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भारतीय भोजन की असीमित विविधताओं और इसके अद्वितीय तथा गहरे स्वाद के अनुरूप यह विश्व भर में न केवल लोकप्रिय है, बल्कि एक रुचिकर शोध का विषय भी बन चुका है। भारतीय भोजन निर्माण सामग्री तथा शैली के बल पर दुनिया भर में प्रतिष्ठित है। भारतीयों ने किसी स्वाद को पसंद किये जाने के परिपेक्ष्य में वे सभी सीमायें तोड़ डाली हैं, जो वैज्ञानिकों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। साथ ही पश्चिमी भोजन की तुलना में अधिक मसालों के संयोजन के बावजूद भारतीय भोजन पूरी दुनिया से एकदम भिन्न है, आइये इसे विस्तार से समझते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रायः ऐसे कई कारण होते हैं, जिनकी वजह से हमें कोई भोजन स्वादिष्ट लगता है। जैसे भोजन कितना स्वादिष्ट है, यह इस बात पर निर्भर करता है की, उसका रंग कैसा है ?, व्यंजन की बनावट कैसी है? तापमान, अर्थात भोजन ठंडा है अथवा गरम? यहाँ तक की कई बार यह उसकी ध्वनि पर भी निर्भर करता हैं ,(उदाहरण के लिए आप आलू चिप्स और क्रंच को ले सकते हैं) हालाँकि इन सभी गुणों से पहले भोजन की गंध और उसमे पड़ने वाले मसालों का स्वाद महत्व रखता है। सामान्यतः अधिकांश भोज्य पदार्थों में 50 प्रकार के स्वाद अणु (flavor molecules) तथा गंध कारक होते हैं, जैसे टमाटर में 400 प्रकार के सुगंध घटक पाए जाते हैं। वही कुछ मसालों में इनकी प्रबलता बेहद अधिक होती है। उदहारण के लिए, लौंग : यूजेनॉल नामक रसायन के कारण बेहद कम में भी अधिक प्रभावशाली होती हैं।
उत्तर अमेरिकी और पश्चिमी यूरोपीय देशों के व्यंजनों में “सामान मात्रा में अणुओं अथवा रसायनों की मात्रा रखने
वाले व्यंजनों को स्वादिष्ट माना जाता है”। अर्थात व्यंजन में उपयोग किये गए मसालों अथवा अवयवों में जितनी
अधिक समानता होगी खाद्य पदार्थ उतना ही अधिक पसंद किया जाएगा। जैसे पिज़्ज़ा (pizza) में मोज़ेरेला
चीज़(Mozzarella Cheese), टोमैटो सॉस(Tomato Sauce) और परमेसन (Parmesan) का मिश्रण दिया जाता है,
क्यों की इन सभी में 4-मिथाइलपेंटानोइक एसिड (4-methylpentanoic acid) नामक एक समान स्वादिष्ट
रासायनिक घटक होता है, आप स्वयं ही पिज्जा की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
आश्चर्यजनक रूप से भारत में स्वादिष्टता की परिभाषा पश्चिमी देशों के एकदम विपरीत हैं। विशेषज्ञों द्वारा
2,500 से अधिक व्यंजनों का विश्लेषण किया, और उन्होंने पाया कि भारत में स्वाद रसायनो अथवा अणुओं के
पर्याप्त साझाकरण के विपरीत, नुस्खा सामग्री स्वाद को प्रभावित करती हैं। यानी भारतीयों द्वारा स्वाद यौगिकों को
मुश्किल से ही साझा किया जाता है। भारतीय भोजन का अद्वितीय स्वाद पूरी तरह से निर्माण शैली और मसालों के
प्रयोग पर निर्भर है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारतीय व्यंजनों में औसत स्वाद साझाकरण अपेक्षा से काफी कम था।
जो चीज भारतीय भोजन को इतना विशिष्ट बनाती है, वह यह है कि इसके घटकों में कुछ भी समान नहीं है। भारतीय
क्षेत्रीय व्यंजनों में मसालों का विशेष महत्व है, जैसे गरम मसाला, अदरक लहसुन का पेस्ट आदि यहाँ के प्रमुख
मसाला संयोजन हैं। इसने हास्यास्पद रूप से विभिन्न वैज्ञानिकों की स्वाद संबंधी थ्योरी को ही झुठला दिया,
आयुर्वेदिक ग्रंथों जैसे चरक संहिता और भावप्रकाश निघंतु के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में आहार के हिस्से के
रूप में मसालों का उपयोग प्राचीन सिंधु सभ्यता से होता आ रहा है। यहां ऐतिहासिक रूप से मसालों ने कई उद्देश्यों
की पूर्ति जैसे भोजन को रंग और स्वाद प्रदान करने वाले संरक्षक और योजक के तौर पर किया जा रहा है। साथ ही यह
एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, कीमोप्रिवेंटिव और एंटीमुटाजेनिक(anti-oxidant, anti-inflammatory,
chemopreventive and antimutagenic) का भी काम करते हैं।
यहां मसालों का उपयोग रोगाणुरोधी के रूप में
भी किया जाता है। कई मसाले भोजन को ख़राब होने से बचाने के लिए भी डाले जाते हैं।
कोरोना महामारी ने भारतीय मसाला निर्यात में उत्प्रेरक का काम किया एसोचैम डिपस्टिक (Assocham Dipstick)
के अनुसार पिछले साल जून माह में भारतीय मसालों के निर्यात में रुपये के लिहाज से 34 फीसदी की भारी बढ़ोतरी
देखी गई। जून, 2020 में भारत से मसाला निर्यात 23% बढ़कर 359 मिलियन डॉलर हो गया, जो की पिछले वर्ष के
जून माह में 292 मिलियन डॉलर था। भारत से निर्यात किये जाने वाले मसालों में काली मिर्च, इलायची, अदरक,
हल्दी, धनिया, जीरा, अजवाइन, सौंफ, मेथी, जायफल, मसाला तेल और ओलियोरेसिन, और पुदीना उत्पाद प्रमुख हैं,
जिन्हे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, सिंगापुर, चीन और
बांग्लादेश जैसे देशों द्वारा आयात किया गया।
संदर्भ
https://bit.ly/3jBn4FO
https://wapo.st/3yopVpR
https://on.natgeo.com/3wdlMn1
https://bit.ly/2SN1tiI
चित्र संदर्भ
1. भारतीय पारंपरिक मसालों का एक चित्रण (wikimedia)
2. भोजन की आदर्श प्लेट का एक चित्रण (wikimedia)
3. महत्वपूर्ण अवसरों पर परोसा जाने वाला शाकाहारी आंध्रा भोजन का एक चित्रण (wikimedia)
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