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वर्तमान समय में हम कोरोना नामक महामारी से जूझ रहे हैं जिसने आज पूरे विश्व भर में एक तबाही मचाकर रख दी है। इस महामारी का आलम यह है की इससे जान और माल दोनों का नुकसान बड़े पैमाने पर हो रहा है। अब यह बिंदु समझने योग्य है की आखिर यह किस प्रकार की घटना है और यह क्या पहली अपनी तरह की घटना है? इस बिंदु को समझने के लिए हमें इतिहास की तह तक जाना होगा और अन्य इस प्रकार की घटनाओं और इस कोरोना की घटना के मध्य के समानता और असमानता को समझने की आवश्यकता है। जैसा की हम सब अभी तक कोरोना को समझ भी नहीं पाए हैं और इसकी दवाई बनाने में भी अबतक सफलता नहीं मिल पायी है तो आइये इस लेख में पढ़ते हैं महामारी के इतिहास के बारे में।
सन 1918 एक ऐसा सन था जब एक अत्यंत ही भयावह बिमारी ने तहलका मचा दिया था इस महामारी का नाम था स्पेनिश फ्लु, यह एक घातक इन्फ्लुएंजा (Influenza) महामारी थी जिसने पूरे दुनिया के करीब 500 मिलियन लोगों को संक्रमित किया था। इस महामारी को दुनिया के सबसे घातक महामारी के रूप में जाना जाता है। उस समय लोगों का मनोबल बनाए रखने के लिए कई देशों ने इससे मरने वालों की संख्या को कम ही दिखाया। उनको आंकड़ों में फेर बदल करने का मौका मिला क्यूंकि इस दौर में प्रथम विश्वयुद्ध शुरू था।
स्पेनिश फ्लू H1N1 के कारण सन 2009 में भी एक बिमारी ने जन्म लिया जिसको स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के नाम से जाना गया। प्लेग (Plague) यह ऐसी महामारी थी जो की 541 ईस्वी सन में बिजन्टीन (Byzantine) साम्राज्य की राजधानी में आई थी। इस प्लेग से करीब 30 से 50 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे। जो उस समय दुनिया की आधी आबादी के करीब की थी। अगली महामारी को काली मौत के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी ने सन 1347 में यूरोप में तबाही मचा दी थी और लगभग 200 मिलियन लोगों की जान ले ली थी। यह पहला ऐसा मामला था जब नाविकों को एकांतवास में रखा गया था जैसा आज कोरोना के कारण रखा जा रहा है। उन लोगों को 40 दिन के लिए रखा गया था और वहीँ से संगरोध शब्द का जन्म हुआ। चेचक ने भी एक समय में पूरे विश्व भर में महामारी का रूप ले लिया था और इसका इलाज 1796 में एडवर्ड जेनर (एडवर्ड जेनर अंग्रेज कायचिकित्सक तथा चेचक के टीके के आविष्कारक थे।
जेनर को अक्सर "इम्यूनोलॉजी का पिता" कहा जाता है) के द्वारा टीके का आविष्कार किया था। कोरोना की तुलना यदि विश्व के और भी महामारियों से किया जाए तो यह पता चालता है की इस बीमारी और अन्य बीमारियों में कई समानताएं और असमानताएं हैं। जैसे की जब हम बात करते हैं H1N1 की तो इसमें और कोरोना में जो बात समान है वो है बुखार। इन दोनो वाइरसों में यह एक ही समानता थी। इस वाइरस का अब तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है तथा इसका कोई भी टीका अभी तक नहीं बन पाया है। कोरोना के साथ भी यही मिल रहा है। मौसमी फ्लू और कोरोना में बड़ी समानताएँ देखने को मिलती हैं लेकिन कोरोना और भी अधिक घातक है तथा इसका इलाज संभव नहीं हो पाया है। इस प्रकार से हम देख सकते हैं की इस बिमारी से बचने के लिए मात्र ऐतिहात ही सबसे महत्वपूर्ण पहलु है।
सन्दर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Spanish_flu#cite_note-54
https://bit.ly/2IQmNuZ
https://www.history.com/news/pandemics-end-plague-cholera-black-death-smallpox
https://www.healthline.com/health-news/how-deadly-is-the-coronavirus-compared-to-past-outbreaks
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