समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
कुछ लोग वसंत के मौसम में खुबसूरत फूलों के खिलने की उम्मीद करते हैं। जबकि दूसरों के लिए यह समय पराग एलर्जी के कारण अत्यधिक असुविधा वाला होता है। पराग एलर्जी से लोगों की नाक में खुजली होती है, आँख से पानी गिरता है और छींके आती हैं। पराग से होने वाली इस मौसमी एलर्जी को हे फीवर (Hay fever) या परागज ज्वर भी कहते है। यदि आपको बाहर जाने से या पराग के संपर्क में आने से लगातार छींकें, आँख और नाक से पानी बहना, नाक बंद होना आदि लक्षणों का सामना करना पड़ता है तो आपको परागज ज्वर की शिकायत हो सकती है।
कारण:
असल में पराग एक बारीक पाउडर के समान पदार्थ होता है जो आम तौर पर पीले रंग का होता है। ये पराग एक फूल के नर भाग से या एक नर शंकु से मुक्त होते है। इसके प्रत्येक कण में एक नर युग्मक होता है जो मादा के बीजांड को निषेचित कर सकता है। ये पराग कण हवा, कीड़े या अन्य जानवरों के माध्यम से नर पुष्प से मादा पुष्प तक पहुंचते है और जिन लोगों को इनसे एलर्जी होती है वे इसके संपर्क में आते ही छींकने लगते हैं। 2.5 करोड़ से अधिक अमेरिकियों को पराग से एलर्जी है। दुनिया में कई लोगों को पराग से एलर्जी होती है, जो वसंत के समय में हवा में अधिक मात्रा फैले होते हैं।
ये एलर्जी सिर्फ पेड़ पौधों के पराग से ही नहीं होती है बल्कि कई लोगों को घास के पराग से भी एलर्जी होती है। वसंत और शुरुआती गर्मियों में घास के पराग हवा में मौजूद रहते है। आपका शरीर इनकी कम मात्रा से भी प्रतिक्रिया कर सकता है।
लक्षण:
यदि आप पराग एलर्जी से ग्रसित है और बाहर जाने से आप इन पराण कणों के संपर्क में आते है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इससे वापस लड़ने के लिए विशिष्ट एंटीबॉडी (जिन्हें इम्युनोग्लोबुलिन कहा जाता है) बनाती है, जो आपकी आंखों, नाक, फेफड़े और त्वचा की कोशिकाओं में मौजूद होती हैं। इससे रक्त में हिस्टामाइन (Histamine) नामक रसायन निकलता है और जब ऐसा होता है, तो निम्न लक्षण दिखते है:
• गले में खरास
• आँखों से पानी निकलना, लाल होना, खुजली होना
• लगातार नाक बहना और छींक आना
• घरघराहट या खांसी
• नाक में दर्द या जुखाम
• सरदर्द
• बुखार आना
यदि आपको घास के पराग से एलर्जी है तो कुछ फलों और सब्जियों (जिनमें वो प्रोटीन होता है जो पराग में भी होता है, जैसे: ताजा अजवाइन, खरबूजे, संतरे, और टमाटर आदि) से भी उपरोक्त लक्षणों का एहसास या कोई अन्य एलर्जी जैसे त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना, जलन का एहसास या एनाफिलेक्सिस (enaflexis) भी हो सकता है। परागज ज्वर अस्थमा के संकेत और लक्षणों को बढ़ा सकता है। हालांकि ये परागज ज्वर किसी को भी हो सकता है परंतु बच्चों और बुजुर्गों को इससे अधिक खतरा होता है।
उपचार:
उन पदार्थों के संपर्क में कम से कम आएं जिनसे आपको परागज ज्वर हो सकता है। यदि आपका परागज ज्वर बहुत गंभीर नहीं है, तो ओवर दी काउंटर (Over The Counter) दवाएं लक्षणों को दूर करने के लिए पर्याप्त हो सकती हैं। कुछ एंटीहिस्टामाइन दवाएं आपके शरीर द्वारा बनाये जाने वाले हिस्टामाइन को रोकते हैं। यदि ओवर दी काउंटर दवाएं काम न करे तो आपको डॉक्टर की दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। डॉक्टर द्वारा लिखी दवाएं हिस्टामिन के अलावा उन रसायनों को भी रोकती हैं जो एलर्जी को उत्पन्न कर सकते हैं। ये दवाएं कुछ अन्य प्रकार के खरपतवार या घास पराग के कारण उत्पन्न लक्षणों का भी उपचार कर सकती हैं। दवाइयों के अलावा एलर्जी शॉट्स (Allergy shots) भी एक विकल्प है जो आपकी मदद कर सकते हैं। इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy) से भी आपको घास की एलर्जी से राहत मिल सकती है।
बचाव के लिये कुछ उपयोगी टिप्स:
• मौसम की जानकारी रखे: हर दिन हवा में समान मात्रा में पराग नहीं होता है। हमेशा स्थानीय मौसम रिपोर्ट की जानकारी लेते रहे। जब मौसम ठंडा, बरसाती, और नम होता है तो पराग की मात्रा वातावरण में कम होती है, परंतु जब यह गर्म, शुष्क और हवादार होता है तो पराग की मात्रा वातावरण में अधिक होती है। इसलिये बाहर जाने से पहले स्थानीय मौसम रिपोर्ट की जानकारी जरूर ले।
• पराग को घर से बाहर रखे: प्रयास करें कि इन दिनों आपकी कार या घर में खिड़कियां बंद रहे। पराग से बचने के लिये अपने एयर कंडीशनर को HEPA फिल्टर के साथ चलाएं। यदि आप बाहर से आ रहे है तो बिस्तर पर जाने से पहले अपने कपड़े धो लें और शॉवर ले साथ ही अपने बालों को धोना न भूले।
• अपने आप को सुरक्षित रखें: बाहर जाते समय आंखों की रक्षा के लिए धूप का चश्मा पहनें और अपने बालों को पराग से बचाने के लिए एक टोपी पहनें। फेस मास्क लगा कर ही बाहर जाये और वातावरण में पराग अधिकता होने पर एलर्जी के लक्षणों को नोटिस करने से पहले उन्हें रोकने के लिए अपनी एंटी-एलर्जिक (Anti allergic) दवा लें।
संदर्भ:
1. https://www.webmd.com/allergies/pollen_allergies_overview#1
2. https://www.webmd.com/allergies/grass-pollen-allergy#1
3. https://bit.ly/2TbbzJm
4. https://bit.ly/2EmH6xB
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.