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क्या आप जानते हैं कि ठंड के मौसम में घरों को गर्म करने के लिए "हीट पंप टेक्नोलॉजी (Heat Pump Technology)" में एकमुश्त निवेश वास्तव में उत्तर भारत के घरों में उपयोग के लिए "इलेक्ट्रिक-रॉड (Electric-Rod) और तेल-आधारित इलेक्ट्रिक हीटर (Oil-based Electric Heaters)" की तुलना में बहुत बेहतर और अधिक लागत प्रभावी विकल्प है।मध्यम ताप और शीतलन आवश्यकताओं वाले जलवायु के लिए, हीट पंप भट्टियों और एयर-कंडीशनर (Air-conditioner) के वैकल्पिक एक ऊर्जा-कुशल विकल्प प्रदान करते हैं।दरसल एक हीट पंप गर्म या ठंडी हवा उत्पन्न नहीं करता है, इसके बजाए यह ठंडे स्थान से ठंडी हवा को एक गर्म स्थान पर छोड़ने का कार्य करता है। यह ठंडी जगह कोगर्म और गर्म जगह को ठंडा करने की क्षमता रखता है।इसलिए, एक हीट पंप कोई गर्म या ठंडी हवा नहीं बनाता है, लेकिन यह केवल हवा को स्थानांतरित करता है।उदाहरण के लिए, यदि किसी कमरे को ठंडा करने के लिए एक हीट पंप का उपयोग किया जा रहा है, तो यह कमरे में गर्मी को अवशोषित कर लेगा और इसे एक बाहरी संपीडक (Compressor) की मदद से बाहर छोड़ देगा।इसके विपरीत कमरे को गर्म करने के लिए, हीट पंप बाहर से गर्मी को अवशोषित करेगा और इसे घर के अंदर छोड़ देगा। मुख्य रूप से दो प्रकार के हीट पंप होते हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि वे किस माध्यम से गर्मी को निकालतेहैं। जिसमें एक भूतल से गर्मी कोनिकालते है और दूसरा हवा से गर्मी को निकालता है।जैसा कि हम जान गए हैं कि एक हीट पंप गर्म और ठंडी हवा का उत्पादन नहीं करता है,इसलिए इसे चलाने में ईंधन का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही जैसे ये रेफ्रिजरेटर की तरह काम करता है और इसे चलाने के लिए कुछ मात्रा में बिजली का उपयोग किया जाता है।इसलिए, एक ताप पंप को नवीकरणीय तकनीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन जब पर्यावरण को प्रभावित करने की बात आती है तो एसी (AC’s) की तुलना में वे काफी बेहतर हैं। ऐसे ही बात करते हैं हीट पंप वाटर हीटर कि हीट पंप वाले वॉटर हीटर (Water Heater) बिजली बचाने और बिजली के बिलों पर खर्च होने वाले पैसे को कम करने का एक अद्भुत विकल्प हैं। जैसे फ्रिज, उसमें रखी हुई चीजों की गर्मी को लेकर और बाहर छोड़कर उन्हें ठंडा करता है, वैसे ही हीट पंप इसके ठीक विपरीत काम करता है। यानी यह अपने आसपास से गर्मी लेता है और पानी को गर्म करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। इसमें एयर कंडीशनर (Air conditioner) की तरह एक रेफ्रिजरेंट (Refrigerant) गैस भी होती है, जो हीट पंप वॉटर हीटर के विभिन्न आंतरिक घटकों को जोड़ने वाले पाइपों में बहती है।ये वॉटर हीटर हवा में गर्मी को अवशोषित करते हैं और इसे भंडारण में पानी में स्थानांतरित करते हैं, इस प्रकार पानी का तापमान बढ़ाते हैं और बाहर की ठंडी हवा कोछोड़ते हैं। इसलिए इस प्रकार के वॉटर हीटर के आसपास ठंडक का अनुभव होता है। वास्तव में, इसका उपयोग हवा को ठंडा करने के लिए भी किया जा सकता है। हीट पंप वाले वॉटर हीटर न केवल पानी को गर्म करते हैं, बल्कि वे बहुत कुशलता से और काफी जल्दी पानी को गर्म करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे बिजली की खपत के अलावा, पानी को गर्म करने के लिए हवा से गर्मी का भी उपयोग करते हैं।अगर कोई बिजली बचाना चाहता है तो हीट पंप वॉटर हीटर सबसे अच्छा विकल्प है। इसका कारण यह है कि इसकी दक्षता बढ़ जाती है क्योंकि बिजली की खपत के अलावा, यह पानी को गर्म करने के लिए आसपास से गर्मी भी लेता है। उदाहरण के लिए, एक हीट पंप वॉटर हीटर (एओ स्मिथ (AO Smith), रैकोल्ड (Racold), बजाज (Bajaj) जैसे ब्रांड, जो आजकल बाजार में आसानी से उपलब्ध है) की न्यूनतम क्षमता 50 लीटर है। तो आइए मान लें कि आप जिस पानी को गर्म करना चाहते हैं वह 50 लीटर है। यहां हम दो वॉटर हीटर, एक नियमित वॉटर हीटर और एक हीट पंप वॉटर हीटर पर विचार करते हैं। Ideal Units for heating = Volume of Water x Temperature Difference x 0.0012 यहाँ पानी का आयतन 50 लीटरहै। मान लीजिए कि नल के पानी का तापमान 20 o Cहै और आप इसे 60 o Cपर उपयोग करना चाहते हैं। तो तापमान का अंतर 40 o C (60-20) है।
नियमित वाटर हीटर | हीट पंप वाटर हीटर |
खपत की गई बिजली इकाइयों की संख्या = 50 x 40 x 0.0012 = 2.4 यूनिट | खपत की गई बिजली इकाइयों की संख्या = (50 x 40 x 0.0012) / 3.5 = 0.69 यूनिट |
1 इकाई पर व्यय = रु 5 | 1 इकाई पर व्यय = रु 5 |
2.4 इकाइयों पर व्यय = 5 x 2.4 = रु 12 | 0.69 इकाई पर व्यय = 5 x 0.69 = रु 3.45 |
नियमित वाटर हीटर | हीट पंप वाटर हीटर |
30 दिनों में इकाइयों की कुल संख्या = 2.4 x 30 = 72 | 30 दिनों में इकाइयों की कुल संख्या = 0.69 x 30 = 20.7 |
72 इकाइयों पर व्यय = 5 x 72 = 360 रुपये | 20.7 इकाइयों पर व्यय = 5 x 20.7 = 103.5 रुपये |
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