किस प्रकार मस्तिष्क को प्रभावित करता है अल्ज़ाइमर्स

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
01-11-2019 11:41 AM
किस प्रकार मस्तिष्क को प्रभावित करता है अल्ज़ाइमर्स

किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य उसकी सबसे बड़ी पूंजी है और विशेषकर जब बात मानसिक स्वास्थ्य की हो। वर्तमान समय में ऐसे कई रोग हैं जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं जो बाद में हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने लगते हैं। अल्ज़ाइमर्स (Alzheimer’s) भी इन्हीं रोगों में से एक है जो हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है और तत्पश्चात इसका असर मस्तिष्क के कार्यों के साथ-साथ शारीरिक कार्यों पर भी पड़ने लगता है। इस रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं, जो मनोभ्रम (Dementia) को उत्पन्न करती हैं। इस रोग में व्यक्ति के विचारों, व्यवहार और सामाजिक कौशल में लगातार गिरावट होती चली जाती है जिससे व्यक्ति की स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता बाधित हो जाती है। इस रोग में व्यक्ति में गंभीर स्मृति हानि विकसित होती है जिससे उसकी रोज़मर्रा के कार्यों को करने की क्षमता समाप्त हो जाती है।

अल्ज़ाइमर्स से ग्रसित व्यक्ति में प्रायः निम्न लक्षण देखेने को मिलते हैं:
स्मृति हानि अल्ज़ाइमर्स रोग का प्रमुख लक्षण है। व्यक्ति को आमतौर पर हाल की घटनाओं या वार्तालापों को याद रखने में कठिनाई होती है।
व्यक्ति की याददाश्त क्षीण होने लगती है। वह अपने परिचितजनों का नाम भूल जाता है जिससे काम या घर पर कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है।
अल्ज़ाइमर्स से ग्रसित लोग बार-बार एक ही बात दोहराते हैं या एक ही सवाल पूछते हैं।
वे अंततः परिवार के सदस्यों और रोज़मर्रा की वस्तुओं के नाम भूल जाते हैं और उन्हें पहचानने, विचार व्यक्त करने या बातचीत में प्रयोग होने वाले सही शब्दों को खोजने में परेशानी महसूस होने लगती है।
अल्ज़ाइमर्स रोग ध्यान केंद्रित करने और सोचने में कठिनाई का कारण बनता है।
रोज़मर्रा की स्थितियों में उचित निर्णय लेने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
रोगी के व्यक्तित्व और व्यवहार में परिवर्तन दिखाई देता है। वह प्रायः तनाव, उदासीनता, समाज से दूरी बनाना, चिड़चिड़ापन, आक्रामकता, नींद में बदलाव आदि आदतों का शिकार होने लगता है।

इस रोग का कोई स्थायी ईलाज नहीं है, हालांकि इसके प्रभावों या लक्षणों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। वर्तमान में अल्ज़ाइमर्स रोग के लिए दी जाने वाली दवाएं अस्थायी रूप से लक्षणों में सुधार कर सकती हैं। ये उपचार कभी-कभी अल्ज़ाइमर्स रोग वाले लोगों को अधिकतम कार्य करने और एक समय के लिए स्वतंत्रता बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको रोग से सम्बंधित लक्षण दिखाई दें तो अपने चिकित्सक से गहन मूल्यांकन और निदान के लिए बात करें। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (National Institute of Mental Health and Neuro Sciences-NIMHANS) मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में रोगी देखभाल और खोज के लिए एक बहु-विषयक संस्थान है। यहां मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं जैसे कि अल्ज़ाइमर्स, मनोभ्रंश आदि का निदान और उपचार भी किया जाता है।

इसके अतिरिक्त स्वैच्छिक स्वास्थ्य संगठन के रूप में अल्ज़ाइमर्स संगठन (Alzheimer’s Association) अल्ज़ाइमर रोग एवं अन्य मनोभ्रंश रोगों से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करता है। यह संगठन महत्वपूर्ण शोध वित्तपोषण प्रदान करते हैं, शिक्षण व संसाधन उपलब्ध कराते हैं, तथा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अल्ज़ाइमर्स रोग का उन्मूलन करना, सभी प्रभावित लोगों की देखभाल करना और मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार के माध्यम से मनोभ्रंश के जोखिम को कम करना है।

वर्तमान समय में ऐसे व्यक्ति जो प्रायः मौखिक रूप से संवाद करने की क्षमता खो चुके हैं, उनके लिए मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस (Brain-computer interfaces) का प्रयोग किया जा रहा है जो रोगी की भावनाओं और ‘हां’ या ‘नहीं’ के जवाबों को व्यक्त करने में सहायता प्रदान करता है। इसके माध्यम से मस्तिष्क से संदेश या आदेश परिधीय नसों और मांसपेशियों (Peripheral nerves and muscles) के सामान्य आउटपुट (Output) पथों का उपयोग किए बिना बाह्य उपकरण तक पहुंचाए जाते हैं। इस प्रकार अल्ज़ाइमर्स रोग के उन्नत चरणों में पहुंच चुके रोगी इसके माध्यम से अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि ज़्यादातर लोगों में अल्ज़ाइमर्स रोग आनुवंशिक कारणों, अनियमित जीवनशैली और पर्यावरणीय कारणों के संयोजन से होता है। तथा इसे नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपचार किये जा सकते हैं:
नियमित रूप से व्यायाम करना।
स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को नियंत्रित करने के लिए उपचार दिशानिर्देशों का पालन करना।
धूम्रपान तथा नशे का सेवन न करना।
अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना।

संदर्भ:
1.
https://www.alz.org/in/what-we-do.asp
2. https://mayocl.in/2NycIoz
3. https://mayocl.in/2qXYyVX
4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22451316

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