कोविड-19 (Covid-19) में समजीक दूरी बनवाए रखने में कितना सहायक सिद्ध हुआ ड्रोन?

द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना
08-01-2021 02:22 AM
कोविड-19 (Covid-19) में समजीक दूरी बनवाए रखने में कितना सहायक सिद्ध हुआ ड्रोन?

तेजी से विकसित हो रही प्रद्योगिकी ने हमें कई सारे ऐसे उपकरण दिए हैं, जिन्होंने जीवन को सरल बना दिया है, जिसमें से एक है ड्रोन (Drone), ड्रोन ने अकेले ही हवाई फोटोग्राफी (Aerial photography) उद्योग को बदल कर रख दिया है। उन्नत तकनीक और ड्रोन की कीमतों में गिरावट ने ड्रोन फोटोग्राफर (Photographer) बनना पहले से कहीं ज्यादा आसान कर दिया है। वास्तव में, इस की मदद से आप भूमि का सर्वेक्षण कर सकते हैं, ऐसे स्थानों का समन्वेषण कर सकत हैं जहां जाना कठिन हो या अद्वितीय हवाई वीडियो (Video) भी बना सकते हैं। हालांकि आम कैमरों (Camera) से दुर्गम क्षेत्रों और हवाई फ़ोटोग्राफ़ी करना काफी मुश्किल साबित हो रहा था। जिसे देखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा ड्रोन (यह एक छोटा रिमोट (Remote) द्वारा नियंत्रित करने वाला छोटा विमान है, जो किसी भी कैमरे को ले जाने में सक्षम होता है) का आविष्कार किया गया। दरसल यह कोई एक नया विचार नहीं है, आरसी एयरक्राफ्ट (Rc aircraft) के समर्थक लोग वर्षों से ही छोटे विमानों के प्रतिरूप में कैमरों को नियोजित करते आ रहे हैं। हालांकि, प्रौद्योगिकी में हाल ही की प्रगति की वजह से अब न केवल इन विमानों को नियंत्रित करना आसान है, बल्कि तस्वीरें खींची भी जा सकती हैं। GoPros जैसी अशिष्ट, लघु कैमरा प्रौद्योगिकी के समानांतर विकास ने फोटोग्राफर के लिए एक उपकरण के रूप में ड्रोन की विशाल क्षमता को पेश किया है। ड्रोन का सबसे आम प्रकार क्वाडकॉप्टर (Quadcopter) संस्करण हैं। ये, जैसा कि नाम से पता चलता है कि एक बहुत ही स्थिर और आसानी से नियंत्रित मंच प्रदान करने के लिए चार पंखों, हेलिकॉप्टर (Helicopter) शैली का उपयोग करता है। कुछ ड्रोन को एक कैमरा के साथ बेचा जाता है। आमतौर पर यह एक एचडी वीडियो (HD Vedio) कैमरा होगा, कभी-कभी स्थिर क्षमता के साथ। यदि आपको स्वयं का कैमरा लेना है तो आप कैमरों के बिना ड्रोन खरीद सकते हैं और उसे स्वयं ड्रोन में लगा सकते हैं। बस आपको यह अवश्य ध्यान में रखना होगा कि ड्रोन कैमरा उठाने में सक्षम हो। सैकड़ों वर्षों से, हवाई कैमरों ने हमारे ग्रह की विस्मयकारी छवियां प्रस्तुत करी हैं, जैसे प्राकृतिक आपदाओं के विनाशकारी रूप और युद्ध की भयवी तस्वीरें। यदि देखा जाएं तो मानव इतिहास की पिछली शताब्दी के साथ ही हवाई फोटोग्राफी का इतिहास देखने को मिलता है। 19 वीं शताब्दी के मध्य में साहसिक कार्य के शौकीनों द्वारा गुब्बारे, पतंग और यहां तक कि रॉकेट (Rocket) का उपयोग करके आकाश में कैमरों को लॉन्च (Launch) करके वाणिज्यिक फोटोग्राफी का आविष्कार किया गया था, यह पाउला आमद (Paula Amad) के 2012 के हवाई फोटोग्राफी के इतिहास के अवलोकन के अनुसार प्रकाशित किया गया था। वहीं गैस्पर फ़ेलिक्स टूरनाचॉन (Gaspar Félix Tournachon), जिन्हें आमतौर पर "नादर (Nadar)" के रूप में जाना जाता है द्वारा 1858 में एक गर्म हवा के गुब्बारे से पहली सफल हवाई तस्वीर ली गई थी, जिसे उन्होंने पेरिस (Paris) के बाहर पेटिट-बिसेटर (Petit-Bicêtre - अब पेटिट-क्लैमार्ट (Petit-Clamart)) के ऊपर 262 फीट पर लिया गया था, हालांकि उनके द्वारा खींची गई मूल तस्वीरें खो गई। जेम्स वालेस ब्लैक (James Wallace Black) की 1860 की हवाई तस्वीर, जो बोस्टन (Boston) से 2,000 फीट ऊपर के बंधे हुए हॉट एयर बैलून (Hot air balloon) से ली गई थी, यह सबसे पुरानी मौजूद हवाई तस्वीर है। जॉर्ज लॉरेंस (George lawrence) द्वारा बाद में घुमावदार फिल्म प्लेट (plates) के साथ बड़े प्रारूप वाले कैमरों को पतंग की मदद से हवा में उड़ा कर तस्वीरें ली गईं थीं। उनकी सबसे प्रसिद्ध तस्वीर 1906 के सैन फ्रांसिस्को (San francisco) में आए भूकंप और आग से हुए नुकसान की तस्वीर है, जिसे 17 पतंगों का इस्तेमाल करके 2,000 फीट की ऊंचाई से लिया गया था। 1903 में, जर्मन इंजीनियर (German engineer) अल्फ्रेड मौल (Alfred Maul) ने एक बारूद रॉकेट का आविष्कार किया, जो केवल आठ सेकंड में 2,600 फीट तक पहुंच सकता था और पहुँचने के बाद, यह पैराशूट (Parachute) से बंधे कैमरे को छोड़ देता था, जिससे कई तस्वीरे भी ली गई थी। वहीं हवाई तस्वीरें असल में द्वितीय द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्ध की ली गई हवाई तस्वीरों के बाद काफी लोकप्रिय हुई थी। युद्ध के दौरान ही अमेरिका ने TDR-1 (हालांकि यह एक इमेजिंग प्लेटफॉर्म (Imaging platform) के बजाय एक आक्रमण विमान था) की तरह अल्पविकसित ड्रोन विमानों पर प्रयोग करना शुरू कर दिया था। 1980 के दशक में पहली बार आधुनिक शैली के ड्रोन दिखाई देने लगे थे, क्योंकि इजरायल (Israel) के इंजीनियरों द्वारा लोगों पर निगरानी रखने के लिए वीडियो कैमरों से सुसज्जित प्रतिरूप विकसित किए थे। जिसे देखते ही अमेरिका ने जल्द ही इसी तरह की तकनीक को अपनाया और एक रिमोट-नियंत्रित अग्रणी ड्रोन को बनाया, जिसके द्वारा खाड़ी युद्ध के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले इराकी (Iraq) सैनिकों को फिल्माया गया था। कुछ साल पहले तक, हवाई फोटोग्राफी का उपयोग ज्यादातर सैन्य, समर्पित शौकीनों, और पूर्ण आकार के विमानों का उपयोग करने वाले लोगों तक सीमित था। लेकिन आज इसकी बढ़ती लोकप्रियता की वजह से इसने एक व्यावसायिक रूप ले लिया है। हाल ही में उत्पन्न हुई कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी को कम करने के लिए सरकार द्वारा भी ड्रोन का उपयोग किया गया, पुलिस द्वारा सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था। वहीं आबकारी विभाग ने इसका इस्तेमाल शराब की अवैध शराब की जांच के लिए भी किया। केवल इतना ही नहीं कुछ लोगों द्वारा ड्रोन का उपयोग क्वारंटाइन (Quarantine) हुए लोगों तक समान पहुंचाने के लिए भी किया ताकि जोखिमों को कम किया जा सकें। ड्रोन का उपयोग करके इन परिवारों को ऑर्डर (Order) के आधार पर दुकानों से खरीदी जाने वाली दवाइयां, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक चीजें पहुंचाई जाती हैं।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3bfWZYQ
https://bit.ly/2Xiofh6
https://time.com/5281295/aerial-photography-history-drones/
https://www.lightstalking.com/rise-of-the-drones/
https://wp-modula.com/how-to-start-a-drone-photography-business/
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र ड्रोन और उसके नियंत्रक को दर्शाता है। (Unsplash)
दूसरी तस्वीर में लखनऊ की हवाई तस्वीर दिखाती है। (Prarang)
तीसरी तस्वीर में लखनऊ की हवाई तस्वीर दिखाई गई है। (Prarang)
आखिरी तस्वीर में ड्रोन उड़ते हुए दिखाया गया है। (Unsplash)
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