शहरीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऑटोमेशन की भूमिका, एक उदाहरण मेरठ से

नगरीकरण- शहर व शक्ति
03-08-2021 10:07 AM
शहरीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऑटोमेशन की भूमिका, एक उदाहरण मेरठ से

कई शहर हैं लेकिन स्मार्ट-सिटी (smart city) की एक भी परिभाषा और आदर्श मौजूद नहीं है‚ इसलिए एक स्मार्ट-सिटी का अस्तित्व ही बहस का विषय है। जैसा कि कई अध्ययनों से पता चलता है‚ कई सारे भौगोलिक स्थानों पर स्मार्ट-सिटी पहलों की एक बड़ी संख्या को लागू किया जा रहा है। तकनीकी नवाचार लगातार स्मार्ट-सिटी पहल की अहमियत और प्रक्रिया को नया आकार दे रहा है। हाल ही में‚कृत्रिम बुद्धिमत्ता में नवाचार‚ स्‍वचालित गाड़ि‍‍यों‚ रोबोटों (Robots) और सिटी ब्रेन(city brain)के रूप में, स्मार्ट सिटी को एक स्वतन्त्र शहरी प्रणाली बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है, जो काफी हद तक अज्ञात है। चतुर शहरीकरण के इस उभरते हुए भाग में, अप्राकृतिक रूप से बुद्धिमान संस्थाएं शहरी सेवाओं के साथ-साथ शहरी शासन को मनुष्यों के हाथों से ले रही हैं, और शहर को स्वतन्त्र तरीके से संचालित कर रही हैं।
मेरठ के एक कार्यालय में‚ कोविड-19 से संक्रमित होने से चिंतित कर्मचारियों को राहत देते हुए‚ मेरठ छावनी बोर्ड कार्यालय ने एक मेज से दूसरे मेज पर दस्‍तावेजों को पहुंचाने और वायरस संचरण को रोकने के लिए एक रोबोट का उपयोग करना शुरू कर दिया है। रोबोट में एक यूवी बॉक्स (UV box) होता है जिसमें दस्‍तावेज डाले जाते हैं और इन्हें कीटाणु रहित कर दिया जाता है जबकि रोबोट नामित अधिकारी की ओर बढ़ता रहता है। रोबोट बनाने की लागत 10,000 रुपये से कम है। यह कदम छावनी बोर्ड द्वारा अपने कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों के लिए एक स्वच्छता कक्ष के आने के दो महीने बाद आया है।
पूरे इतिहास में, श्रमिक और शहरी जीवन में निरंतर परिवर्तन हुए हैं। औद्योगिक युग में लोग कारखानों में काम पूरा करने के लिए घनी आबादी वाले शहरों में रहने लगे हैं। औद्योगिक क्रांति को नौकरीयों के उत्पदान का श्रोत माना जाता था, लेकिन मशीनों के आविष्कार के परिणामस्वरूप उत्पादन में उच्च उत्पादकता की प्राप्ति हुई। तब से, मशीनों ने लगातार उन कार्यों को बदल दिया है जो मनुष्यों द्वारा किए गए थे। मोटर‚ श्रम लागत को कम कर सकती है और एक ही समय में उत्पादकता को बढ़ा सकती है। फिर भी नई नौकरियां विकसित हुईं और क्षेत्र बदल दिए गए।
ज़ाइसमैन (Zysman) का कहना है कि हम चौथी सेवा का अनुभव कर रहे हैं। डिज़िटाइज़ेशन (digitization), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence), 3डी प्रिंटिंग (3D printing)और ऑटोमेशन (automation), तकनीकी प्रगति के कुछ अच्छे उदाहरण हैं। मशीनें, कंप्यूटर और रोबोट तेजी से, ज्ञानियों वाले कार्य के साथ-साथ नियमित कार्य तथा अनियमित कार्य भी कर सकते हैं और यहां तक कि वह कार्य भी कर सकते हैं जो मानव की क्षमताओं से परे हो। कुछ मायनों में, मानव अपने स्थान पर दुसरे व्‍यक्ति को रख सकता है, कार्य करने में ढिला हो सकता है, काफ़ी गलतियां कर सकता है और बेमान हो सकता है‚ जबकी मशीनें गलतियों को कम कर सकती हैं, गुणवत्ता और गति में सुधार कर सकती हैं।  स्वचालन पारंपरिक उद्योगों और लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है, लेकिन पहले की तरह स्वचालन की क्रांति से कई नौकरियाँ भी उभर के आएँगी और काम में विविधता आएगी। ऑटोमेशन (automation)‚ उचित या अनुचित रूप से मानव जीवन स्थितियों पर अलग-अलग व तेजी से प्रभाव डालेगा। तथा टैकनोलजी (Technology) उत्पादन, खपतव परिवहन को फिर से एक नया आकार देगी। टैकनोलजी को काम में लाने से कुछ व्यवसायों का नुकसान होगा और शायद संपूर्ण रोजगार में कमी होगी।
यूनाइटेड किंगडम (united kingdom) में, अगले बीस वर्षों में 1.5 करोड़ तक के नुकसान की भविष्यवाणी की गई है। यहां तक कि यूनाइटेड किंगडम में सभी नौकरियों में से 40%और संयुक्त राज्य अमेरिका में 47%को स्वचालन से खतरा है। विशेष रूप से, मध्यम वर्ग की आधी नौकरियों को बदले जाने की उम्मीद है, खासकर ढुलाई, वित्तपोषण, सेवा-क्षेत्र, खाद्य-सेवा, परचून व्यापार, उत्पादन, और प्रशासन के क्षेत्र में। अगले दो दशकों में 702प्रकार की नौकरियों के लुप्त होने का खतरा है। नौकरियां जिनमें "व्यक्तिगत देखभाल, रचनात्मकता, निपुणता, सामाजिक बुद्धिमत्ता और असलियत" शामिल हैं वे नौकरिया सुरक्षित हैं। कोविड-19डिजिटल परिवर्तन में स्वचालन के उद्यम उपयोग को तेज करता है‚ जैसे-जैसे महामारी ने डिजिटल (digital) मांगों को बढ़ाया, प्रौद्योगिकी नेताओं को आरपीए (RPA)और हाइपरऑटोमेशन (hyperautomation)के लिए रोडमैप (roadmaps)को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कार्यकारी अधिकारी एक विस्तारित अवधि के लिए रातोंरात 100प्रतिशत डिजिटल संचालन के लिए तैयार नहीं थे।पूरे उद्यम में‚ दूरस्थ कार्य (Remote work), ई-कॉमर्स(e-commerce), सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, व्यावसायिक प्रक्रियाएं और सॉफ़्टवेयर (software)प्रत्येक विशिष्ट रूप से अत्‍यधिक मांगों, बाधाओं और विफलता के बिंदुओं के संपर्क में थे।व्यापार निरंतरता और स्थिरीकरण अचानक सभी की प्राथमिकता बन गयी थी।कोविड-19ने विरासत प्रक्रियाओं (legacy processes) और बीपीओ(BPOs) को चरम क्षमता से परे धकेल दिया। महामारी ने अधिकारियों को डीएक्स (DX) पर पुनर्विचार करने और व्यापार के भविष्य के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। जिसमें‚ सूची में सबसे ऊपर आरपीए (RPA) और हाइपरऑटोमेशन हैं।
स्वचालन मुख्य रूप से प्रोग्रामिंग (programming)पर आधारित है और स्क्रिप्ट(scripted) किए गए कार्यों को करने के लिए‚ विभिन्न प्रणालियों को एक साथ एकीकृत करने के लिए एपीआई (APIs)और अन्य एकीकरण समाधानों पर निर्भर करता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)(artificial intelligence (AI)) के साथ स्वचालन‚ मशीनों के लिए मानव कार्यों की नकल करना संभव बनाता है, जैसे पैटर्न पहचान (pattern recognition), दृश्य धारणा, भाषण मान्यता, निर्णय लेने और अनुकूलन क्षमता। RPA विवेकपूर्ण व्यावसायिक प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करता है और आमतौर पर ज्ञानी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जाने वाले अत्यधिक दोहराव वाले वनियमित कार्यों को स्वचालित करने के लिए सॉफ़्टवेयर बॉट (software bots) का उपयोग करता है। हाइपरऑटोमेशन(hyperautomation) वह जगह है जहां उन्नत स्वचालन उपकरण और एआई (AI)नई क्षमताओं‚अंतर्दृष्टि, और अधिक प्रभावशाली परिणामों को खोल सकता है। ऑटोमेशन उद्योग (automation industry)के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक डिजिटल परिवर्तन(digital transformation) में इसकी सटीक भूमिका की समझ की कमी थी।लेकिन, कोविड-19ने सब कुछ बदल कर रख दिया। यह घातीय पैमाने (exponential scale)की आवश्यकता में स्पॉटलाइट प्रक्रियाओं (spotlight processes)में जोर देता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3jaw56K
https://bit.ly/37c9a5u
https://bit.ly/3j0xtJe
https://bit.ly/3ihb2jX

चित्र संदर्भ
1. क्योटो में शॉपिंग मॉल में रोबोट का एक चित्रण (unsplash)
2. मेरठ कैंट कार्यालय में फाइलों को स्टोर करने, फेरी लगाने और स्टरलाइज़ करने के लिए रोबोट का उपयोग किया जाता है (timesofIndia)
3.एलोन मस्क के न्यूरालिंक का उद्देश्य एक ऐसा उपकरण विकसित करना है जो मानव मस्तिष्क को एआई के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाए (The economic Times)

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