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भारत भूमि को यदि देवताओं की नगरी कहा जाए तो इसमें कोई अतिस्योक्ति नहीं होगी कहा जाता है कि हिन्दू धर्म में तैंतीस करोड़ देवी देवताओं को पूजा जाता है. हमारे हिन्दू धर्म में एक ऐसे देवता हैं जिनके बिना शायद ही कोई पूजा संपन्न होती हो या फिर किसी भी शुभ कार्य का शुभारंभ होता हो. यह देव हैं भगवान श्री गणेश, हिंदू देवताओं में भगवान श्री गणेश जी का विशेष स्थान है, इन्हें गणपति और सिद्धिविनायक के नाम से भी जाना जाता है, कोई भी समारोह इनकी अनुमति लिए बिना पूरा नहीं होता है। जब भी कोई पूजा की जाती है तो इन्हें सबसे पहले आमंत्रित किया जाता है क्योंकि इन्हें समृद्धि लाने वाला और नई शुरुआत करने वाला माना जाता है। इन्हें विघ्नहर्ता के रूप में संदर्भित किया जाता है , जिसका अर्थ है कि बाधाओं को दूर करने वाले। गणेश जी को मानवीय शरीर में हाथी के सिर दिखाया जाता है. गणेश जी के शरीर में हाथी का सिर बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इनका सिर काट दिया गया था, बाद में इन पर हाथी का सिर लगाया गया.
हाथियों को पौराणिक कथाओं, प्रतीकवाद और लोकप्रिय संस्कृति में विशेष स्थान दिया गया है। वे धर्म और युद्ध दोनों में अपने कौशल के लिए सम्मानित एवं में पूजनीय हैं। एशियाई हाथी विभिन्न धार्मिक परंपराओं और पौराणिक कथाओं में दिखाई देते हैं। वे सकारात्मक व्यवहार और कभी-कभी देवताओं के रूप में पूजनीय होते हैं, जो अक्सर ताकत और ज्ञान का प्रतीक होते हैं। इसी तरह, अफ्रीकी हाथी को बुद्धिमता के रूप में देखा जाता है जो अफ्रीकी दंतकथाओं में वन जीवों के बीच विवादों का निपटारा करते थे, और आशांति (Ashanti ) परंपरा यह में यह माना जाता है कि वे अतीत से मानवों के प्रमुख थे। प्राचीन भारत के हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान के अनुसार, प्रमुख दिशाओं के कम्पास बिंदुओं पर पृथ्वी को हाथियों द्वारा संभाला और संरक्षित गया था। शास्त्रीय संस्कृत साहित्य में भूकंप आने का कारण हाथियों के शरीर के झटकों को माना जाता था.
गणेश जी का हाथी का सर और बड़ा हुआ उदर अन्य हिंदू देवताओं से भले ही विचित्र हो किंतु इनका विशेष अर्थ है जैसे बड़ा हुआ उदर लौकिक सद्भाव का प्रतीक है। चारों दिशाओं में सर्वव्यापकता की प्रतीक उनकी चार भुजाएँ हैं। वे लंबोदर हैं क्योंकि समस्त चराचर सृष्टि उनके उदर में विचरती है। हाथी के बड़े कान अधिक ग्राह्यशक्ति व छोटी-पैनी आँखें सूक्ष्म-तीक्ष्ण दृष्टि की सूचक हैं। उनकी लंबी नाक (सूंड) महाबुद्धित्व का प्रतीक है। इनकी कई प्रतिमाओं में इन्हें लाल रंग से रंगा जाता है जिसमें इनके तीक्ष्ण सफेद दांत, तीन आँखें और आठ हाथ होते हैं, जिनमें क्रमश: कुल्हाड़ी, तीर, हुक, वज्र, तलवार और भाला, मूसल और एक धनुष होता है।
विभिन्न संस्कृतियों में गणेश जी को ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है. गणेश के प्रति लगाव किसी भी संस्कृति, भाषा और धर्म की सीमाओं से परे है। इन्हें भारत में ही नहीं वरन् विश्व के अन्य देशों जैसे तिब्बत (Tibet), चीन (China), थाईलैंड (Thailand) और जापान (Japan) में भी पूजा जाता है. तिब्बती बौद्ध धर्म में तांत्रिक देवताओं में से एक लोकप्रिय एवं सहायक देवता के रूप में इन्हें पूजा जाता है। कुछ उन्हें अवलोकितेश्वर की अभिव्यक्ति के रूप में मानते हैं। थाईलैंड में, गणेश जी को फरा फिकनेत (Phra Phikanet) के रूप में जाना जाता है और उन्हें अच्छे भाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह कला, शिक्षा एवं व्यापार से जुड़े हुए हैं। जापान में, गणेश जी को कांगिटेन (Kangiten) ("आनंद का देवता") या बिनायक-टेन (Binayaka-ten) के रूप में पूजा जाता है। कंगिटेन विनायक को मूली, शराब, ताजे फल, दही, शहद और आटे से बने बन्स (buns) चढ़ाए जाते हैं। लैटिन अमेरिका (Latin America) और यूरोप (Europe) में भी गणेश जी की पूजा के प्रमाण मिले हैं। 19 वीं सदी में, रॉयल एशियाटिक सोसाइटी (Royal Asiatic Society) के संस्थापक, सर विलियम जोन्स (Sir William Jones) ने गणेश जी के एक विशेष रूप गणेश जयंति की तुलना और दो-सिर वाले रोमन (Roman) के देवता जनूस (Janus) से की है वे भी जो शुभारंभ और परिवर्तन के एक प्रमुख देवता माने जाते हैं। जोन्स ने गणेश जी को भारत का 'जनूस' कहा। गणपति हमें भय और चिंता से निपटने में मदद करते हैं; इसलिए वह विभिन्न संस्कृतियों में मौजूद है; हिंदुत्व में वे लोगों को मार्गदर्शन करने वाले, स्पष्ट एवं नवीन दृष्टिकोण देने वाले हैं।
भारत में गणेश जी के जन्म दिवस गणेश चतुर्थी को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में सभी क्षेत्रों के और विभिन्न धर्मों के लोग भाग लेते हैं। चंदौसी, मुरादाबाद के मुस्लिम कारीगर गणेश की मूर्तियों को बनाने में अपने हिंदू भाइयों की मदद करते हैं। मुंबई में, बॉलीवुड सितारे बड़े ही धूमधाम से अपने घर सिद्धिविनायक जी को लाते हैं। फिल्म अभिनेता सलमान खान अपने परिवार के साथ गणेश चतुर्थी मनाते हैं।
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