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वर्तमान समय में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसका मापन न किया जा सकता हो। यहां तक कि कोई व्यक्ति औसतन कितने वर्षों तक जीवित रह सकता है इसे भी अब जीवन प्रत्याशा के माध्यम से मापा जा रहा है। जीवन प्रत्याशा किसी व्यक्ति की औसत आयु है अर्थात वह कितने वर्षों तक जीवित रह सकता है या जीवित रह रहा है। भारत में 2002-06 में केरल की जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक थी जबकि पंजाब में रहने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा दूसरे स्थान पर थी। इसी के साथ असम राज्य की जीवन प्रत्याशा सबसे कम आंकी गयी थी।
2002-06 और 2010-14 में भारत के विभिन्न राज्यों की जीवन प्रत्याशा को आप निम्नलिखित तालिका के माध्यम से देख सकते हैं:
2010-14 में उत्तरप्रदेश की जीवन प्रत्याशा 64.1 तथा 2002-06 में 60.0 थी। इन वर्षों में सबसे कम जीवन प्रत्याशा असम के बाद उत्तरप्रदेश राज्य की थी। इन वर्षों के बाद भारत में जीवन प्रत्याशा के स्तर में निरंतर वृद्धि हुई है। 2013-17 के लिए नवीनतम नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (Sample Registration Survey-SRS) के अनुसार, महिलाओं की जीवन प्रत्याशा 70.4 वर्ष और पुरुषों की 67.8 वर्ष हुई। 2012-16 में समग्र जीवन प्रत्याशा 68.7 वर्ष से बढ़ी जब महिलाओं के लिए जीवन प्रत्याशा 70.2 वर्ष तथा पुरुषों के लिए 67.4 वर्ष थी। शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए जीवन प्रत्याशा 73.70 साल जबकि ग्रामीण इलाकों में उनकी जीवन प्रत्याशा 69 आंकी गयी थी। इसी प्रकार शहरी इलाकों और ग्रामीण इलाकों के लिए पुरूषों की जीवन प्रत्याशा क्रमशः 71.20 वर्ष और 66.40 वर्ष थी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक वैश्विक जीवन प्रत्याशा बढ़कर 77.1 वर्ष होने की उम्मीद है। भारत के विभिन्न राज्यों में जीवन प्रत्याशा में निरंतर व्यापक बदलाव होते रहते हैं। 73.3 वर्ष और 77.8 वर्ष की जीवन प्रत्याशा के साथ क्रमशः दिल्ली में जन्म लेने वाले पुरुषों तथा केरल में जन्म लेने वाली महिलाओं की जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ में पैदा हुए पुरुष और उत्तर प्रदेश में जन्मी महिलाओं की जीवन प्रत्याशा सबसे कम है। इन स्थानों में जीवन प्रत्याशाएं क्रमशः 63.8 वर्ष और 65.60 वर्ष हैं।
संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या पूर्वेक्षण 2015 संशोधन के अनुसार अवधि 2010-2015 में दुनिया भर में औसत जीवन प्रत्याशा 71 वर्ष (पुरुषों के लिए 70 वर्ष और महिलाओं के लिए 72 वर्ष) थी। इसी प्रकार वर्ल्ड फैक्टबुक (World Factbook) के अनुसार 2016 के लिए औसत जीवन प्रत्याशा 69 वर्ष (महिलाओं के लिए 71.1 तथा पुरुषों के लिए 67 वर्ष) थी। लगभग 200 वर्षों तक दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा लगातार बढ़ी है। 19वीं और 20वीं शताब्दी के दौरान स्वच्छता, आवास और शिक्षा में सुधार आदि कारक जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में सहायक थे। इससे पूर्व विभिन्न बीमारियों के संक्रमण के कारण जीवन प्रत्याशा घट रही थी किंतु टीकों और एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाओं के विकास के कारण जीवन प्रत्याशा में सुधार हुआ है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_Indian_states_by_life_expectancy_at_birth
2.https://bit.ly/357jQ2u
3.https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_countries_by_life_expectancy
4.https://www.nature.com/scitable/content/life-expectancy-around-the-world-has-increased-19786/
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