गणित की ऐसी समस्याएं, जिनके द्वारा आप जीत सकते हैं 7 करोड़ की धनराशि

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
23-07-2019 11:41 AM
गणित की ऐसी समस्याएं, जिनके द्वारा आप जीत सकते हैं 7 करोड़ की धनराशि

विगत कुछ वर्ष पूर्व सात समस्‍याओं की एक सूची आयी, जिसमें कहा गया कि बिना किसी ट्र‍िक (Trick) के समस्‍या को हल करें और सात करोड़ जीत जाएं। वास्‍तव में यह सहस्राब्दी पुरस्कार समस्याएं (Millennium Prize Problems) हैं, जिनमें 7 गणितीय समस्याएं शामिल हैं, इन्‍हें क्ले गणित संस्थान कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स (सी.एम.आई.) द्वारा बनाया गया था। 24 मई, 2000 को पेरिस के कॉलेज डे फ्रांस (Collège de France) में हुई एक बैठक में इनके लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई। इनमें से अब तक केवल एक समस्‍या का समाधान हुआ है और इसे हल करने वाले ने इनामी राशि लेने से इंकार कर दिया। इन समस्‍याओं की सूची में एक समस्‍या P बनाम NP (P vs NP) समस्‍या है।

वास्‍तव में हम जब भी किसी समस्‍या को हल करते हैं, तो उसे हल करने के लिए विभिन्‍न विधियां उभरकर सामने आती हैं। उसमें से हम उसी विधि का चयन करते हैं जो हल करने में आसान होती है और वह स्‍वभाविक रूप से सत्‍यापित करने में भी आसान होगी। यदि सवाल के हल को P माना जाये और उसे सही ठहराने की प्रक्रिया को NP कहा जाये तो यह कहा जा सकता है कि यदि P आसान हो तो NP अवश्य ही आसान होगा परन्तु इसका विपरीत सही हो यह ज़रूरी नहीं। उदाहरण के लिए हम एक समस्‍या (5,6,7,8 की न्यूनतम संख्‍या कौन सी है) लेंगे। जिसमें आपका जवाब 5 होगा। अब मैं भी इस समस्‍या को हल करूंगा यदि मुझ़े भी उत्‍तर 5 प्राप्‍त होता है, तो फिर मैं आपके और मेरे उत्‍तर की तुलना करूंगा और आपके उत्‍तर को सत्‍यापित कर दूंगा। इसलिए हम कह सकते हैं कि "समस्याओं को हल करना आसान है तो उन्‍हें सत्यापित करना भी आसान है" अर्थात P=NP।

अब इसे हम उल्टा कर के देखते हैं, जैसे क्या ऐसी समस्याएं जिन्हें सत्‍यापित करना आसान है, उन्हें हल करना भी आसान है? तो इसे हम एक और उदाहरण के माध्‍यम से समझेंगे। माना एक समस्‍या (क्या 1053188576519689 अभाज्य संख्या है?) है। तो इसके लिये आपका जवाब नहीं होगा, क्‍योंकि यह 32,452,867 से विभाजित है"। इस हल को सत्यापित करना आसान है। मैं 1053188576519689 को 32,452,867 से विभाजित कर सकता हूं और सत्यापित भी कर सकता हूं, यह वास्तव में भाज्य संख्या है।

परन्तु इस समस्या को हल करना मुश्किल है, क्योंकि मुझे 2,3, वर्गमूल (1053188576519689) से संख्याओं का पूर्व परीक्षण करना होगा, जो काफी कठिन है। या शायद इसके लिए कोई अज्ञात बेहतर एल्गोरिथ्म (Algorithm) भी हो सकता है। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि जिन समस्याओं को सत्यापित करना आसान है, उन्हें हल करना भी आसान हो ऐसा ज़रूरी नहीं।

नेवियर-स्टोक्स समीकरण (Navier-Stokes Equation) तरल यांत्रिकी (Fluid Mechanics) के सबसे अधिक उपयोगी समीकरणों में से एक है। सहस्राब्दी पुरस्कार समस्‍याओं में से एक नेवियर-स्टोक्स समीकरण पर आधारित है। इसमें तीन रिक्‍त आयामों और समय पर, एक प्रारंभिक वेग दिया जाता है। जिसमें वेग और दबाव होता है, यह दोनों निर्धारित होते हैं तथा नेवियर-स्टोक्स समीकरणों को हल करते हैं।

जब हम एक नाव से झील का चक्‍कर लगाते हैं तो एक लहर हमारी नाव के साथ चलती है, और जब हम आधुनिक जेट (Jet) में सफर कर रहे होते हैं तो एक प्रक्षुब्‍ध हवा की धारा हमारा पीछा करती है। गणितज्ञों और भौतिकविदों का मानना है कि नेवियर-स्टोक्स समीकरणों के समाधान की समझ के माध्यम से शांत और अशांत दोनों हवाओं की भविष्यवाणी की जा सकती है। हालाँकि ये समीकरण 19 वीं शताब्दी में दिये गए थे, फिर भी हमारी समझ इसके विषय में बहुत कम है। चुनौती एक गणितीय सिद्धांत की ओर पर्याप्त प्रगति करना है जो नेवियर-स्टोक्स समीकरणों में छिपे रहस्यों को खोलेगा।

नेवियर-स्टोक्स अरैखिक है और इसका कोई भी संवृत रूप ज्ञात नहीं है। एक डब्बे की कल्पना करें, जिसके बहार हवा चलने का एक पथ है, जिसमें 3d निर्देशांक मौजूद हैं। यदि एक बंद रूप ज्ञात होता है, तो डिब्बे में किसी भी बिंदु पर हवा के वेग की भविष्यवाणी करना डिब्बे के किनारे पर दिये गये वेग की तुलना में नगण्य हैं: प्लग (Plug) और चग (Chug)। इसके बजाय, हमें संख्यात्मक मॉडल (Model) का सहारा लेना होगा: अपने डब्बे को छोटे टुकड़ों में विभाजित करें, फिर अच्छे समाधान की गणना करने के लिए टुकड़े के माध्यम से हवा के आयतन और टुकड़े के दूरस्थ भाग पर हवा के वेग की गणना करें। अपने पूरे डब्बे में इसे बार-बार दोहराएं, अंत में आपके पास बहुत सारे अंक होंगे, जहाँ आपको एक अच्छी तरह से गणना की गई संख्या प्राप्‍त होगी। आप देख सकते हैं कि यह केवल एक संख्या की गणना करने की तुलना में बहुत अधिक जटिल और गहन प्रक्रिया है।

सभी सहस्राब्दी पुरस्कार समस्याएं जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं:
https://www.claymath.org/millennium-problems/
यदि आप अपना हल हमें भेजना चाहें या सवालों के बारे में कोई दुविधा दूर करना चाहें तो इस Email ID पर मेल करें।

संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/P_versus_NP_problem
2. https://www.claymath.org/sites/default/files/pvsnp.pdf
3. https://www.claymath.org/millennium-problems/
4. https://bit.ly/2GCeqTl
5. https://bit.ly/2V969zy
6. https://www.claymath.org/millennium-problems/

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.