तितलियाँ हर उम्र के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। भारत में तितलियों का अपना एक अलग ही संसार है। यहाँ पर तितलियों की आबादी ज्यादा होने का एक प्रमुख कारण है यहाँ की आबोहवा। हमारे अंदर तितलियों को जानने की उत्सुकता हमेशा बनी रहती है। तितली कीट वर्ग का सामान्य रूप से हर जगह पाया जाने वाला प्राणी है।
तितलियों के शारीरिक संरचना की यदि बात की जाए तो यह मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित हैं- सिर, वक्ष तथा उदर। इनके पंख दो जोड़ियों में होते हैं तथा पैर तीन जोड़ी में होते हैं। तितलियों के सिर पर आखें पायी जाती हैं तथा मुँह में घड़ी के स्प्रिंग की तरह प्रोवोसिस नामक खोखली सुँड़नुमा जीभ होती है जिससे तितलियाँ फूलों का रसपान करती हैं।
तितली एक एकलिंगी प्राणी होता है, इनके पैदा होने और वयस्क होने की प्रक्रिया अत्यन्त दिलचस्प होती है। तितली दिमागी रूप से अति तीव्र होती है। इनमें देखने सूंघने, स्वाद चखने व उड़ने के अलावा जगह पहचानने की अद्भुत् क्षमता होती है। तितलियों के कोशिकाओं में कई प्रकार के बदलाव आते हैं। कैटरपिलर वाले अवस्था में अलग प्रकार की कोशिका का जोड़ होता है तथा कैटरपिलर के बाद तितली की अवस्था में आने पर अलग प्रकार की कोशिका जोड़ बनती है।
तितलियों को फूलों पर मंडराने के कारण ही फूलों के अप्सरा के रूप में देखी जाती हैं। कई लेखकों ने तितलियों को अपने प्रेम को दर्शाने का साधन बनाया है। कवियों ने इनपर कवितायें लिखी हैं। मेरठ के विभिन्न उद्यानों में कई प्रकार की तितलियाँ पेड़ों पर पुष्पों पर उड़ती दिखाई दे जाती हैं।
तितलियों का जीवनकाल अत्यन्त छोटा होता है तथा ये ठोस भोजन नहीं खातीं। दुनिया की सबसे तीव्र उड़ने वाली तितली मोनार्क है यह एक घंटे में 17 मील की दूरी तय कर लेती हैं।
1. बटरफ्लाइज़ ऑफ़ इंडिया- पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश एण्ड श्रीलंका: पीटर स्मेटाचेक
2. द बुक ऑफ़ इंडियन बटरफ्लाइज़: आइसेक केहिमकर
3. http://www.scienceclarified.com/Bi-Ca/Butterflies.html