ये क्या! पूरी दुनिया एक ही थाली में भोजन खाती है।

स्वाद- खाद्य का इतिहास
03-04-2021 10:26 AM
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ये क्या! पूरी दुनिया एक ही थाली में भोजन खाती है।
मानव जीवन में भोजन की उपयोगिता को समझते हुए महान सूफी संत कबीर दास जी ने एक दोहे में कहा है "जैसा भोजन खाइये , तैसा ही मन होय "। अर्थात हम जैसा भोजन करते हैं, उसी के अनुरूप हमारा मन भी व्यवहार करने लगता है। यह बात मानव प्रकर्ति से बढ़कर मानव संस्कृति पर पर लागू होती है। भोजन किसी भी देश की संस्कृति का बेहद अहम हिस्सा होता है।
मनुष्य को जीवित रहने के लिए कार्बोहाइड्रेट, वसा, जल तथा प्रोटीन युक्त पदार्थों का सेवन करता है। इसी के साथ ही हम शरीर में ऊर्जा लाने, शादी विवाह अथवा किसी अन्य तरह समारोह, किसी भी त्योहार का जश्न मनाने, और ऐसे कई अन्य कारणों से भोजन करते हैं। दुनिया में प्रत्येक देश की खान-पान को लेकर एक दूसरे से भिन्न नजरिया, संस्कृति, तौर-तरीके तथा एक दूसरे से भिन्न व्यंजनों का चुनाव होता है।
अधिकतर संस्कृतियों में लोग भोजन के स्वाद और उससे जुड़े पोषक तत्वों को लेकर सजक रहते हैं। जहाँ भोजन का स्वादिष्ट होना बहुत जरूरी होता है साथ ही लोग इस बात के लिए भी सजग रहते हैं, कि भोजन सेहत के लिए लाभकारी हो। भौगोलिक स्थिति के अनुसार, लोगों के खाने का तरीका और संस्कृति दोनों बदलते रहते हैं। आइए जानते हैं कैसे?

भारत
भारतीय व्यंजन पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक हैं। यहाँ आमतौर पर चटपटा भोजन पसंद किया जाता है। यहाँ भोजन को बेहत सम्मानित तरीके से पालथी (घुटनों को मोड़कर बैठने) मोड़कर खाना खाने का प्रचलन है। खाना खाने में दाएं हाथ का इस्तेमाल किया जाता है, तथा काँटा और चम्मच का इस्तेमाल करने के बजाय हाथ की उँगलियों का इस्तेमाल किया जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में केले के पत्तों में भोजन परोसा जाता है, तथा पूरा परिवार एक समय पर एक साथ बैठकर खाना-खाता है। भारत में एक बार भोजन शुरू करने पर बीच में छोड़ना अशोभनीय माना जाता है। तथा यहाँ भोजन को बेहद आदर की दृष्टि से देखा जाता है। भारत में विश्व के सर्वाधिक शाकाहारी लोग रहते हैं।


एशिया और ओशिनिया
एशियाई देशों में अन्ना के प्रति आभार जताने की आम प्रक्रिया है। अफगानिस्तान में मेहमानों की तुलना में मेजबानों को अधिक भोजन दिया जाता है, तथा वह स्वयं बाद में खाते हैं। यहां आमतौर पर भोजन के बाद रसोइये की भी प्रशंसा की जाती है। चीन में निवाला मुंह में लेने के लिए कांटे का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पर कांटे को चूसना तथा उसका उपयोग प्लेट और अन्य बर्तन को सरकाने के लिए करना असभ्यता माना जाता है। यहाँ बुजुर्ग और सम्मानीय मेहमान सबसे पहले खाना शुरू करते हैं। जापान में मेहमान से 3 बार भोजन करने का आग्रह किया जाता है। यहाँ के रेस्तरां में बख्शीश( Tip) देना अस्वीकार्य है। पाकिस्तान में भोजन शुरू करने से पूर्व और बाद में अल्लाह को याद किया जाता है। खाना चबाने की आवाज़ नहीं आनी चाहिए तथा खाना मुंह बंद करके खाना पसन्द किया जाता है।

मध्य और दक्षिण अमेरिका

ब्राजील में मेहमान को भोजन स्वयं परोसने का आग्रह किया जाता है। यहाँ पिज़्ज़ा आदि भोज्य के लिये भी कांटे का इस्तेमाल किया जाता है। चिली में भोजन के समय गोद में रुमाल रखा जाता है, जब तक जरूरी न हो अपने हाथों को मेज़ पर नहीं टिकाया जाता। पेरू देश में भोजन के बाद अंगड़ाई नहीं ली जाती।

यूरोप

फ़्रांस की संस्कृति में भोजन के बाद धन्यवाद और शुक्रिया जैसे शब्द बेहद मायने रखते हैं। कुछ नया लेने से पहले आपसे पहले का खाना समाप्त करने की उम्मीद की जाती है। रूस में खाने के पश्चात थोड़ा भोजन थाली में छोड़ा जाता है, यह मेहमान के प्रति अपनी विनम्रता दिखाने का प्रतीक होता है। मुंह में निवाला भर कर बात करना तथा किसी की थाली में झांकना अशिष्टता समझा जाता है।

उत्तरी अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में जब तक सभी को भोजन न परोस दिया जाय किसी का भी खाना शुरू नहीं करना सभ्य माना जाता है। यहाँ अपनी कुर्सी पर पीछे की ओर न झुकें तथा मेज पर डकारने, खांसने, उबासी लेने, या छींकने से बचना चाहिए। यहाँ ठोस आहार को लेने के लिए कांटे का इस्तेमाल किया जाता है। भोजन में सलाद परोसने को वरीयता दी जाती है।

लगभग सभी देशों और महाद्वीपों में हमें कुछ समानताएं देखने को मिली। जैसे की सभी जगहों पर भोजन को सम्मान के साथ परोसा और खाया जाता है। भोजन के समय अतिथियों और घर के बुजुर्गों को खास सम्मान दिया जाता है। ठोस भोज्य पदार्थों के लिए कुछ खास तरह के बर्तन, काँटों और चम्मच इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है। अन्न ग्रहण करने के पश्चात ईश्वर का धन्यवाद करना सभी देशों में आदर्श समझा जाता है। हमने जाना कि पूरे विश्व की संस्कृतियों में भोजन ग्रहण करने के तरीकों में कई समानताएं हैं। जो की "वसुधैव कुटुंब (पूरा विश्व एक परिवार हैं") के कथन को सार्थक करता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3fzxsvP
https://bit.ly/39C920X

चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र में भारतीय भोजन दिखाया गया है। (विकिमेडिया)
दूसरा चित्र एशिया और ओशिनिया भोजन को दर्शाता है। (pxhere)
तीसरा चित्र अमेरिकी भोजन दिखाता है। (फ़्लिकर)
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