सुंदर संदेशों को अभिव्यक्त करती हैं, लघु फिल्म ‘द नेबर्स’ और ‘होम’

आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक
15-08-2021 11:25 AM
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200 साल से भी अधिक समय तक ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी सहने के बाद अंततः 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। किंतु महत्वपूर्ण बात यह है, कि हम इस दिन को मनाने के साथ-साथ उसके वास्तविक महत्व को भी समझें। आज हम उन दो लघु फिल्मों पर चर्चा करेंगे, जो पड़ोसियों के साथ हमारे संबंधों और ‘घर’ की परिभाषा पर ध्यान केंद्रित करके राष्ट्रवाद पर वैश्विक नागरिकता के महत्व को उजागर करती हैं। भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) के राष्ट्रगान के निर्माता रवींद्रनाथ टैगोर ने इन दोनों विषयों के बारे में बहुत कुछ लिखा था। पहली लघु फिल्म 1952 की द नेबर्स (The Neighbours) है, जो 8 मिनट की एक पुरस्कार विजेता फिल्म है। इस फिल्म में एक युद्ध-विरोधी संदेश दिया गया है तथा यह संदेश भारत और उसके पड़ोसी देशों पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) के लिए आज भी प्रासंगिक है। फिल्म के रूप में नेबर्स की युद्ध-विरोधी कल्पना मूल रूप से निर्देशक नॉर्मन मैकलारेन (Norman McLaren) द्वारा की गई थी। नॉर्मन मैकलारेन, चीन में माओत्से तुंग (Mao Zedong's) की क्रांति को देखने के अपने अनुभव से प्रभावित थे। दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म को दो श्रेणियों, लघु विषय (One-reel) और सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (Documentary) के तहत अकादमी पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन इस फिल्म को वृत्तचित्र की श्रेणी में ऑस्कर (Oscar) प्राप्त हुआ था। भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर राष्ट्रवाद के विचार के सख्त खिलाफ थे और उनका मानना था कि राष्ट्रीय सीमाएं बनाने से लोगों के बीच अनावश्यक, अनुचित संदेह उत्पन्न होता है। टैगोर का कहना है, कि "प्रत्येक राष्ट्र का चोरी और झूठ और टूटे हुए विश्वास का अपना इतिहास होता है, इसलिए ऐसी स्थिति में केवल अंतरराष्ट्रीय संदेह और ईर्ष्या ही पनप सकते हैं, और अंतरराष्ट्रीय नैतिक शर्म एक हद तक अजीबोगरीब हो जाती है।" फिल्म नेबर्स में दो लोग एक जमीन पर शांतिपूर्वक सहवास कर रहे हैं, लेकिन तभी वहां एक फूल खिल जाता है, जिसके लिए उनका व्यक्तिगत लालच बढ़ता जाता है तथा वे दोनों आपस में सीमाएँ खींचने लगते हैं, और एक-दूसरे को मौत के घाट उतार देते हैं। फिल्म का रूपक और इसे भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में कैसे देखा जा सकता है, खासकर आज के समय में अपने आप ही अभिव्यक्त या प्रदर्शित होता है।

Home - A Short Film By Fifty Nine Productions from 59 Productions on Vimeo.

फिल्म में दोनों ही व्यक्ति फूल को अपने पास रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से दोनों के बीच लड़ाई शुरू होती है तथा वे अपने साथ-साथ अपने परिवारों की मौत का कारण भी बनते हैं। दूसरी फिल्म फिफ्टी नाइन प्रोडक्शन (Fifty nine production) की एक लघु फिल्म ‘होम’ (Home) है। यह फिल्म इस विचार पर आधारित है, कि हमारे ग्रह की भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका इस तथ्य के बारे में सोचना है कि पूरी पृथ्वी हमारा घर है। अतीत और वर्तमान अंतरिक्ष यात्रियों के साथ साक्षात्कार के आधार पर यह फिल्म नासा के व्यापक संग्रह की सामग्री का उपयोग करती है, ताकि पिछले पचास वर्षों के दौरान पृथ्वी को अंतरिक्ष से कैसे देखा गया था, यह प्रदर्शित किया जा सके। सेंट्रल पार्क (Central Park) में ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल (Global Citizen festival) के कवरेज के हिस्से के रूप में फिल्म को दुनिया भर में प्रसारित किया गया था, और संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व के नेताओं को दिखाया गया था। तो आइए आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन दो वीडियो के माध्यम से सुंदर संदेशों को समझने का प्रयास करें।

संदर्भ:
https://bit.ly/3mfJbmH
https://bit.ly/2VTKDjF
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