शहरीकरण हमारे गंध महसूस करने की शक्ति को कम कर रहा है

गंध- ख़ुशबू व इत्र
13-03-2021 09:31 AM
Post Viewership from Post Date to 18- Mar-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1290 1 0 0 1291
शहरीकरण हमारे गंध महसूस करने की शक्ति को कम कर रहा है
कारा हूवर (Kara Hoover - अलास्का विश्वविद्यालय (University of Alaska) में एक बायोएन्थ्रोपोलॉजिस्ट (Bioanthropologist)) का कहना है कि "प्रदूषण हमारी गंध को महसूस करने की क्षमता को कम करता है,"। "आपका वातावरण जितना अधिक शहरी होगा, आपकी गंध उतनी ही कम मजबूत होगी।" यह सहज लग सकता है, लेकिन इस पर विचार करें: आज विश्व काफी तेजी से शहरी, तेजी से औद्योगिक और तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है, जिस वजह से वर्तमान समय में हमारी गंध को महसूस करने की शक्ति हमारे दादा-दादी की उम्र से भी बदतर होती जा रही है। इस विषय में हूवर की अंतर्दृष्टि अन्य लोगों से अधिक है। उनका शोध घनी आबादी वाले क्षेत्रों में महक के अनुभव की विविधता पर केंद्रित है। वह मानती है कि गंध की हमारी पहले की विविध इंद्रियां पर्यावरणीय कारकों के कारण एक वर्णक्रम पर एक साथ निकटता को समाप्त कर सकती हैं। हर जगह की एक विशिष्ट गंध होती है जिसे समझा नहीं जा सकता है और शब्दों में नहीं डाला जा सकता है, मेरठ की योजना में बेहतर निर्णय लेने के लिए इस गंध का लाभ कैसे उठाया जा सकता है?
लेकिन हूवर का तर्क है कि स्मेलमैप्स (Smell maps) जीवन की गुणवत्ता की भविष्यवाणी कर सकते हैं। एक ही शहर के भीतर के महंगे स्थान या एक समुद्र तट गंतव्य की तुलना में एक उत्पादक हब (Hub) और एक साधनहीन जिले के बारे में सोचें। वर्णित प्रत्येक पड़ोस में धन से संबंधित एक संबद्ध स्तर होता है, जिसमें एक नस्लीय घटक होता है जो शिक्षा स्तर, स्वास्थ्य जोखिम और वाणिज्यिक व्यवहार्यता जैसे सामाजिक आर्थिक कारकों पर फैलता है। जीवन के ये कारक गंध से प्रभावित होते हैं और बदले में किसी क्षेत्र की गंध को प्रभावित कर सकते हैं। "यह वास्तव में चिंताजनक हो जाता है," हूवर ने कहा। "आप एक खराब गंध के जितने करीब होते हैं, आपके जीवन की गुणवत्ता उतनी ही खराब होती है, मनोवैज्ञानिक प्रभाव जितना खराब होता है, आप उतने ही गरीब होते हैं।" निश्चित रूप से, गंध सामाजिक आर्थिक विज्ञान के एक तुच्छ संकेतक की तरह होता है, लेकिन यह एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने के लिए अवास्तविक नहीं है जहां शहरी डिजाइन (Design) और प्रौद्योगिकी गंध का लाभ उठाएंगे।
ग्रामीण-शहरी गंध विभाजित साक्ष्य प्रस्तुत करता है जो पहले से ही हो रहा है। हूवर कहते हैं, "जो लोग पारंपरिक जीवन शैली का अभ्यास करते हैं, वे वास्तव में गंधक का पता लगा सकते हैं।" "वे गंध की अपनी भावना का शाणन कर सकते हैं, या वे अपने पर्यावरण के साथ अधिक विविधतापूर्ण परस्पर क्रिया कर सकते हैं।" दूसरी ओर, शहर गंध की हमारी भावना पर हमला कर रहे हैं। आधुनिक ब्रांडिंग (Branding) अक्सर "सुगंधित गंध" के इर्द-गिर्द घूमती है, क्योंकि हमारे मस्तिष्क में विषाद और सामाजिक सांस्कृतिक संकेतों को मजबूती से बांधने की क्षमता होती है। भीड़ भरे बाज़ार में, ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ब्रांडों द्वारा गंध को छोड़ा जाता है। वाणिज्यिक रूप से उत्पादित खाद्य और फास्ट फूड (Fast Food) ब्रांड दोनों मसाले और कृत्रिम स्वाद और सुगंध का उपयोग करते हैं। दूसरी ओर शहरी क्षेत्र ऊष्मा द्वीप बना रहे हैं, जो गंध की हमारी क्षमता को आवर्धित करेंगे, क्योंकि जैसे-जैसे हम अधिक गर्म जलवायु की ओर बढ़ते हैं, तो हम देख सकते हैं कि हमारी गंध की भवन में सुधार आया है, ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी अणुओं को तेज गति से आगे बढ़ाती है, और इसलिए एक ठंडी जगह की तुलना में एक गर्म स्थान में गंध काफी तेज होती है। जिस वजह से कचरे या अन्य कोई भी खराब दुर्गंध गर्म स्थान में तेज होगी, जो सिरदर्द और घबराहट जैसे रोग को उत्पन्न करेगा।
दरसल एक स्मेलमैप्स उन शहरों की खोज करने के नए तरीकों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बनाया गया है जिसके वे मूल निवासी हैं और जिसमें वे आते-जाते रहते हैं। एक स्मेलमैप रंगीन धब्बों और गाढ़ी रेखाओं से बना होता है, जो आकाशगंगाओं की तरह दिखाई देते हैं। वहीं स्मेलस्केप्स (Smellscapes) गंध संबंधी परिदृश्य की समग्रता, दोनों प्रासंगिक (सामने वाले या सीमित समय) और अनैच्छिक गंध को समायोजित करता है। विक्टोरिया हेन्शॉ (Victoria Henshaw) का शहरी स्मेलस्केप्स पर तर्क है कि गंध और समाज के बीच संबंध बदल गया है। अतीत में, शहरों और परिदृश्यों को मुख्य रूप से आधुनिक दृष्टि से समझा और आकार दिया जाता था। जहाँ ऑडियो-विज़न (Audio-vision) की प्रधानता शहरी डिजाइन और नियोजन में वास्तुकारों की प्रथाओं को निर्धारित करती है। वहीं आधुनिक समय में, गंध की भावना अधिक प्रासंगिक हो जाती है, इसलिए भावना के अनुसार शहरों को डिज़ाइन करने के लिए गंध को केंद्रित किया जा सकता है। वहीं हेन्शॉ बताती हैं कि महिलाएं गंध का पता लगाने, पहचानने और याद करने में अधिक सक्षम होती हैं; तथा इसमें कमी आना उनकी उम्र के अनुसार और शारीरिक अवस्था और आदतों (जैसे, धूम्रपान) आदि पर निर्भर करता है।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3c2rBvD
https://bit.ly/3kLTcFl
https://bit.ly/3epyKcj
https://bit.ly/3rlUg5f

चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र मेरठ में प्रदूषण को दर्शाता है।
दूसरी तस्वीर से पता चलता है कि शहरीकरण से प्रदूषण होता है। (विकिपीडिया)
तीसरी तस्वीर में कचरे को जलाना दिखाया गया है जो प्रदूषण की ओर ले जा रहा है। (पिक्साबे)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.