समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
प्रायः हम ऐसे अनेक लोगों से मिलते हैं, जो अकेले ही अनेक गुणों से संपन्न (हरफनमौला) होते है, अथवा ऐसे
उपकरणों को प्रयोग करते हैं, जो अकेले ही हमारे ढेरों काम संपन्न कर सकते हैं। उदाहरण के लिए हम मोबाइल को ले
सकते हैं। परंतु प्रकर्ति ने भी हमारी अनेकों समस्यांओ के निदान के तौर पर कीज़लगर (Kieselguhr) जैसे बहुपयोगी
पाउडर को दिया है।
कीज़लगर (Kieselguhr) अथवा डायटोमेसियस अर्थ (Diatomaceous Earth) या डायटोमाइट(Diatomite),
प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली, नरम, तलछटी चट्टान होती है, जिसे महीन सफेद से लेकर ऑफ-व्हाइट पाउडर में
तोड़ दिया जाता है। पाउडर के कणो का आकार आमतौर पर 10 से 200 माइक्रोन तक होता है। इसकी रासायनिक
संरचना में 80-90% सिलिका, 2-4% एल्यूमिना (ज्यादातर मिट्टी के खनिजों के लिए जिम्मेदार), और 0.5-2%
आयरन ऑक्साइड पाया जाता है। इसका धातु पॉलिश, टूथपेस्ट, यांत्रिक कीटनाशक, तरल पदार्थ के लिए शोषक,
प्लास्टिक और रबर में भराव को मजबूत करने, रासायनिक उत्प्रेरक आदि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसकी
खोज सर्वप्रथम 1836 में, जर्मन किसान पीटर कास्टेन (Peter Kaste) ने उत्तरी जर्मनी में एक कुए की खुदाई करते
समय की थी।
डायटोमेसियस अर्थ या डायटोमाइट एक विशेष खनिज है, जो दुनिया के चुनिंदा स्थानों पर ही उपलब्ध है। भारत में
डायटोमेसियस अर्थ राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के कुछ हिस्सों में ही पाया जाता है, जो राजस्थान के
पश्चिमी भागों में हैं। जिसे थार मरुस्थल के नाम से जाना जाता है। जिसका नियंत्रण सरकारी खनन विभाग के द्वारा
किया जाता है।
डायटोमेसियस अर्थ दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्यों की यह हमारी त्वचा से लेकर पेड़ पोंधों के लिए भी
लाभदायक होता है। यह सर्वोत्तम सर्व-उद्देश्यीय उपचारों में से एक है, जिसे दुनिया भर में प्राकृतिक त्वचा देखभाल
और घरेलू उत्पादों में भी शामिल किया जाता है। एक नरम पाउडर होने के कारण इसका उपयोग सौंदर्य के प्रति
उत्साही लोगों के बीच क्ले मास्क (clay masks), फेस स्क्रब (face scrubs) और फेस वाश (face washes) तौर पर
भी उपयोग किया जा रहा है। यह पाउडर प्राकर्तिक रूप से भी बहुपयोगी है, क्यों की इस पाउडर के कुछ स्कूप न केवल
बगीचे को एफिड्स (aphids), ईयरविग्स (earwigs), जैसे संक्रमणों से छुटकारा दिलाते हैं, बल्कि घुन और चींटियों
को भी आने से रोकते हैं। साथ ही यह केंचुओं के लिए भी सुरक्षित है। यह हमारे दांतों के लिए भी लाभप्रद होता है, क्यों
की यह दांतों को साफ, और कैविटी मुक्त रखता है। डायटोमेसियस अर्थ को सिर की जूँ कम करने के लिए भी जाना
जाता है, हालांकि विशेषज्ञों इसे शरीर के अंदर न लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे श्वसन संबंधी समस्याएं भी
उत्पन्न हो सकती है।
यह विस्फोटकों के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है, डायनामाइट की सुग्राहिता को कम करने के लिए
कीज़लगर उपयोग किया जाता है। डायनामाइट मुख्य रूप से खनन, निर्माण, और विध्वंस उद्योगों में उपयोग किया
जाता है। यह नाइट्रोग्लिसरीन (nitroglycerin), सॉर्बेंट्स (sorbents)और स्टेबलाइजर्स (stabilizers) से बना एक
विस्फोटक होता है। सबसे पहले इसका आविष्कार स्वीडन के रसायनज्ञ और इंजीनियर अल्फ्रेड नोबेल (Alfred
Nobel) ने किया था, और 1867 में इसका पेटेंट कराया गया था।
कीज़लगर, या काष्ठचूर्ण, या समिता का प्रयोग
डायनामाइट के संरक्षण के लिए होता है, ताकि इधर-उधर ले जाने में वह विस्फोटित न हो जाए।
पिछले साल, सरकार ने पेट्रोलियम नियम, 2002 के तहत परिवहन के अंतर्गत टैंकरों के लिए PESO के माध्यम से
कागज रहित लाइसेंसिंग प्रक्रिया शुरू की थी। इससे दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने के लिए लचीलापन
प्रदान होगा। आग और विस्फोट से जनता और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य के साथ, PESO
वैधानिक प्राधिकरण को बनाया गया है। इसी प्रकरण में नए-नए आधुनिक विस्फोटक रोधी उपकरणों की खोज भी
होती रही है। पुणे में एक्सप्लोसिव डिटेक्शन 2020 (Explosive Detection 2020) पर राष्ट्रीय कार्यशाला में एक
नए विस्फोटक का पता लगाने वाले उपकरण डबड रेडर-एक्स (dubbed Raider-X) का अनावरण किया गया। यह
दो मीटर की स्टैंड-ऑफ दूरी से 20 विस्फोटक तक का पता लगा सकता है। इस उच्च क्षमता वाले उपकरण को ऊर्जा
सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (High Energy Materials Research Laboratory (HEMRL) और पुणे और
बैंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान डीआरडीओ की एक शाखा द्वारा विकसित किया गया है। विस्फोटक पहचाने
वाले यंत्रों पर काम करने के अलावा, DRDO लगभग 1,800 से अधिक उद्योगों के साथ मिलकर अधिक उन्नत और
आधुनिक हथियार बनाने का काम भी कर रहा है, जिन्हें जल्दी ही सेना को सौंपा जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि
"चूँकि विस्फोटक पहचान के लिए विश्व भर में कोई सार्वभौमिक समाधान नहीं है, इसलिए वैज्ञानिक संस्थानों,
शिक्षाविदों, सुरक्षा एजेंसियों, सशस्त्र बलों और पुलिस को एक मंच पर लाकर नवीनतम विस्फोटक डिटेक्टरों
(explosive detectors) को विकसित करने की आवश्यकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3jO1WfJ
https://bit.ly/3hAHIDk
https://bit.ly/3dQLOWP
https://en.wikipedia.org/wiki/Diatomaceous_earth
http://www.diatomaceousearthindia.com/
https://bit.ly/3wl4Xqn
https://en.wikipedia.org/wiki/Dynamite
चित्र संदर्भ
1. फ़ूड-ग्रेड डायटोमेसियस अर्थ के नमूने का एक चित्रण (Wikimedia)
2. कृषि क्षेत्र में डायटोमेसियस अर्थ उपयोग करने का एक चित्रण (youtube)
3. डायटोमेसियस अर्थ की स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप फोटो(wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.