जीवों में अनेकों लक्षणों के निर्धारण में सहायक है, डी-ऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड या डीएनए

कोशिका के आधार पर
11-12-2021 10:39 AM
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जीवों में अनेकों लक्षणों के निर्धारण में सहायक है, डी-ऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड या डीएनए

कोशिका को शरीर की संरचनात्मक और क्रियात्मक ईकाई कहा जाता है, किंतु हर मानव कोशिका के केंद्रक में एक ऐसी संरचना पाई जाती है, जो आनुवांशिक सामग्री को संग्रहित करती है, तथा इसी के आधार पर जीवों में अनेकों लक्षणों का निर्धारण होता है।इस संरचना को डीएनए कहा जाता है, जिसका पूरा नाम डी-ऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (De-oxyribo nucleic acid) है।डीएनए एक प्रकार का न्यूक्लिक एसिड है,जिसे कोशिका का सूचना युक्त अणु भी कहा जा सकता है।डीएनए में मौजूद जानकारीया सूचना हमारे सभी जैविक लक्षणों को निर्धारित करने वाले नए प्रोटीन बनाने में कोशिका (RNAके साथ) का मार्गदर्शन करती है।यह जानकारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरित हो जाती है।
किंग्स कॉलेज लंदन (King’s College London) में, रॉसलिंड फ्रैंकलिन (Rosalind Franklin) ने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी का उपयोग करके डीएनए की छवियां प्राप्त की थी।इस विचार को सबसे पहले मौरिस विल्किंस (Maurice Wilkins) द्वारा दिया गया था। फ्रैंकलिन की छवियों ने जेम्स वाटसन (James Watson) और फ्रांसिस क्रिक (Francis Crick) को उनके प्रसिद्ध टू- स्ट्रैंड (Two-strand)या डबल-हेलिक्स (Double-helix)मॉडल बनाने की अनुमति दी।1962 में वाटसन, क्रिक और विल्किंस ने संयुक्त रूप से 1953 में उनके डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड की संरचना के निर्धारण के लिए फिजियोलॉजी (Physiology) या मेडिसिन (Medicine) में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था। सभी न्यूक्लिक एसिड न्यूक्लियोटाइड (nucleotides) से बने होते हैं, इसलिए यदि डी- ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड की संरचना की बात करें, तो डीएनए में प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड तीन भागों से बना होता है, जिसमें एक 5-कार्बन शर्करा जिसे डीऑक्सीराइबोज (Deoxyribose) कहा जाता है,एक फॉस्फेट समूह (Phosphate group) और एक नाइट्रोजनस बेस (Nitrogenous base) होता है।डीएनए चार प्रकार के नाइट्रोजनस बेस का उपयोग करता है,एडेनिन (Adenine - A), गुआनिन (Guanine – G) साइटोसिन (Cytosine - C),और थाइमिन (Thymine - T)। RNA,न्यूक्लियोटाइड्स में एडेनिन,गुआनिन और साइटोसिन बेस भी हो सकते हैं, लेकिन इसमें थाइमिन के बजाय एक दूसरा बेस होता है जिसे यूरैसिल (Uracil - U)कहा जाता है।1950 के दशक में, इरविन चारगफ (Erwin Chargaff) नामक एक जैव रसायनज्ञ ने पाया कि नाइट्रोजनस बेस (A, T, G, C,) की मात्रा समान मात्रा में नहीं थी।हालांकि, A की मात्रा हमेशा T की मात्रा के बराबर होती है, तथा C की मात्रा G की मात्रा के बराबर होती है। डीएनए डबल हेलिक्स के मॉडल को उजागर करने के लिए ये निष्कर्ष महत्वपूर्ण साबित हुए। डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना की खोज 1950 के दशक में कई वैज्ञानिकों की बदौलत हुई थी। डीएनए अणुओं में एक समानांतर संरचना होती है अर्थात हेलिक्स के दो तार एक दूसरे के विपरीत दिशाओं में चलते हैं।प्रत्येक स्ट्रैंड में 5' छोर और 3' छोर होता है। डीएनए की संरचना को सुलझाना सदी की महान वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक था।डीएनए की संरचना की जानकारी से डीएनए के कार्य के कई पहलुओं को समझने में मदद मिली,जैसे कि कैसे इसके द्वारा वहन की गई जानकारी को प्रोटीन के उत्पादन के लिए उपयोग किया जा सकता है और यह कैसे अपनी प्रतिलिपि बनाता है।डीएनए प्रतिकृति सेमी कंसर्वेटिव (Semi conservative) होती है।इसका मतलब है कि डबल स्ट्रैंडेड डीएनए के दो स्ट्रैंड्स में से प्रत्येक दो नए स्ट्रैंड बनाने के लिए एक टेम्पलेट (Template) के रूप में कार्य करता है।प्रतिकृति पूरक आधार युग्मन पर निर्भर करती है, जैसा कि यह चारगफ के नियमों द्वारा समझाया गया, था कि एडेनिन हमेशा थाइमिन के साथ और साइटोसिन हमेशा गुआनिन के साथ बंध बनाता है। डीएनए प्रतिकृति कई एंजाइमों की मदद से होती है।ये एंजाइम दो स्ट्रैंड को एक साथ रखने वाले हाइड्रोजन बॉन्ड को तोड़कर डीएनए अणुओं को खोलते हैं।प्रत्येक स्ट्रैंड तब एक नए पूरक स्ट्रैंड के निर्माण के लिए एक टेम्पलेट के रूप में कार्य करता है।तथा इसके बाद पूरक बेस एक दूसरे से जुड़ते हैं।इसमें शामिल प्राथमिक एंजाइम डीएनए पोलीमरेज़ (DNA polymerase) है,जो नए पूरक स्ट्रैंड को संश्लेषित करने के लिए न्यूक्लियोटाइड से जुड़ता है।यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए डीएनए पोलीमरेज़ प्रत्येक नए डीएनए स्ट्रैंड को प्रूफरीड भी करता है।प्रतिकृति फोर्क पर डीएनए दो स्ट्रैंड पर अलग-अलग तरीके से बनता है।एक नया स्ट्रैंड,फोर्क की ओर 5' से 3' तक चलता है और लगातार बनता है।दूसरास्ट्रैंड फोर्क से 5'से 3' दूर चलता है और इसे छोटे टुकड़ों में बनाया जाता है,जिसे ओकाजाकी (Okazaki) टुकड़े कहा जाता है।डीएनए केवल 5' से 3' दिशा में संश्लेषित होता है।यदि आपको टेम्प्लेट स्ट्रैंड का अनुक्रम दिया जाता है, तो आप एक पूरक स्ट्रैंड का क्रम निर्धारित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप जानते हैं कि एक स्ट्रैंड का क्रम 5'-AATTGGCC-3' है, तो पूरक स्ट्रैंड का क्रम 3'-TTAACCGG-5' होना चाहिए।

संदर्भ:
https://bit.ly/3oEvizc
https://bit.ly/307tqoY
https://bit.ly/3GrYnE2
https://bit.ly/31EtfSx

चित्र संदर्भ
1. ए, बी और जेड डीएनए की संरचनाओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. किंग्स कॉलेज लंदन (King’s College London) में, रॉसलिंड फ्रैंकलिन (Rosalind Franklin) ने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी का उपयोग करके डीएनए की छवियां प्राप्त की थी, जिनको को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. डीएनए के घुमावदार सीढ़ीनुमा संरचना के एक भाग की त्रिविम (3-D) रूप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. डीएनए संरचना+कुंजी+लेबल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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