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भारतीय मूल का कनक चंपा पेड़ मेरठ में आमतौर पर पाया जाता है। अपने प्रमुख गुणों और औषधीय उपयोग के कारण कनक चंपा का उल्लेख आयुर्वेद में किया गया है। इसे अंग्रेजी में dinner plate वृक्ष के रूप में भी जाना जाता है। की पत्तियों का उपयोग इसके नाम से पूरी तरह मेल खाता है। कनक चंपा की पूर्ण विकसित पत्तियां आकार में बहुत बड़ी होती हैं, लंबाई- चौड़ाई मिलाकर 35 सेंटीमीटर होती है। वे वास्तविक डिनर प्लेट की तरह इस्तेमाल हो सकती हैं, पैकिंग और सामान बांधने के लिए प्रयोग हो सकती हैं। भारत में नियमित रूप से कनक चंपा की पत्तियां डिनर प्लेट, सूट की कटोरी के रूप में नए-नए सांसो में बनाई जाती हैं, कुछ आपस में टहनियों से सील कर बनाई जाती हैं। पंजाब में भी यह डिनर प्लेट वृक्ष के रूप में लोकप्रिय है।
आयुर्वेद में भारतीय औषधियों के क्रम में कनक चंपा का प्रयोग सिर दर्द, अल्सर, घाव, कफ, सर्दी, रक्त स्राव, त्वचा विकार आदि व्याधियों के उपचार में किया जाता है। कनक चंपा: कुछ तथ्य कनक चंपा उष्णकटिबंधीय वृक्षों और झाड़ियों के रूप में होता है। कुछ प्रजातियां सजावटी होती हैं जबकि दूसरी अन्य अपनी लकड़ी के लिए विख्यात है। इसकी ऊंचाई 50 से 70 फीट तक होती है। इसमें बड़े-बड़े सफेद फूल रात को खेलते हैं। इनमें बहुत खुशबू होती है। यह पेड़ खेती के समय दिखता है। यह एक प्रकार की लाल लकड़ी देता है जिसका प्रयोग तखत बनाने में होता है। कनक चंपा एक सजावटी और छायादार वृक्ष होता है। इसे बांग्ला में मुस्कन्दा, कन्नड़ में राजतरु, मणिपुरी मे क्वाक्ला, तेलुगु में मत्स्कंदा, असमिया में मोरागोस, तमिल में वेन्नानगू, उड़िया में मुशुकुंडो, मराठी में कर्निकर के नाम से पुकारते हैं। कनक चंपा के लिए आदर्श स्थितियां है मौसम के अनुसार नम और उसके बाद शुष्क जलवायु जिसमें भरपूर सूरज की रोशनी शामिल हो। इसका वर्गीकरणpterosper-mum दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है-petron और sperma जिन का अर्थ है पंखदार बीज और प्रजाति का नाम acerifolium पत्तियों के maple आकार की होने का संकेत देता है। सफल परागण (पोलिनेटेड) फूल एक कड़ा फल उत्पन्न करते हैं। यह पकने में बहुत समय लेता है, कभी-कभी पूरा एक साल। उसके बाद जब यह फल फटता है तो इसमें से पंख दार बीज की बारिश सी होती है। कनक चंपा पंजाब में डिनर प्लेट ट्री के रूप में क्यों लोकप्रिय है? कनक चंपा की पत्तियां दो रंगों की होती हैं ऊपर की ओर गहरा हरा रंग और अंदर की तरफ हल्का हरा रंग। पत्तियां शाखाओं और पूरे पेड़ को ढके रहती हैं। सबसे दिलचस्प उपयोग इन पत्तियों का यह है कि यह दोहरी होकर डिनर प्लेट का काम करती हैं। इसीलिए कुछ भागों में कनक चंपा को डिनर प्लेट ट्री कहते हैं। इन पत्तियों से छत की भराई करके बारिश में पानी का टपकना बंद किया जाता है, तंबाकू को इन पर डालकर सुखाया जाता है, आग जलाई जाती है,इस तरह एक पति के अनेक उपयोग हैं। इन की छाल से खाज का इलाज होता है और दिलचस्प है कि लिपस्टिक के स्थानीय निर्माण में इसका प्रयोग होता है। कनक चंपा के विशिष्ट उपयोग कनक चंपा की कई विशिष्ट उपयोग हैं। औषधि, लकड़ी, प्लेट के विकल्प जगजाहिर हैं। इनके अलावा यह वृक्ष सड़कों के किनारे सजावट के लिए लगाए जाते हैं। इनकी खूबसूरत और खुशबूदार सफेद फूल, बड़ी पत्तियां और सड़क पर छाया देते लंबे ऊंचे वृक्ष अपनी खास पहचान रखते हैं। औषधीय उपयोग में पत्तियों के नीचे का लोम आवरण(indumentum) के उपयोग से घाव से खून बहना बंद हो जाता है। फूलों से एक टॉनिक बनता है जो सूजन का उपचार करता है, साथ ही अल्सर, ट्यूमर, कुष्ठ रोग और रक्त विकार को दूर करता है। इसकी छाल और पत्तियां चेचक के इलाज में काम आती हैं।A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
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