशेवरों के लिए मैंडरिन चीनी सीखना
अनिवार्य हो गया है, क्योंकि यह उनके पोर्टफोलियो (Portfolio) में अतिरिक्त मूल्य जोड़ता
है।दो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़े
हैं।इस वृद्धि के साथ, विदेशी भाषा जानने से भारतीय पेशेवरों को न केवल चीनी फर्मों बल्कि
अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी आकर्षक नौकरियां मिल सकती हैं। अवसर अब केवल
अनुवादक या व्याख्याकार की नौकरियों तक ही सीमित नहीं हैं। सेवा क्षेत्र, पर्यटन और बड़े
निगमों सहित अब कई नए रास्ते हैं, जहां चीनी भाषा की जानकारी होना फायदेमंद हो
सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3J9IcMG
https://bit.ly/3Jb7YjZ
https://bit.ly/3GAz02d
चित्र संदर्भ
1. मैंडरिन चीनी (Mandarin Chinese) को संदर्भित करता एक चित्रण (Fluency Pending)
2. बहुसांस्कृतिक बातचीत को दर्शाता एक चित्रण (edX)
3. मैंडरिन चीनी भाषा लेखन को दर्शाता एक चित्रण (istock)
4. चीन के भाषा एटलस के अनुसार चीन की मुख्यभूमि और ताइवान में चीनी बोली समूहों की श्रेणी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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