मेरठ कॉलेज, 1892 में स्थापित, हमारे शहर का सबसे पुराना तथा ऐतिहासिक कॉलेज

सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान
15-01-2022 06:34 AM
Post Viewership from Post Date to 13- Feb-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1384 99 1483
मेरठ कॉलेज, 1892 में स्थापित, हमारे शहर का सबसे पुराना तथा ऐतिहासिक कॉलेज

मेरठ कॉलेज (Meerut College)‚ जिसे 1892 में शुरू किया गया था‚ मेरठ के सबसे पुराने ऐतिहासिक शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। यह उत्तरी भारत का एक प्रतिष्ठित संस्थान है‚ जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा कर रहा है। इस संस्थान में प्रवेश के लिए हर साल हजारों छात्र कड़ी मेहनत करते हैं‚ कहा जाता है कि मेरठ कॉलेज में प्रवेश लेना गर्व की बात है।
मेरठ कॉलेज‚ एक राज्य वित्त पोषित कॉलेज है । इसका मेरठ के शिक्षाविदों और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। प्रधान मंत्री‚ राज्यपालों‚ राजदूतों‚ कैबिनेट मंत्रियों‚ संसद सदस्यों‚ राज्य विधानसभाओं‚ न्यायाधीशों‚ असंख्य प्रशासक आईएएस (IAS)‚ आईएफएस (IFS)‚ आईआरएस (IRS)‚ राष्ट्रीय कवियों‚ वकीलों‚ सामाजिक कार्यकर्ताओं‚ वैज्ञानिकों‚ प्रमुख उद्योगपति और शिक्षाविदों जैसे कई व्यक्तित्व इस कॉलेज के छात्र रहे हैं। कॉलेज‚ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University)‚ से संबद्धता में विज्ञान‚ कला‚ वाणिज्य‚ शिक्षा‚ कंप्यूटर विज्ञान और कानून में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह उसी क्षेत्र में पीएचडी पाठ्यक्रम (PhD) भी प्रदान करता है। इसके अलावा यह विश्वविद्यालय से संबद्धता में पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर डिग्री भी प्रदान करता है। कॉलेज महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय‚ गौतम बुद्ध नगर (Mahamaya Technical University‚ Gautam Buddha Nagar) से संबद्धता में एमबीए (MBA) भी प्रदान करता है। यह इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (Indira Gandhi National Open University) के लिए एक अध्ययन केंद्र है‚ जो स्नातक‚ परास्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करता है। मेरठ में यह संस्था एक महत्वपूर्ण स्थल है‚ जिस पर शहर को गर्व है। कॉलेज एक खुले और शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित है और इसका परिसर 100 एकड़ (0.40 किमी 2) तक फैला हुआ है। कॉलेज अपने पुरुष और महिला छात्रों को अलग-अलग छात्रावास की सुविधा भी प्रदान करता है और इसमें कई व्यावहारिक प्रयोगशालाएं‚ शैक्षणिक विभाग‚ पुस्तकालय और छात्रावास परिसर आदि भी हैं। एक राज्य वित्त पोषित कॉलेज होने के कारण यहां शुल्क न्यूनतम है और मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी मिलती है। अपने 100 से अधिक साल पूरे करने वाले इस कॉलेज के पूर्व छात्रों की सूची में देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भी शामिल हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल‚ थल सेना प्रमुख बिपिन रावत‚ पद्मश्री डॉ राजपाल सिंह सिरोही‚ टीआईएफटी मुंबई निदेशक डॉ वीरेंद्र सिंह‚ बिआईटीएस गोवा निदेशक डॉ टीसी गोयल‚ सेवानिवृत्त वाइस एयर मार्शल कुमुद किशोर जैन‚ सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जेएस भटनागर‚ डीआरडीओ निदेशक पीसी मांगलिक और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक केपी सिंह ने यहां पढ़ाई कर सफलता हासिल की है। मेरठ कैंट में स्थित जहां 10 मई 1857 को स्वतंत्रता का पहला युद्ध शुरू हुआ था‚ इस ऐतिहासिक कॉलेज ने अप्रैल 1993 में अपनी शताब्दी तथा भारतीय डाक विभाग महोत्सव मनाया। इस महान आयोजन को चिह्नित करने के लिए एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया था। इस क्षेत्र के आवश्यक छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से 15 जुलाई 1892 को कुछ छात्रों और शिक्षण कर्मचारियों द्वारा इस कॉलेज को शुरू किया गया था‚ शुरुआती दौर में नगर के स्कूल भवन में इसकी कक्षाएं लगती थीं। बाद में एक नए परिसर में स्थानांतरित होने के कारण‚ कॉलेज को वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ा‚ यह कॉलेज का कठिन समय था जिसके परिणामस्वरूप स्थायी स्थिति प्राप्त करने में कॉलेज को कई कठिनाई हुई। लेकिन निडर प्रशासकों ने संस्था को चलाने के लिए सफलतापूर्वक निजी दान और अनुदान सहायता मांगी। धन की कमी को धैर्य से दूर करने के बाद‚ संस्थापकों ने इस कॉलेज के विकास पर ध्यान केंद्रित किया और इसकी प्रगति पर अभूतपूर्व कार्य किये। इस पुराने कॉलेज ने शुरुआती दौर में तमाम मुश्किलों को पार कर अपनी पहचान बनाई थी। कॉलेज ने कई क्षेत्रों में कई स्नातक कार्यक्रम शुरू किए‚ इसके कुछ क्षेत्रों में पीजी पाठ्यक्रम और डॉक्टरेट अनुसंधान कार्यक्रम (doctoral research programs) भी शामिल हैं। 1964 में यह मेरठ विश्वविद्यालय से संबद्ध था। डॉ. बी.आर. चटर्जी इसके सबसे पहले भारतीय प्रधानाध्यापक थे और पं. डॉ. सीता राम 3 दशकों तक इस कॉलेज के सचिव रहे हैं। इन प्रतिष्ठित लोगों और अन्य लोगों ने इस कॉलेज के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया‚ जिसमें कई सौ शोध विद्वानों सहित लगभग 10000 से अधिक छात्र शामिल हैं। मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्र‚ कॉलेज के अन्य छात्रों के सहयोग के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। विभिन्न सदस्यों द्वारा समय-समय पर बहुमूल्य मार्गदर्शन‚ परामर्श‚ मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति‚ स्थानन सहायता‚ महत्वपूर्ण विषयों पर अतिथि व्याख्यान और छात्रों के साथ बातचीत की जाती है। कॉलेज का मुख्य परिसर 50 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है‚ जिसमें इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (Indira Gandhi National Open University) के शैक्षणिक विभाग तथा अध्ययन केंद्र भी शामिल हैं। इनके अलावा‚ एनसीसी (NCC) और एनएसएस (NSS) के कार्यालय‚ मेडिकल हेल्थ सेंटर (Medical Health centre)‚ व्यायामशाला‚ एक स्टेशनरी दुकान‚ एक डाकघर (post office) और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) तथा यूनाइटेड कमर्शियल बैंक (United Commercial Bank) की शाखाएं हैं। इसमें 184 पूर्णकालिक उच्च योग्य संकाय सदस्य और लगभग 456 शोध विद्वान हैं जिनमें से 50 से अधिक सीएसआईआर (CSIR)/ यूजीसी (UGC)/ आईसीएसएसआर (ICSSR)/ राजीव गांधी फैलोशिप (Rajiv Gandhi Fellowship) आदि से अध्येतावृत्ति प्राप्त कर रहे हैं। कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (National Assessment and Accreditation Council (NAAC))‚ बैंगलोर द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग‚ नई दिल्ली (University Grants Commission‚ New Delhi) द्वारा उत्कृष्टता के लिए संभावित कॉलेज (College With Potential For Excellence) का दर्जा भी दिया गया है। कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा “ए ग्रेड” (“A grade”) से भी सम्मानित किया गया है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3zO3w76
https://bit.ly/33jiE09
https://bit.ly/3zO85ya
https://bit.ly/3fc5zbE
https://bit.ly/3Fgr4mf
https://bit.ly/31RcdBc
https://bit.ly/3ndAEjC

चित्र संदर्भ   
1. मेरठ कॉलेज परिसर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. निकट से मेरठ कॉलेज परिसर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. दिवंगत थल सेना प्रमुख बिपिन रावत‚को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.