बैंगन की खेती के लिए उपयुक्त है गर्मियों का मौसम

साग-सब्जियाँ
13-06-2020 10:20 AM
बैंगन की खेती के लिए उपयुक्त है गर्मियों का मौसम

गर्मियों का मौसम साल भर का एक ऐसा समय है जब शरीर को अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए अक्सर इन दिनों अधिक पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दी जाती है। चूंकि यह समय बैंगन की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त है तथा बैंगन पौष्टिक गुणों से युक्त भी है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन करना शरीर के लिए लाभकारी है। टमाटर के बाद बैंगन को सोलेनम (Solanum) वंश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है। यह मुख्य रूप से अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है जोकि शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसमें पॉली-अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (Poly-unsaturated fatty acids), मैग्नीशियम (Magnesium) और पोटेशियम (Potassium) नामक जैसे कई पोषक तत्व उचित मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह शरीर में बढती कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की मात्रा को भी कम करने में मदद करता है। देशी दवाओं में बैंगन का उपयोग यकृत की बीमारियों, एलर्जी (Allergies) के कारण होने वाली खांसी, गठिया, आंतों के कीड़े आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है।

कच्चे बैंगन में 92% पानी, 6% कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), 1% प्रोटीन (Protein) और नगण्य वसा होता है। इसमें सूक्ष्म तथा वृहद पोषक तत्वों की कमी होती है लेकिन तेल और मसालों को अच्छी तरह से अवशोषित करने का गुण इसे पाक-कला का एक विशेष हिस्सा बनाता है। कहा जाता है कि बैंगन की उत्पत्ति भारत में हुई है। प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक डीकैनडोले (Decandolle) ने भारत को एक ऐसे स्थान के रूप में उल्लेखित किया है जहां बैंगन को प्राचीन काल से जाना जाता था तथा इसका मूल प्रायः एशिया का माना जाता है। वैज्ञानिक वेवीलॉव (Vavilov) के अनुसार बैंगन की उत्पत्ति इंडो-बर्मा (Indo-Burma) क्षेत्र में हुई थी। बैंगन का पहला ज्ञात लिखित रिकॉर्ड (Record) 44 ईसा पूर्व के प्राचीन चीनी कृषि प्रकरण क्यूई मिन याओ शू (Qi min yao shu) में पाया जाता है। इस परिवार में 75 वंश और 2000 से अधिक प्रजातियां शामिल हैं, जिनमें से 150 से 200 प्रजातियां कंद वाली हैं।

भारत में बैंगन की खेती पिछले 4,000 वर्षों से की जा रही है। इसकी खेती के वैश्विक क्षेत्र का अनुमान 320 लाख टन के कुल उत्पादन के साथ 18.5 लाख हेक्टेयर है। भारत में खेती के तहत 5.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के साथ लगभग 87 लाख टन की खेती होती है। भारत में कुल सब्जी उत्पादन में 9% योगदान के साथ बैंगन की खेती लगभग 8.14% सब्जी क्षेत्र को आवरित करती है।

उत्तर प्रदेश भारत में बैंगन के प्रमुख उत्पादकों में से एक है और यह बैंगन के लोंगे और बैगन के भर्ते जैसे व्यंजनों का भी स्रोत है। बैंगन की खेती प्रागैतिहासिक काल से दक्षिणी और पूर्वी एशिया में की जा रही है। इसके लिए कई अरबी और उत्तरी अफ्रीकी नाम हैं, जो संकेत देते हैं कि यह प्रारंभिक मध्य युग में अरबों द्वारा पूरे भूमध्य क्षेत्र में उगाया गया था। 12 वीं शताब्दी की इब्न अल-अवम (Ibn Al-Awwam) की कृषि आधारित एक पुस्तक बैंगन को उगाने की विधि का वर्णन करती है।

यह भारत, जापान, इंडोनेशिया, चीन, बुल्गारिया, इटली, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अफ्रीकी देशों में एक प्रमुख सब्जी की फसल है। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में, बैंगन को बगीचे में बोया जा सकता है। इसके लिए गर्म मौसम उपयुक्त होता है और जब ठंडी जलवायु या कम आर्द्रता वाले क्षेत्रों में इसे उगाया जाता है तो पौधे खराब हो जाते हैं।

उगाने वाले के आधार पर पौधों के बीच की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए जबकि खेती में उपयोग किये जाने वाले उपकरणों के प्रकार के आधार पर पंक्तियों के बीच की दूरी 60 से 90 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए। पौधों को पतवार से ढंकना नमी को बनाए रखने में मदद करता है और साथ ही खरपतवारों और फफूंद के कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाता है।

बैंगन के पौधों में प्रायः हाथ द्वारा किया गया परागण अपेक्षाकृत अधिक लाभदायक होता है। पौधे के फूल पूर्ण होते हैं, जिसमें महिला और पुरुष दोनों संरचनाएँ होती हैं, और यह स्व या पर-परागण हो सकता है। बैंगन का उपयोग कई देशों के व्यंजनों में किया जाता है। इसे कभी-कभी शाकाहारी और शाकाहारी व्यंजनों में मांस के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। कोरिया, जापान, फिलीपिंस, भारत, ईरान आदि देशों में बैंगन की विविध प्रजातियां उगायी जाती हैं, तथा यहां बैंगन का उपयोग करके विभिन्न व्यंजन बनाए जाते हैं।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में बैगन दिखाया गया है। (Freepik)
2. दूसरे चित्र में बैगन की कई प्रजातियां दिखाई गयी हैं। (pickero)
3. तीसरे चित्र में बेल पर लगे हुए बैगन दिखाए गए है। (picsql)
4. चौथे चित्र में बैगन दिखाए गए हैं। (flickr)
5. पांचवे चित्र में बेल पर लगे बैगनों की खेती दिखाई गयी है। (Flickr)
6. छठे चित्र में बैगन और खीरा कटे हुए दिखाए गए है। (youtube)
7. अंतिम चित्र में बैगन का भरता भारतीय व्यंजन है। (Picsql)

संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Eggplant
2. https://www.mssrfcabc.res.in/crop-and-plant-diversity/brinjal/index.html
3. https://www.biologydiscussion.com/vegetable-breeding/brinjal-eggplant-origin-breeding-methods-and-varieties-india/68429

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