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हमारे पालतु जानवरों में कुत्ता, बिल्ली और खरगोश भी आते है और तोता, कबूतर तथा चिडियां भी आते है। लेकिन क्या आप जानते है कि इनमें से कुत्ता, बिल्ली और खरगोश, हमारे तोता, कबूतर और चिडियां की तुलना में कम जीते हैं। पक्षी स्तनधारियों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अपने शरीर के आकार की वजह से लंबे समय तक जीवित रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि पक्षियों में स्तनधारियों की तुलना में अधिक चयापचय दर, शरीर का तापमान और एक उच्च ठहराव वाला ग्लूकोज़ (Glucose) होता है, जो इनकी उम्र बढ़ाने में सहायता करता है। लेकिन वास्तव में तो इन चयापचय कारकों से उम्र बढ़ने के बजाए कम होनी चाहिए।पक्षियों में असाधारण दीर्घायु से पता चलता है कि उन्होंने अपनी बढ़ी हुई चयापचय प्रक्रियाओं के मद्देनजर तेजी से उम्र बढ़ने से बचने के लिए विशेष तंत्र विकसित किए हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि वे ऐसा करने में कैसे सक्षम हैं?
वैज्ञानिक बताते है कि पक्षी अक्सर 20 से 80 साल तक जीवित रह सकते हैं जबकि कुत्ते और बिल्ली केवल 20 साल तक जी सकते हैं। हम आपको कुछ पक्षियों की उम्र बताएंगे जिनको जान कर आप हैरान रह जायेंगे कि ये पक्षी कैसे इतना जीवित रह पाते हैं-:
1. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के एडिलेड चिड़ियाघर (Adelaide Zoo) में मादा चिली फ्लेमिंगो (Chilean Flamingo) का निवास था।यह पक्षी 2014 में अपने जीवन के 60 वर्ष पूरे करने के बाद मृत्यु को प्राप्त हुआ। यह पहली बार 1970 के दशक में एडिलेड चिड़ियाघर में आयी थी और तब से वहाँ रह रही थी।
2. 'लेसान अल्बट्रॉस' (Laysan Albatross) एक विशाल सीबर्ड (Sea Bird) है, जिसे ‘विजडम’ (Wisdom) भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे उम्रदराज एक जीवित समुद्री चिड़िया है जिसकी आयु 2018 में लगभग 68 वर्ष थी।
3. थाओ (Thaao) का निवास स्थान कनेक्टिकट (Connecticut) के बियर्डस्ले चिड़ियाघर (Beardsley Zoo) में था। 2010 में, यह बताया गया था कि इस एंडियन कोंडोर (Andean Condor) पक्षी “थाओ” की मृत्यु हो गई और तब उसकी उम्र 80 वर्ष थी।
4. ग्रेटर फ्लेमिंगो (Greater Flamingo) पक्षी ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड चिड़ियाघर में रहता था। जब वह 2014 में मर गया, तो वह कम से कम 83 साल का था।
5. कुकी (Cookie)एक कॉकटू (Cockatoo) पक्षी जो अमेरिका (America) के ब्रुकफील्ड चिड़ियाघर (Brookfield Zoo) में रहता था जो 2016 में 83 वर्ष का हो चुका था।
6. पोंचो (Poncho), जो वर्तमान में 92 साल का है और इंग्लैंड (England) का निवासी है। 2000 में यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) आने से पहले, पोंचो का एक लंबा हॉलीवुड (Hollywood) करियर रहा है। यह एक मादा ग्रीनविंग मैकौ (Greenwing Macaw) पक्षी है।
7. ऑस्ट्रेलिया का फ्रेड (Fred) एक सल्फर-क्रेस्टेड कॉकटू (Sulphur-crested cockatoo) है जो 2018 में 103 वर्ष का हो चुका है। फ्रेड को उनके मालिक के निधन के बाद 20 साल पहले बोनोरोंग वन्यजीव अभयारण्य (Bonorong Wildlife Sanctuary) में दान कर दिया गया था।
8. इंग्लैंड का नीले और पीले रंग का यह मैकौ (Macaw) तोता “चार्ली” (Charlie) 2014 में कथित तौर पर 114 साल का था।
9. कॉकी बेनेट (Cocky Bennett) एक प्रसिद्ध पक्षी था जो ऑस्ट्रेलिया में रहता था। इसकी मृत्यु मई 1916 में 120 साल की उम्र में हुई थी, इससे कॉकी बेनेट दुनिया का सबसे उम्रदराज़ पक्षी बन गया।
मेरठ में पाए जाने वाले मैकौ और कॉकटू भी काफी लंबे समय तक जीवित रहते हैं। मैकौ अपने रंगबिरंगे पंखों के लिए जाना जाता है। यह पक्षी दीर्घावधी तक जीवित रहते हैं और इनकी आयु 60 वर्ष तक हो सकती है। ये कई प्रकार के खाद्य पदार्थ खाते हैं जिनमें बीज, सुपारी, फल, ताड़ के फल, पत्ते, फूल, और तने शामिल हैं। जंगल के कुछ क्षेत्रों में मैकौ द्वारा खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों में विषैले पदार्थ भी होते हैं जिन्हें वे पचाने में सक्षम नहीं होते हैं। इन विषैले पदार्थों के असर को खत्म करने के लिए नदी के किनारे से निकली चिकनी मिट्टी का सेवन करते हैं। वहीं कॉकटू पक्षी की बात करे तो प्रजाति के आधार पर बड़े कॉकटू 30 से 70 साल तक जीवित रह सकते है और कुछ 20 साल तक जीवित रह सकते है। ये मुख्य रूप से वनस्पति खाद्य पदार्थों की एक श्रृंखला का उपभोग करते हैं, जिनमें बीज इनके आहार का एक बड़ा हिस्सा है।
शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाने के लिए कि कैसे ये पक्षी इतने लम्बे समय तक जीवित रहते है। आंकड़े बताते हैं कि उन पक्षियों और स्तनधारियों की जीवन अवधि बढ़ जाती है जो उड़ सकते हैं।हाल ही के आंकड़ों से पता चलता है कि जो जानवर नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, वे नियमित रूप से व्यायाम ना करने वालों की तुलना में अधिक जीते हैं।इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पक्षियों और स्तनधारियों में ऑक्सीडेटिव (Oxidative) के साथ ही शरीर के आकार में बदलाव की भी जांच की। उन्होंने बताया कि पक्षियों में उड़ान के लिए आवश्यक ऊर्जा के बढ़ने के बावजूद, उनके माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए
(Mitochondrial DNA) में ऑक्सीडेटिव (Oxidative) क्षति का स्तर कम होता है। इसका अर्थ है कि ये चयापचय प्रक्रियाएं आम तौर पर मुक्त कणों को छोड़ती हैं और उन कोशिका घटकों को विशेष रूप से झिल्ली से बांधती हैं। जिसमें कोशिका झिल्ली को स्थिर करने के लिए कोषिकाएं अधिक ऊर्जा का उपयोग करती है। यह तनाव जल्दी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पूरा करता है।शोधकर्ताओं ने शोध के बाद पाया कि स्तनधारियों की तुलना में पक्षियों में ऊर्जा की खपत लिपितड (Lipid) के टूटने की सेलुलर (Cellular) दर काफी कम थी।
वहीं कुछ पक्षी, विशेष रूप से तोते अपनी उम्र की तुलना से काफी लंबे समय तक जीवित रहते हैं। मैकौ भी अपने अनुमानित जीवन काल से लगभग चार गुना लंबा जीते हैं। सामान्य रूप से पक्षियों में ऑक्सीडेटिव क्षति में कमी होती है, जो यह दर्शाता है कि पक्षियों में प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (आरओएस-oxygen species (ROS)) के निम्न स्तर हैं या उन्होंने क्षति को कम करने के लिए कोई विशेष रणनीति विकसित की है। ऑक्सीडेटिव प्रक्रियाओं से नुकसान को कम करने के लिए पक्षियों के पास एक जटिल सारणी तंत्र भी है।
चित्र सन्दर्भ:
1.एक पेड़ पर एक मकोव दंपत्ति, पक्षियों की सबसे लंबी जीवित प्रजातियों में से एक(freepik)
2.उनके प्राकृतिक आवास में नई दुनिया तोतों का एक समूह
3.विभिन्न लंबे समय तक जीवित रंगीन पक्षियों का चित्रण
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