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क्या आपने कभी गौर किया है कि हम जिन-जिन सामग्रियों का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं, जैसे सौंदर्य प्रसाधन, टूथपेस्ट, कीटनाशक इत्यादि इनमें ऐसा कौन सा पदार्थ होता है, जो इन्हें लाभदायक और उपयोग करने योग्य बनाता है। खनिज लवण प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले ऐसे तत्व होते हैं, जिनमें ऐसे उपयोगी गुण विद्यमान होते हैं, जिन्हे सामग्रियों में मिलाकर सामग्रियों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। अंततः हम उन सामग्रियों को उपयोग कर पाते हैं। इन खनिजों को प्राप्त करना सरल कार्य नहीं है। ऐसा ही एक खनिज जिसका नाम डायटोमेसियस अर्थ (Diatomaceous Earth) है।
1836 या 1837 में, एक जर्मन किसान पीटर कास्टेन (Peter Casten) ने उत्तरी जर्मनी के लुनेबर्ग हीथ (Lüneburg Heath) में हेइडेलबर्ग पहाड़ी (Heidelberg Hill) के उत्तरी ढलानों पर स्थित एक कुएं में गोता लगाने के दौरान डायटोमेसियस अर्थ (जर्मन भाषा में केज़लगुर (Kieselgur)) की खोज की। डायटोमेसियस अर्थ (Diatomaceous Earth) जिसे डायटोमाइट या केज़ेल्घर (Diatomite or Kieselguhr) के नाम से भी जाना जाता है, एक खनिज पदार्थ है। विश्व के कुछ चुनिंदा स्थानों पर पाया जाने वाला यह खनिज बहुत गुणकारी है। भारत में यह राजस्थान के बहुत छोटे हिस्से में ही पाया जाता है। इसकी सिलिका जैसी प्रकृति (Siliceous Nature) होने के कारण सरकारी खनन विभाग द्वारा खनन सिलिसियस अर्थ के नाम से पट्टों पर दिया जाता है। डायटोमाइट अमोर्फोस सिलिका (opal, SiO2·nH2O) और समुद्री तलछट के मृत डायटम (सूक्ष्म एकल-कोशिका वाले शैवाल) के सिलिसस अवशेषों के मिश्रण से बना होता है। कुछ हद तक चॉक जैसा दिखने वाला लेकिन बहुत हल्का डायटोमाइट एक हल्के सफ़ेद और पीले रंग का दानेदार, खंखरा, नरम और सिलिसस तलछटी चट्टान है। इसके कण का आकर सामान्यतः 10 से 200 माइक्रोन तक होता है लेकिन वह कभी - कभी 3 माइक्रोन से कम और 1 मिमी से अधिक भी हो सकता है। ओवन से सुखाए गए डायटोमेसियस अर्थ की विशिष्ट रासायनिक संरचना 80-90% तक सिलिका से बनी होती है, जिसमें 2-4% एल्यूमिना (ज्यादातर मिट्टी खनिजों से प्राप्त) और 0.5-2% लौह ऑक्साइड पाया जाता है। छिद्रयुक्त संरचना के कारण यह पानी और अन्य रसायनों को अवशोषित करने में सक्षम होते हैं। साथ ही, इसका संयुक्त घनत्व बहुत कम होता है जिस कारण इसका उपयोग अन्य सिलिकेट खनिजों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक किया जाता है। दानेदार डायटोमेसियस अर्थ (Granulated Diatomaceous Earth) का उपयोग एक कच्चे माल के रूप में किया जाता है, जिसे महीन चूर्ण में परिवर्तित कर सुविधाजनक पैकेजिंग के किए इस्तेमाल किया जाता है। डायटोमेसियस अर्थ के कई प्रारूपों को सामान्य व व्यावसायिक कार्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
अपघर्षक (Abrasive)
निस्पंदन अथवा छानने में सहायक इस पदार्थ का उपयोग विभिन्न कार्यों जैसे रबर में भराव को मजबूत करने, तरल पदार्थ के लिए शोषक, टूथपेस्ट, धातु की पॉलिश, प्लास्टिक फिल्मों में विरोधी ब्लॉक, रासायनिक उत्प्रेरक के लिए छिद्रयुक्त समर्थन सहित उत्पादों में हल्के अपघर्षक के रूप में और बोन्साई जैसे पौधों और पेड़ों के लिए एक मिट्टी के रूप में उपयोग किया जाता है। साथ ही चेहरे के स्क्रब बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
उत्प्रेरक समर्थक (Catalyst Support)
उत्प्रेरक के समर्थन के रूप में भी डायटोमेसियस अर्थ का उपयोग किया जाता है। सामान्यतः एक उत्प्रेरक की सतह क्षेत्र और गतिविधि को अधिकतम करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, निकल (Nickel) को सामग्री में हाइड्रोजनीकरण उत्प्रेरक के रूप में अपनी गतिविधि को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है इस संयोजन को ऐनआई -क्लेशगुर (Ni–Kieselguhr) कहा जाता है।
कीट नियंत्रक (Pest Control)
एक कीटनाशक की तरह भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसका बारीक पाउडर कीड़ों की अनेकों प्रजातियों के एक्सोस्केलेटन की मोम रुपी बाहरी परत से लिपिड को सोख लेता है, यह परत एक बाधा के रूप में कार्य करती है जो कीट के शरीर से होने वाले जल वाष्प के नुकसान को रोकने का कार्य करती है। इस परत के निष्क्रिय होने पर कीड़ों के शरीर से पानी का वाष्पीकरण बढ़ जाता है, और निर्जलीकरण से कीड़े मृत हो जाते हैं। माइक्रोनाइज़्ड डायटोमेसियस (Milled or Micronized Diatomaceous Earth) (10 माइक्रोन से 50 माइक्रोन) अर्थ का उपयोग विशेष रूप से कीटनाशकों के लिए जाता है। कैलक्लाइंड डायटोमेसियस अर्थ (Calcined Diatomaceous Earth) ऊष्मा-उपचारित होती है जिसका उपयोग फिल्टर के लिए प्रयोग किया जाता है।
थर्मल (Thermal)
इसका उपयोग क्रायोजेनिक (cryogenics) के साथ उपयोग के लिए खाली किए गए पाउडर इन्सुलेशन में भी किया जाता है। इसमें ऐसा तापीय गुण होता है जो इसे कुछ अग्नि प्रतिरोधी तिजोरियों में अवरोधक सामग्री के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाता है। वैक्यूम इन्सुलेशन की प्रभावशीलता में सहायता के लिए डायटोमेसियस अर्थ पाउडर को वैक्यूम स्पेस में डाला जाता है। इसका उपयोग पुराने एजीए कुकरों (AGA cookers) में थर्मल ऊष्मा अवरोधक (Thermal Heat Barrier) के रूप में किया जाता था।
कई खनन, उत्खनन, निर्माण और विध्वंस उद्योगों में जहाँ श्रम शक्ति कारगर सिद्ध नहीं होती वहां शक्तिशाली विध्वंसक की आवश्यकता पड़ती है। डायनामाइट (Dynamite) एक विस्फोटक है जो नाइट्रोग्लिसरीन, सोर्बेंट्स (जैसे पाउडर के गोले या मिट्टी) और स्टेबलाइजर्स से बना होता है। जिसका आविष्कार एक स्वीडिश रसायनज्ञ और इंजीनियर अल्फ्रेड नोबेल द्वारा उत्तरी जर्मनी के गेस्थेट में हुआ था और इसे 1867 में पेटेंट कराया गया था। यह बहुत शीघ्र ही काले पाउडर के अच्छे विकल्प की तरह उपयोग किया जाने लगा।
टीएनटी (TNT)
20 वीं शताब्दी के दौरान डायनामाइट और टीएनटी विस्फोटकों की सर्वव्यापकता के कारण दोनों को एक भांति समझा जाता है। वास्तव में इन दोनों में बहुत कम समानताएं हैं। वर्ष 1902 में डायनामाइट के आविष्कार के लगभग 40 साल बाद जर्मन सशस्त्र बलों ने डायनामाइट को तोप के गोले की तरह इस्तेमाल किया जो कि अर्थमूविंग के उद्देश्य से बनाया गया एक पहली पीढ़ी का विस्फोटक था। टीएनटी सेना द्वारा अपनाई जाने वाली दूसरी पीढ़ी का विस्फोटक है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation (DRDO)) और भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर (Indian Institute of Science, Bangalore) ने मिलकर पुणे में एक नया बम का पता लगाने वाला उपकरण विकसित किया है, जिसका नाम है- राइडर-एक्स (Raider-X) । यह 2 मीटर की दूरी से 20 विस्फोटकों तक का पता लगाने में सक्षम है। डीआरडीओ के अध्यक्ष सतीश रेड्डी के अनुसार हाल में हुए आतंकी हमलों में घरेलू विस्फोटकों जैसे पेट्रोल और जिलेटिन छड़ का इस्तेमाल किया गया था। अतः ऐसे खतरों से निपटने एवं घरेलू विस्फोटकों का पता लगाने के लिए इस प्रकार के उपकरण कारगर सिद्ध हो सकते हैं।
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