भारत कर रहा है अगली गीगाफैक्ट्री की तैयारी

नगरीकरण- शहर व शक्ति
28-12-2019 11:53 AM
भारत कर रहा है अगली गीगाफैक्ट्री की तैयारी

वर्तमान समय में विद्युत ऊर्जा सभी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। विद्युत ऊर्जा के बिना वर्तमान जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यहां तक कि अब वाहनों को भी विद्युत के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में विद्युत ऊर्जा की कमी सभी को परेशानी में डाल सकती है। इसी कारण से अपने इलेक्ट्रिक (Electric) वाहनों और स्थिर भंडारण प्रणालियों के लिए बैटरी पैक (Battery pack) की आपूर्ति हेतु टेस्ला (Tesla) ने गिगाफैक्ट्री‌-1 (Gigafactory-1) को स्थापित करने की योजना बनायी है जो 2020 तक पूरी हो सकती है। यह एक लीथियम-आयन बैटरी (Lithium-ion batteries) और इलेक्ट्रिक वाहन सबअसेंबली (Subassemblies) फैक्ट्री है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में नेवाडा के पास स्थित है। इस योजना ने अगस्त 2018 में लगभग 3,000 लोगों को रोज़गार दिया था। मानव आबादी के लिए विद्युत शक्ति को बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए यह गीगाफैक्ट्री बनायी गयी है जो बड़े पैमाने पर विद्युत से चलने वाले वाहनों और लिथियम आयन बैटरी का निर्माण करती है।

भारत भी अपनी पहली लिथियम आयन गीगाफैक्ट्री को स्थापित करने की ओर अग्रसर है जो 2024 तक यह कार्य पूरा करने की योजना बना रहा है। हालांकि कच्चे माल, तकनीक और उपकरणों की कमी के कारण भारत को एशिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में आने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। बैटरी प्लांट को स्थापित करने की भारत की इस योजना में टेस्ला ने भी रूचि दिखायी है। नीति आयोग के अनुसार भारत को 2025 तक 6 गीगावॉट तथा 2030 तक 12 गीगावॉट पैमाने की सुविधाओं की आवश्यकता होगी। इस योजना में लगभग 50,000 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है तथा टेस्ला और चीन की कंटेम्परेरी एम्पीरेक्स टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड (Contemporary Amperex Technology Co. Ltd -CATL) ने लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए बड़े कारखाने स्थापित करने की भारत सरकार की इस योजना में प्रारंभिक रुचि दिखाई है।

इसका मुख्य उद्देश्य भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना है। बैटरी का प्रत्येक गीगावाट घंटा, एक घंटे के लिए 10 लाख घरों को बिजली दे सकता है तथा 30,000 इलेक्ट्रिक कारों के लिए बिजली दे सकता है। हवा और सौर ऊर्जा का सही उपयोग करने के लिए इस प्रकार की बड़ी बैटरियों का निर्माण आवश्यक है। इसके अलावा भारत 20% कम लागत के साथ टेस्ला की गिगाफैक्ट्री को भी पीछे छोड़ना चाहता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत द्वारा लिथियम आयन बैटरी का आयात बहुत अधिक किया गया है जो इसकी आवश्यकता को इंगित करता है। पिछले कुछ वर्षों से विद्युत ऊर्जा की मांग बहुत अधिक बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में भारत सरकार की यह योजना विद्युत आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

संदर्भ:-
1.
https://bit.ly/2ZoBn4k
2. https://bit.ly/2PUnnMB
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Gigafactory_1
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://www.flickr.com/photos/spenceyc/7481166880/in/album-72157630374726172/
2. https://cdn.pixabay.com/photo/2017/08/13/05/08/logistic-2636250_960_720.jpg
3. https://www.flickr.com/photos/spenceyc/7481364332/in/album-72157630374726172/

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.