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मेरठ जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर हस्तिनापुर में स्थित, जैन जम्बूद्वीप मंदिर, जैन समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर अपने समृद्ध इतिहास, स्वच्छता और कायाकल्प अनुभव के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। इस तीर्थ का आधिकारिक नाम ‘दिगंबर जैन त्रिलोक शोध संस्थान’ है और इसका मुख्य आकर्षण जम्बूद्वीप के प्रतिरूप में निर्मित भवन है।
जैन जम्बूद्वीप मंदिर अत्यंत सम्मानित और प्रसिद्ध जैन साध्वी श्री ज्ञानमती माताजी के अथक और समर्पित प्रयासों द्वारा बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि साध्वी ने 1965 में विंध्य पर्वतश्रेणी में भगवान बाहुबली की पवित्र मूर्ति के नीचे ध्यान लगाते हुए एक स्वप्न देखा, जिसमें उन्होंने मध्यलोक के साथ तेरह द्वीपों को देखा था। उसके बाद से साध्वी ने मंदिर बनाने के लिए सही जगह की तलाश में पूरे देश में पदयात्रा शुरू कर दी। अंत में वे हस्तिनापुर आ पहुंची और इस पवित्र जगह पर अपनी स्वप्न परियोजना को शुरू करने का फैसला किया। इस मंदिर की आधारशिला 1974 में रखी गई थी, जो पूरी तरीके से 1985 में बनकर तैयार हुआ था।
जैन भूगोल का चित्रण करते हुए जम्बूद्वीप की अद्वितीय गोलाकार संरचना संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतिरूप है। इसका निर्माण 250 फीट के व्यास में सफेद और रंगीन संगमरमर के पत्थरों से किया गया है। भवन के केंद्र में स्थित सुमेरु पर्वत जैन समुदाय द्वारा ब्रह्मांड का केंद्र भी माना जाता है। इसे हल्के गुलाबी संगमरमर से निर्मित किया गया है। 101 फीट की ऊंचाई वाला सुमेरू पर्वत भवन को चार विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित करता है- पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण।
पूर्व और पश्चिम क्षेत्र (जिन्हें पूर्वी विदेह क्षेत्र और पश्चिम विदेह क्षेत्र के रूप में जाना जाता है) का उपयोग गुरुओं के ध्यान और व्याख्यान के लिए किया जाता है। दक्षिण क्षेत्र में हिम पर्वत, गंगा-सिन्धु नदियाँ, भोगभूमियों की संरचनाएँ हैं और इनमें सुंदर हरे-भरे पेड़, मंदिर, तालाब और बगीचे भी देखने को मिलते हैं। उत्तर क्षेत्र में भी विभिन्न नामों के साथ समान संरचनाएं हैं, जिनमें प्रमुख संरचना ऐरावत क्षेत्र के रूप में है।
जैन जम्बूद्वीप मंदिर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यह स्थान प्राचीन जैन साहित्य और भूगोल के बारे में बताता है। यह स्थान आध्यात्मिक उन्नयन और मानसिक शांति के लिए उपयोगी है। मंदिर के शीर्ष से मंदिर के परिसर और हस्तिनापुर शहर का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। अपने खूबसूरत बगीचों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य के कारण पारिवारिक सैर और पिकनिक (Picnic) के लिए यह एक अच्छी जगह है।
‘ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स फॉर जैन स्टडीज़’ (Online Certificate Course for Jain Studies) की शानदार सफलता के साथ, जंबूद्वीप-हस्तिनापुर ने अब जैनोलॉजी (Jainology) में विभिन्न डिग्री पाठ्यक्रम को शुरू कर दिया है, जिसे आप अपने घर पर ही सीख सकते हैं।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Jambudweep
2.https://www.trawel.co.in/city/meerut/jain-jambudweep-mandir-hastinapur
3.http://jainworld.com/GJE.asp?id=139
4.http://www.jambudweep.org/
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