समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
मेरठ से प्रारंभ हुए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के प्रत्येक पहलू को विभिन्न लेखकों द्वारा अपने-अपने शब्दों में प्रस्तुत किया गया। किंतु चित्रकार भी इस घटना की भयावहता और व्यापकता से अछूते न रहे। कई चित्रकारों ने इस घटना के कुछ मार्मिक दृश्यों को बड़ी ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। एक चित्रकार ने झांसी में अलेक्जेंडर स्कीन (Alexander Skene) और उनकी पत्नी की हत्या का चित्र बनाया, जिसमें संघर्ष के दौरान विद्रोहियों द्वारा अलेक्जेंडर को तलवार से मारते हुए दिखाया गया है। उनके साथ ही उनकी पत्नी और बच्चे को भी मरते हुए दर्शाया गया है।
विद्रोह 1857 में मेरठ से प्रारंभ हुआ और देखते ही देखते सभी शहरों में फैल गया तथा 5 जून 1857 को यह विद्रोह झांसी तक पहुंच गया। विद्रोहियों ने दो ब्रिटिश अधिकारियों को मार दिया तथा उनके हथियारों पर कब्ज़ा कर लिया। इसके साथ ही शहर को लूट लिया गया और कैदियों को जेल से रिहा कर दिया गया। विद्रोह के दौरान अलेक्जेंडर झांसी के ब्रिटिश अधीक्षक थे, जो मुख्यतः 68वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री (68th Bengal Native Infantry) के कैप्टन थे। विद्रोह के संकेत प्राप्त होते ही कैप्टन स्कीन ने झांसी के सभी ईसाइयों को किले में शरण लेने का आदेश दे दिया।
इन्होंनें झांसी की रानी से सुरक्षा की गुहार लगायी, जिन्होंने उन्हें बंदूकें और गोला-बारूद भेजा। यह किला बचाव की दृष्टि से बहुत कमज़ोर था, इसलिए मेजर स्कीन ने सुरक्षा प्रबंध की सभी शर्तों को स्वीकार कर लिया था। 8 जून तक वे किेले की घेराबंदी में रहे, जब तक कि विद्रोहियों ने किले पर हमला नहीं किया था। विद्रोहियों के किले पर आक्रमण के साथ ही दोनों के मध्य संघर्ष प्रारंभ हो गया। इस संघर्ष में कैप्टन स्कीन, उनकी पत्नी और बच्चा मारा गया। झांसी की रानी ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया था, किंतु फिर भी विद्रोहियों द्वारा 56 ईसाइयों को तलवारों से काटकर मार दिया गया।
इस घटना पर आधारित अलग-अलग तस्वीरें बनायी गयी हैं। एक तस्वीर में एक ब्रिटिश अधिकारी, अपनी मृत पत्नी को अपनी बाहों में पकड़कर, खुद को गोली मार रहा है जबकि विद्रोही उन पर तलवार से प्रहार करने के लिए आतुर हैं। इसके साथ ही उनके बच्चे का मृत शरीर भूमि पर पड़ा हुआ है। इस तस्वीर को चार्ल्स बॉल द्वारा लिखित पुस्तक ‘द हिस्ट्री ऑफ द इंडियन म्यूटिनी’ (The History of the Indian Mutiny) के पांचवे संस्करण में दर्शाया गया है।
संदर्भ:
1. https://collection.nam.ac.uk/detail.php?acc=1983-08-126-1
2. https://www.gettyimages.in/detail/news-photo/death-of-major-skene-and-his-wife-at-jhansi-scene-during-news-photo/463969985
3. https://wiki.fibis.org/w/Mutiny_at_Jhansi
4. https://www.ibiblio.org/britishraj/KayeMalleson3/bk08ch02.html
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.