दुनिया के सबसे बड़े पुष्प खिले हैं इस वर्ष केरल राज्य और हिमालय की घाटियों में

बागवानी के पौधे (बागान)
04-08-2021 10:02 AM
दुनिया के सबसे बड़े पुष्प खिले हैं इस वर्ष केरल राज्य और हिमालय की घाटियों में

प्रकर्ति हम इंसानों को आश्चर्यचकित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती। जानवरों से संबंधित हमारी पिछली पोस्ट में हमने विशालकाय छिपकली के बारे में पढ़ा जिसका आकार इतना विशाल था, की उसकी कमर पर रस्सी बांधकर बड़े-बड़े किलों को जीता गया। उसी तर्ज पर हम आज एक ऐसे अति विशिष्ट पुष्प अमोर्फोफैलस टाइटेनम (Amorphophallus titanum) के बारे में जानेंगे, जिसका आकारतो विशाल है ही, साथ ही इससे निकलने वाली गंध भी विशेष है।
अमोर्फोफैलस टाइटेनम, को संभवतः दुनिया का सबसे बड़ा पुष्प माना जाता है। यह एक शाखित फूल होता हैं, तथा इससे सड़ती हुई लाश के सामान गंध आती है, जिस कारण इसे लाश के फूल या लाश के पौधे के रूप में भी जाना जाता है, जो कैरियन खाने वाले भृंगों और मांस मक्खियों (परिवार सरकोफैगिडे) को आकर्षित करती है, जो इसे परागित करने का काम भी करते हैं। पुष्प की भीतरी कोपल संरंचना बेलन के आकार में व्यवस्थित होती है, जो एक बड़ी पंखुड़ी के समान दिखती है। इन संरचनाओं को स्तंभ संरचना या क्रिस्टल भी कहा जाता है। इस पुष्प का अमोर्फोफ्लस टाइटेनम का नाम प्राचीन ग्रीक (άμορφος - अमोर्फोस (amorphos), "बिना फॉर्म, मिशापेन" + φαλλός - फालोस(phallus), "फालस", अथवा टाइटन, "विशालकाय") से लिया गया है।
इस पुष्प की मूल उत्पत्ति (ca 1900–40) में सुमात्रा, इंडोनेशिया (Sumatra, Indonesia) की मानी जाती है, जहां यह चूना पत्थर की पहाड़ियों पर वर्षावनों में खुले में उगता है, परंतु समय के साथ इन्हें दुनिया के दूसरे क्षेत्रों में भी उगाया जाने लगा। इस पुष्प के दो मुख्य भाग होते हैं, निचले हिस्से में मौजूद पहला स्कर्ट के सामान पैटर्न जिसे स्पेथ (spathe) और दूसरी लंबी बेलनाकार आकृति को स्पैडिक्स (spadix) कहा जाता है। स्पैडिक्स की नोक का तापमान लगभग मानव शरीर के तापमान के बराबर होता है। माना जाता है कि, यह गर्मी शव खाने वाले कीड़ों को भी भ्रमित कर देती है। इस पुष्प श्रेणी में नर और मादा दोनों फूल एक ही पुष्पक्रम में उगते हैं। मादा फूल पहले खुलते हैं, जिसके एक या दो दिन बाद नर फूल खुलते हैं। अमोर्फोफैलस टाइटेनम मूल रूप से केवल सुमात्रा, इंडोनेशिया के भूमध्यरेखीय वर्षावनों में जंगली में उगता है। इसका वर्णन पहली बार 1878 में इतालवी वनस्पतिशास्त्री ओडोआर्डो बेकरी (Italian botanist Odoardo Beccari) द्वारा किया गया था। टाइटन अरुम(Titan arum) के नाम से भी विख्यात इस पुष्प को पहली बार खिलने से पहले आमतौर पर 5 से 10 साल की वनस्पति वृद्धि की आवश्यकता होती है। जो की आम तौर पर मध्य दोपहर और देर शाम के बीच खोलना शुरू होता है, और पूरी रात खुला रहता है। इस समय, मादा फूल परागण के लिए ग्रहणशील होती हैं। प्रायः अधिकांश स्पैथ बारह घंटों के भीतर मुरझाने लगते हैं, लेकिन कुछ 24 से 48 घंटों तक भी खुले रह सकते हैं। जैसे ही स्पैथ मुरझाता है, मादा फूल परागण के प्रति ग्रहणशीलता खो देते हैं।
यह बेहद विशिष्ट और लुप्तप्राय पुष्पों की श्रेणी में भी आता है। सौभाग्य से दुनिया में फूलों की सबसे बड़ी प्रजाति, हाल ही में केरल के अलत्तिल में गुरुकुल वनस्पति अभयारण्य में 9 साल बाद खिली है। इस अति विशिष्ट और दुर्लभ फूल को खिलते हुए देखने के लिए सैकड़ों लोग अलत्तिल में गुरुकुल वनस्पति अभयारण्य में उमड़ पड़े। यह फूल, जो लगभग दो मीटर लंबा होता है, अपने आप गिरने से पहले केवल 48 घंटे तक टिक सकता है। इसकी दुर्लभता के कारण फूल को लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। लाश का फूल (अमोर्फोफैलस टाइटेनम) या 'टाइटन अरुम' भारत का सबसे लंबा फूल है, और व्यास के हिसाब से सबसे बड़ा है, हालांकि देशी प्रजाति नहीं है। यह नौ साल में एक बार खिलता है और जब यह खिलता है, तो फूल सड़ने के समान तेज गंध का उत्सर्जन करता है।
तीव्र गंध और विशालकाय पुष्पों की इस विशिष्ट श्रेणी में रैफलेसिया (Rafflesia) का नाम भी अग्रणी तौर पर लिया जाता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और फिलीपींस में पाया जाता है। रैफलेसिया इंडोनेशिया का राष्ट्रीय फूल भी है। रैफलेसियासी परिवार, परजीवी फूल वाले पौधों की एक प्रजाति है, तथा इन प्रजातियों में विशाल फूल होते हैं जिनकी कलियाँ जमीन से या सीधे अपने मेजबान पौधों (host plants) के निचले तनों से उगती हैं।
आश्चर्जनक रूप से इस पौधे में कोई तना, पत्तियाँ या जड़ें नहीं होती हैं, मेजबान पौधे अथवा बेल के बाहर केवल पांच पंखुड़ी वाला फूल दिखाई देता है। कुछ प्रजातियों में, जैसे रैफलेसिया अर्नोल्डी, फूल का व्यास 100 सेंटीमीटर (40 इंच) से अधिक हो सकता है, इन्हे लाश फूल (corpse flower) अथवा राक्षस फूल (demon flower.) के नाम से भी जाना जाता है। अमोर्फोफैलस टाइटेनम की भांति यह फूल भी सड़ते हुए मांस की तरह दिखते और महकते हैं। और इनकी तीव्र गंध कैरियन मक्खियों और कीड़ों आदि को आकर्षित करती है, जो की पराग को नर से मादा फूलों तक ले जाती हैं। अधिकांश प्रजातियों में नर और मादा फूल अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ में उभयलिंगी फूल होते हैं।
विशालकाय पुष्पों की इस श्रेणी में भारत में पाई जाने वाली विशाल हिमालयी लिली के बारे में भी जान लेते हैं, जिसे कार्डियोक्रिनम गिगेंटम (Cardiocrinum giganteum) के नाम से भी जाना जाता है।
लिली परिवार के राजा माने जाने वाले तेज सुगंध वाला तुरही जैसा फूल इस साल मणिपुर के एक गांव में चुपचाप खिल रहा है। क्यों की COVID- 19 प्रतिबंधों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण आगंतुकों को गांव में प्रवेश करने की सख्त मनाही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जंगली हिमालयी लिली हर साल मई के अंत और जून के बीच ट्रेची रेंज के जंगल में बहुतायत से उगती है। लिली की प्रजातियों में सबसे बड़ा, पौधा 12 फीट तक लंबा हो सकता है। हालांकि ये फूल जंगलों में उगते हैं फिर भी स्थानीय लोग इनकी देखभाल करते ,क्योंकि ये पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/3jbZTAc
https://bit.ly/3ijL3Ix
https://bit.ly/3xmFMUR
https://bit.ly/3flxiqI
https://en.wikipedia.org/wiki/Rafflesia
https://en.wikipedia.org/wiki/Amorphophallus_titanum
https://bit.ly/2F0TjJa

चित्र संदर्भ
1. लगभग नौ-वर्षों में एक बार खिलने वाले पुष्प अमोर्फोफैलस टाइटेनम (Amorphophallus titanum) का एक चित्रण (flickr)
2. फ्रैंकलिन चिड़ियाघर, बोस्टन, मैसाचुसेट्स (Boston, Massachusetts) में "मोर्टिसिया" का एक चित्रण (wikimedia)
3. तमन नैशनल रैफलेसिया बेंगकुलु, इंडोनेशिया के पास लगभग 80 सेमी व्यास वाले रैफलेसिया का एक चित्रण (wikimedia)
4. विशालकाय हिमालयन लिली कार्डियोक्रिनम गिगेंटम का एक चित्रण (flickr )

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.