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ईद-अल-अधा या बकरीद इस्लामिक कैलेंडर की दूसरी ईद है। इस दिन दुनिया भर के मुसलमान भेड़,
बकरी, ऊंट आदि की कुर्बानी या बलि चढ़ाते हैं, जिसके बाद इस मांस को गरीबों में बांटा जाता है। माना
जाता है, कि इस दिन पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे को अल्लाह को समर्पित करते हुए उसका
बलिदान दिया, लेकिन अल्लाह ने खुश होकर बलिदान से ठीक पहले उसे एक भेड़ में बदल दिया। पशु
बहुत महत्वपूर्ण और मूल्यवान संपत्ति होते हैं, इसलिए इनका और इब्राहिम द्वारा अपने बेटे का बलिदान
देने की इच्छा ने ईश्वर के प्रति अपनी व्यक्तिगत इच्छा और अहंकार को सौंपने या त्यागने को इंगित
किया।
दुनिया भर में अनेकों मुसलमान पशु बलि देकर ईद का जश्न मनाते हैं, किंतु जो मुसलमान शाकाहारी हैं,
वे बलिदान के रूप में पशु की बलि नहीं देते, बल्कि इसे एक अलग तरीके से मनाते हैं।शाकाहार स्वास्थ्य
के लिए लाभकारी है। साथ ही कृषि को प्रोत्साहित करने और नैतिक कारकों की वजह से भी शाकाहार को
बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। आज बाजार में बहुत सारे पशु उत्पाद विकल्प उपलब्ध हैं, इसलिए
इनकी मदद से लोग ईद को शाकाहार से जोड़ रहे हैं। ऐसे कई लोग हैं, जो इस्लाम धर्म से सम्बंधित हैं,
तथा उनके लिए मांस खाना उनके दैनिक जीवन का हिस्सा है, लेकिन वे फिर भी शाकाहार का विकल्प
अपनाते हैं।
ऐसा इसलिए भी है, क्यों कि वे मानते हैं कि पैगंबर मुहम्मद व्यावहारिक रूप से शाकाहारी
थे तथा उनके समय में मुसलमानों द्वारा मांस की दावत साझा नहीं की जाती थी। मांस का सेवन एक
लत बन सकता है, इसलिए वे दैनिक रूप से मांस खाने के समर्थक नहीं थे।
कुरान के अनुसार जानवर मनुष्य की तरह संवेदनशील प्राणी हैं। इसके अलावा कुरान में पर्यावरण की
सुरक्षा पर भी जोर दिया गया है।किंतु वे मुस्लिम जो इस्लाम में मांस के सेवन को महत्वपूर्ण मानते हैं,
उनके अनुसार कुरान में कहा गया है कि मांस खाना गलत नहीं है, तथा इसे गलत नहीं बनाना चाहिए।
भले ही शराब और सुअर के मांस को कुरान में निषिद्ध किया गया है, लेकिन अन्य पशु मांस के सेवन
को मना नहीं किया गया है। लेकिन इसके विपरीत कुरान में पशुओं के प्रति दयालु होने का भी उल्लेख
किया गया है। स्वयं मुहम्मद भी बहुत कम मांस खाते थे। भले ही कुरान में हलाल मांस खाने का
उल्लेख है, लेकिन साथ ही कुरान यह भी कहती है, कि यदि जानवरों को निर्दयता के साथ मारकर उन्हें
प्राप्त किया जाता है, तो वह हमेशा हलाल नहीं होता। इस्लाम दया सिखाता है, जो जीवित प्राणियों के
लिए भी है। मुस्लिम शाकाहारी मानते हैं, कि कुरान के अनुसार हमें जानवरों की सुरक्षा करनी चाहिए
तथा उनके कल्याण के लिए प्रयास करने चाहिए। कुरान के अनुसार हमें जानवरों को केवल एक संसाधन
के रूप में नहीं देखना चाहिए, क्यों कि वे भी एक प्राणी हैं। कुरान के कई छंदों में जानवरों के प्रति दया
के भाव का भी वर्णन किया गया है तथा कहा गया है कि जानवर का हित करने से उतना ही पुण्य प्राप्त
होता है, जितना कि किसी इंसान का हित करने से। कुरान में लिखा गया है, कि अगर कोई प्राणी एक
सूक्ष्मजीव पर भी दया करता है, तो अल्लाह न्याय के दिन उस पर मेहरबान होगा। चूंकि, इस्लाम धर्म
करुणा, दया और शांति का संदेश देता है, इसलिए इन्हें इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी बनाए
रखना चाहिए। इस्लाम धर्म के विभिन्न पैगम्बरों ने जानवरों के प्रति होने वाली क्रूरता का विरोध किया
था। इस आधार पर हम यह कह सकते हैं, कि इस्लाम धर्म शाकाहार के विपरीत या विरूद्ध नहीं है।
ऐतिहासिक रूप से इस्लाम धर्म के कई मुस्लिम समुदायों जैसे सूफी समुदाय ने भी शाकाहार को अपनाया
तथा जीवों के प्रति दया दिखाने के लिए प्रेरित किया।
दुनिया भर में शाकाहारी मुस्लिम कुर्बानी को एक अलग नजरिए से देखते हैं। उनके लिए कुर्बानी का
मतलब समर्पण है, यह मात्र किसी जानवर की बलि देना नहीं है। यह आपके ईश्वर के साथ जुड़ने, स्वयं
पर चिंतन करने और लोगों की सेवा करके परमेश्वर की सेवा करने से सम्बंधित है। पशु उत्पादों के बिना
भी दूसरों की मदद की जा सकती है। क़ुर्बानी का अर्थ इब्राहिम का बलिदान है,जिसने अल्लाह को उसकी
सच्ची आस्था दिखाई। अर्थात हमें प्रार्थना, दुआ और दान करके अल्लाह के प्रति अपना विश्वास साबित
करना है। कुर्बानी का अर्थ अल्लाह के करीब जाने के लिए ऐसी चीज का बलिदान है, जिसे आप बहुत
प्यार करते हैं, संजोते हैं और अपने पास रखना चाहते हैं। यही कारण है, कि भारत या पूरी दुनिया में
ऐसे अनेकों मुस्लिम हैं, जो इस्लाम का पालन करते हुए शाकाहारी जीवन शैली को अपना रहे हैं। इसके
लिए कई मुस्लिम शाकाहारी संगठन भी बनाये गए हैं। अनेकों लोगों का मत है, कि इस्लाम में पशु बलि
को इस्लामी अरब समाज के मानदंडों और शर्तों ने अनिवार्य बनाया है, इसे खुद इस्लाम ने अनुमति नहीं
दी है। इस प्रकार इस्लाम धर्म पूरी तरह से शाकाहार के विपरीत या विरूद्ध नहीं है।
संदर्भ:
https://bit.ly/2VNRTNw
https://bit.ly/3xOtWE8
https://bit.ly/3xKu07L
https://bit.ly/3eyLmwH
https://bit.ly/3kycgZm
चित्र संदर्भ
1. स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ एक ईद मानते एक ताजिकिस्तान परिवार का चित्रण (wikimedia)
2. भारत में संभवतः विश्व के सबसे स्वादिष्ट शाकाहारी पकवान बनते हैं (flickr)
3. कुर्बानी के लिए जानवर नहीं दे रहा रोता बच्चा (कुर्बानी) 2019 (youtube)
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