महत्वपूर्ण उपलब्धि है चंद्रमा पर मानव का उतरना

य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
24-07-2019 12:04 PM
महत्वपूर्ण उपलब्धि है चंद्रमा पर मानव का उतरना

चंद्रमा हमेशा से ही मनुष्य की कल्पनाओं और सपनों का हिस्सा रहा है। किंतु आश्चर्य तो तब हुआ जब मानव ने वास्तव में चंद्रमा पर अपने कदम रखे जो किसी सपने के साकार होने से कम नहीं था। 20 जुलाई 2019 को दुनियाभर में चंद्रमा पर कदम रखने की 50वीं सालगिरह मनाई गई तथा उस ऐतिहासिक लम्हे को याद किया गया जब पहली बार चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपने कदम रखे। सपनों को साकार करता हुआ यह लम्हा उन सभी 4,00,000 लोगों (निर्माण श्रमिकों, वैज्ञानिकों, अभियंताओं आदि) के लिये महत्वपूर्ण था जो मिशन अपोलो (Mission Apollo) से किसी न किसी रूप से जुड़े हुए थे। दुनिया भर के लगभग 65 करोड़ लोगों ने 20 जुलाई, 1969 को इस ऐतिहासिक क्षण को देखा तथा अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग को यह कहते हुए सुना कि - "मनुष्य के लिए एक छोटा सा कदम, मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग"।

इस सप्ताह के अंत में गूगल डूडल (Google Doodle) ने भी चंद्रमा पर कदम रखने की 50वीं सालगिरह का जश्न मनाया। अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाने वाले सैटर्न वी रॉकेट (Saturn V Rocket) के एक चित्र को उस रात वाशिंगटन स्मारक पर भी पेश किया गया जो शुक्रवार और शनिवार को एक वीडियो प्रक्षेपण के द्वारा समापित किया गया। 1969 का यह क्षण मानव को चंद्रमा पर ले जाने और वापस लाने के लिए एक विशाल इंजीनियरिंग (Engineering) उपलब्धि थी।

1960 के दशक में जब विश्व की दो महाशक्तियों सोवियत संघ और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बीच शीत युद्ध चल रहा था तो दोनों के बीच दुनिया में राजनैतिक, आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों पर वर्चस्व की होड़ मची हुई थी। ऐसे में जब रूस ने अपना अंतरिक्ष अभियान शुरू किया तो अमेरिका कहां पीछे रहने वाला था और इस प्रकार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका अपोलो-11 के माध्यम से अपनी राष्ट्र की श्रेष्ठता को प्रदर्शित करते हुए चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला देश बना।

अपोलो-11 वह अंतरिक्षयान था जिसने सबसे पहले मानव को चंद्रमा पर उतारा। कमांडर (Commander) नील आर्मस्ट्रांग और लूनर मॉड्यूल (Lunar module) पायलट बज़ ऑल्ड्रिन ने 20 जुलाई, 1969 में अपोलो लूनर मॉड्यूल ईगल (Apollo Lunar Module Eagle) को चंद्रमा पर उतारा। इस मिशन के साथ ही नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बने जिसके कुछ मिनट बाद ऑल्ड्रिन ने भी चंद्रमा की धरती पर अपने कदम रखे। तीसरे अंतरिक्ष यात्री माइकल कॉलिंस ने इस दौरान ऑरबिट पायलट (Orbit pilot) की ज़िम्मेदारी संभाली। दोनों ने अंतरिक्ष यान के बाहर 2 घंटे 15 मिनट बिताए तथा पृथ्वी पर वापस लाने के लिए 21.5 किलोग्राम चंद्र सतह के नमूने एकत्रित किये। इस दौरान कमांड मॉड्यूल पायलट (Command Module Pilot) माइकल कोलिंस ने चांद की कक्षा में अकेले कमांड मॉड्यूल कोलंबिया (Columbia) को उड़ाया। आर्मस्ट्रांग और ऑल्ड्रिन ने चांद की सतह जिसे उन्होंने ट्रेंकुईलिटी बेस (Tranquility Base) नाम दिया, पर 21 घंटे 31 मिनट बिताए।

अपोलो-11 को कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) से फ्लोरिडा के मेरिट (Merritt) द्वीप पर एक सैटर्न वी रॉकेट (Saturn V rocket) द्वारा 16 जुलाई को लॉन्च किया गया था जो नासा कि अपोलो कार्यक्रम का पांचवां क्रूड मिशन (Crewed Mission) था। अपोलो अंतरिक्ष यान में तीन भाग थे:
• कमांड मॉड्यूल: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बनाया गया वह हिस्सा जिसे पृथ्वी पर वापस लौटना था।
• सर्विस मॉड्यूल (Service Module): जो प्रणोदन, विद्युत शक्ति, ऑक्सीजन (Oxygen) और पानी के साथ कमांड मॉड्यूल को सहायता प्रदान कर रहा था।
• लूनर मॉड्यूल: इस मॉड्यूल के दो चरण थे। पहला चरण चंद्रमा पर उतरने के लिये था तथा दूसरा चरण अंतरिक्ष यात्रियों को लूनर कक्षा में वापस लाने के लिये था।

अंतरिक्ष में आठ दिनों से अधिक रहने के बाद 24 जुलाई को कमांड मॉड्यूल प्रशांत महासागर में उतरा। इस मिशन में नील आर्मस्ट्रांग ने कमांडर, एडविन 'बज़' ऑल्ड्रिन ने लुनार मॉड्यूल पायलट और माइकल कॉलिंस ने कमांड मॉड्यूल पायलट के रूप में भूमिका निभाई। अपोलो-11 का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित चंद्रमा पर पहुंचाने के बाद वापस पृथ्वी पर लाना था। मिशन की सफलता किसी एक राष्ट्र नहीं बल्कि पूरे विश्व तथा विज्ञान जगत के लिये एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Apollo_11
2. https://bit.ly/2JF5Dlb

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.