आखिर साइबर क्राइम (Cyber Crime) है क्या और इससे कैसे बचे ?

संचार एवं संचार यन्त्र
13-02-2020 02:30 PM
आखिर साइबर क्राइम (Cyber Crime) है क्या और इससे कैसे बचे ?

रहिमन अति न कीजिए, गहि रहिए निज कानि।
सैंजन अति फूलै तऊ, डार पात की हानि॥
किसी भी वास्तु की अति बड़ी ही खतरनाक व्यसन के रूप में जाना जाता है। रहीम के दोहे से इस बात की सत्यता पर मोहर लग जाती है।
कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय,
या खाए बौराए जग, वा पाए बौराए।

उपरोक्त लिखित कथन में भी इसी बात पर जोर डाला गया है। वर्तमान समय में पूरे विश्व भर में डिजिटल क्रान्ति का सूत्रपात हो चुका है जो की एक बड़े स्तर पर एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य है। इसके माध्यम से व्यापार से लेकर के शोध तक सब अत्यंत ही सुगम हो चुका है। भारत में भी डिजटलीकरण एक बड़े पैमाने पर कार्य करना शुरू कर दिया है। डिजिटल क्रान्ति एक अत्यंत ही जरूरी क्रान्ति है लेकिन जैसा की उपरोक्त दोहों में लिखा गया है की किसी भी वस्तु की आसानी से प्राप्ति या अति एक नकारात्मक विचार भी लाती है तो डिजिटल दुनिया के साथ साइबर अपराध का भी सूत्रपात हुआ है। इस लेख में हम साइबर अपराध के बारे में और भारत में इसके प्रभाव और इसकी प्रतिशत के विषय में भी चर्चा करेंगे|। साइबर क्राइम एक पूर्ण रूप से नवीन विषय है जो की हाल ही में समाज में आया है। यह अपराध इन्टरनेट के आगमन के साथ ही शुरू हुआ है आज वर्तमान में एक बड़ी आबादी इस अपराध के चपेट में है।

साइबर अपराध को गैरकानूनी माना जाता है, इस अपराध में क्रेडिट कार्ड, धोकाधड़ी, अवैध डाउनलोडिंग, औद्योगिक जासूसी, बाल पोर्नोग्राफी, घोटाले, साइबर आतंकवाद, वाइरस वितरण, स्पैम, अवैध सन्देश आदि हैं। साइबर अपराध एक अत्यंत ही व्यापक शब्द है जो की हर उस अपराध को अपने में समाहित करता है जो की कम्प्यूटर या इन्टरनेट के माध्यम से किया जाता है।

साइबर अपराध को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-
1.
वे अपराध जो की किसी कम्प्यूटर आदि को लक्ष्य बना कर किया जाता है, जैसे की हैकिंग, वायरस आदि।
2. वे अपराध जो की कम्प्यूटर को एक जरिया या हथियार मान कर किया जाता है जैसे की- साइबर आतंकवाद, आईपीआर उल्लंघन, क्रेडिट कार्ड धोका, पोर्न आदि।

भारत की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार सन 2017 में भारत में साइबर क्राइम लगभग दो गुना हो गए थे। इस आंकड़े में दिलचस्प बात यह थी की कुल प्रस्तुत आंकड़ों में जो की 50,07,044 संज्ञेय अपराधों थें उनमे से साइबर क्राइम का आंकड़ा करीब 0.43% था या संख्या में कहें तो यह कुछ 21,796 से कुछ कम थे। इन दिए हुए आंकड़ों में 56% आंकड़े धोखाधड़ी से सम्बंधित थे तथा 6.7 % यौन शोषण के थे तथा 4.6% आंकड़े विवादित थे। वर्त्तमान समय में साइबर हमलों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है जिसका प्रभाव बढती हुयी अर्थव्यवस्था पर भी देखा जा सकता है। वर्तमान में ऐसे कुल कम से कम 30 घटनाएं रोजाना हो रही हैं। इन हमलों में ज्यादातर चीन, सिंगापुर, रूस और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल से हो रही हैं। इस प्रकार के अपराध से बचने के लिए इन्टरनेट पर कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो की किसी प्रकार के धोखाधड़ी, चेतावनी, अभद्रता या अश्लीलता आदि को बढ़ावा देती है।

सन्दर्भ:
1.
https://www.medianama.com/2019/10/223-cybercrime-ncrb-2017/
2. https://bit.ly/31Kp2bZ
3. https://bit.ly/2uAw6M8
4. https://www.information-age.com/evolution-cyber-security-wake-digitalisation-123470747/

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