कृष्ण जन्मोत्सव की कथा

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
11-08-2020 09:45 AM
 कृष्ण जन्मोत्सव की  कथा

भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूरे देश विदेश में भारी धूमधाम से मनाया जाता है। यह वर्षा ऋतु का एक प्रमुख त्यौहार है। यह निश्चित नहीं है कि इस पर्व की शुरुआत कब हुई, लेकिन कृष्ण जन्म से जुड़ी अनेक किवदंतियां और मिथक जनश्रुति के रूप में बहुत प्रचलित हैं।


महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। भागवत पुराण में कृष्ण के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका( जैसे कि रास लीला या कृष्ण लीला) , कृष्ण जन्म के समय भजन गायन, उपवास, रात्रि जागरण और अगले दिन महोत्सव का उल्लेख है। यह खासतौर से मथुरा वृंदावन में भारी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। साथ ही गैर सांप्रदायिक समुदाय जो अन्य भारतीय प्रदेशों में रहते हैं जैसे मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश आदि भी श्री कृष्ण जन्मोत्सव को धूम धाम से मनाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन नंद उत्सव का आयोजन होता है, इस दिन नंद बाबा ने गोकुल में पुत्र जन्म की खुशी में उपहार बांटे थे।

जनश्रुतियां

श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव के यहां ऐसे समय में हुआ था जब उत्पीड़न चरम पर था, स्वतंत्रता नहीं थी, पाप का बोलबाला था और उनके मामा कंस को कृष्ण के हाथों मृत्यु की भविष्यवाणी; एक आकाशवाणी के जरिए पता चल चुकी थी। कृष्ण के जन्म के तुरंत बाद वसुदेव उन्हें यमुना नदी पार करके गोकुल में रहने वाले नंद और यशोदा के पास छोड़ गए। इसी कृष्ण जन्म की स्मृति में जन्माष्टमी पर कृष्ण की मूर्ति को नहला धुला कर, नए वस्त्र पहनाकर, पालने में झुलाया जाता है। भक्त अपना व्रत तोड़ते हैं। महिलाएं अपने घर के बाहर नन्हें-नन्हें पैरों की छाप बनाती हैं, जिसका अर्थ है कि कृष्ण उनके घर में प्रवेश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के बाद दही हांडी का पर्व मनाया जाता है।

द्वारका, जहां कृष्ण ने अपना साम्राज्य स्थापित किया था, में दही हांडी की तरह ही माखन हांडी उत्सव मनाया जाता है। जम्मू में छतों पर इस दिन पतंगे उड़ाई जाती हैं।

जन्माष्टमी के पांच भव्य आयोजक देश

भारतीयों के विदेशों में बसने के कारण, कई देशों में जन्माष्टमी बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है।
न्यूजीलैंड(New Zealand)

ऑकलैंड(Auckland) में श्री श्री राधागिरिधारी मंदिर है। जन्माष्टमी के दिन आधी रात को मंदिर रोशनी से जगमगा उठता है। प्रार्थना और भक्ति संगीत के बाद अत्यंत स्वादिष्ट प्रसाद का वितरण होता है।

कनाडा(Canada)

यहां भारी संख्या में भारतीय परिवार रहते हैं। रिचमंड हिल (Richmond Hill) हिंदू मंदिर में इस उत्सव से संबंधित संगीत आयोजन होते हैं। आधी रात को शंख ध्वनि और फूलों की खुशबू के बीच एक अलौकिक वातावरण की सृष्टि होती है।

मलेशिया(Malaysia)

कुआलालंपुर(Kuala Lumpur) के मंदिरों में जन्माष्टमी बड़ी भव्यता से मनाई जाती है। भारतीय समुदाय वहां नृत्य और नाटक के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसके बाद प्रसाद के रूप में मीठा भोग वितरित होता है।


सिंगापुर(Singapore)

यहां स्थित लिटिल इंडिया (Little India) में जन्माष्टमी का दिव्य आयोजन होता है। बाजारों में मिठाई की भरमार होती है। आकर्षक सजावट होती है। ऐसा लगता है कि हम छोटे भारत में हैं। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में दिलचस्प सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। पेरिस(Paris)

यहां के श्री श्री राधा परिसीस्वरा मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर लोग उपवास रखकर भक्ति पूर्ण गीत गाते हैं और उत्सव के पूरे माहौल को जादुई बना देते हैं।

सन्दर्भ:
https://in.musafir.com/Blog/5_countries_where_Janmashtami_is_celebrated_and_we_bet_you_didn_t_know.aspx
https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Janmashtami
https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Janmashtami#Outside_India

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र सिंगापुर में जन्माष्टमी समारोह को दिखा रहा है। (wikimedia)
दूसरा चित्र नेपाल के एक मंदिर में जन्माष्टमी को प्रदर्शित कर रहा है। (wikimedia)
तीसरे चित्र में जन्माष्टमी के दौरान छप्पनभोग को दिखाया गया है। (wikimedia)
चौथे चित्र में नेपाल के एक मंदिर में जन्माष्टमी समारोह को दिखाया गया है।(wikimedia)
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