अमेरिकी सभ्यता का संक्षिप्‍त विवरण

सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व
29-12-2018 10:48 AM
अमेरिकी सभ्यता का संक्षिप्‍त विवरण

अमेरिका की खोज की बात की जाऐ तो जहन में कोलम्‍बस का नाम आता है, किंतु इसका अर्थ यह बिल्‍कुल नहीं है कि यहां इनसे पूर्व कोई नहीं रहता था। विश्‍व के अन्‍य महाद्वीपों की भांति ही उत्‍तरी और दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप में 15वीं शताब्‍दी में यूरोपियनों की खोज से पूर्व ही अनेक सभ्‍यताएं विकसित होकर समाप्‍त हो चूकि थी। अधिकांश शोधकर्ताओं का दावा है कि उत्‍तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका को विकसित होने में लगभग 50,000 वर्ष लगे। हिम युग की समाप्ति के बाद ही पूर्वी क्षेत्र में बसे लोग शिकार और कृषि की तलाश में दक्षिण अमेरिका के पेटागोनिया (10,000 वर्ष या उससे पूर्व) में आये। इन्‍होंने कुछ स्‍थानीय जंगली पौधों और पशुओं को जीवन यापन हेतु पालतू बनाया।

कैरल सुपे सभ्यता (3000-2500 ईसा पूर्व) :

अमेरिकी महाद्वीप में सबसे प्राचीन सभ्‍यताओं में खोजी गयी सभ्यता कैरल-सुपे सभ्यता (Caral Supe Civilization) थी जो लगभग 3000-2500 ईसा पूर्व मध्‍य पेरू के केरल सुपे गांव तथा उसके आस पास के लगभग 20 गांवों में पनपी। कैरल शहर में इस सभ्‍यता के मिट्टी के चबूतरीय टीले मिले जिन्‍हें अब सामान्‍यतः छोटे पहाड़ों के रूप में इंगित किया जाता है, इन सीढ़ीनुमा टीलों में एक व्‍यवस्‍थि‍त आकृति देखने को मिलती है। प्रारंभ में इस सभ्‍यता वासियों को मछुआरे और शिकारी समझा गया, किंतु बाद में यहां से मिले पत्‍थर के औजारों से ज्ञात होता है कि यह कृषि (अनाज, शकरकंद, मक्‍का, शिमला मिर्च, बीन्‍स आदि खाद्य फसलें) तथा पशु पालन (कुत्‍ते) आदि भी करते थे।

ओल्‍मेक सभ्यता (1200-400 ईसा पूर्व) :

इस सभ्‍यता को अमेरिका की सबसे प्राचीन और परिष्‍कृत सभ्‍यता माना जाता है, जो 1200 से 400 ईसा पूर्व तक मध्‍य अमेरिका के आस-पास फली-फूली। ओल्‍मेक सभ्‍यता शिकारियों और मच्‍छुआरों से प्रारंभ हुयी, जिसने आगे चलकर राजनीतिक स्‍वरूप धारण किया जिसमें इन्‍होंने सार्वजनिक निर्माण जैसे-पिरामिड, चबूतरे व स्तूपों का निर्माण कराया, कृषि, लेखन प्रणाली, और विशिष्ट मूर्तिकला कौशल (जिसमें बड़े पत्‍थरों के सिर भी शामिल हैं), वास्‍तुकला, बसने की योजना आदि को भी विकसित किया। इनके साक्ष्‍य हमें सैन लोरेंजो डे टेनोच्टिटलान (San Lorenzo de Tenochtitlan), ला वेंटा (La Venta), ट्रेस जैपोट्स (Tres Zapotes) और लागुना डे लॉस सेरोस (Laguna de los Cerros) में देखने को मिलते हैं। ओल्‍मेक सभ्‍यता से मिले साक्ष्‍यों से ज्ञात होता है कि उस दौरान सूर्य पूजा को विशेष महत्‍व दिया जाता था, जो प्रमुखतः राजाओं द्वारा संपन्‍न कराई जाती होगी। इस सभ्‍यता में उस दौरान समाज में महिला और पुरूष की समान भागीदारी के संकेत भी देखने को मिले हैं। चॉकलेट का सर्वप्रथम उपयोग इसी सभ्‍यता के दौरान देखने को मिलता है।

माया सभ्यता (500 ईसा पूर्व - 800 ईस्वी) :

माया सभ्‍यता मध्‍य अमेरिकी महाद्वीप में विकसित हुयी, जहां इन्‍होंने अपने आस पास के क्षेत्रों में अपनी सांस्‍कृतिक विरासत, रीति रिवाज, भाषा, परिधान, कला पद्धति, भौतिक संस्कृति इत्‍यादि का आदान प्रदान किया। लगभग 150,000 वर्ग मील क्षेत्र में फैली इस सभ्‍यता को खोजकर्ता पहाड़ी और तराई क्षेत्र मे विभाजित करते हैं। इस सभ्‍यता में पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और सभ्यता के विकास में विविधता देखने को मिलती है, जिसने एक बड़े भू-भाग को कवर किया था। इस सभ्‍यता के दौरान खगोलीय खोज भी प्रारंभ कर दी गयी थी। माया सभ्‍यता मे किसी एक साम्राज्‍य विशेष नियंत्रण में नहीं थी ना यहां किसी एक व्‍यक्ति ने कभी शासन किया था।

कुछ प्रमुख तथ्‍य :

1. भाषा- मया सभ्‍यता के विभिन्‍न समूहों द्वारा लगभग 30 भाषाओं का अनुसरण किया जाता था।

2. लेखन- इस सभ्‍यता की लगभग 800 चित्रलिपियां ज्ञात हुयी हैं, जिनमें सबसे पहला प्रमाण 300 ईसा पूर्व. बनी ईमारतों और दिवारों की सीढि़यों पर लिखी गयी भाषा से मिलता है।

3. कैलेंडर- मिक्स-ज़ोक्वीन (Mixe-Zoquean) वक्ताओं द्वारा "लॉन्ग काउंट" (long count) कैलेंडर का आविष्कार किया गया, जो उस दौरान प्रचलित मेसोअमेरिकन कैलेंडर पर आधारित था। लॉन्ग काउंट का सबसे प्राचीन शिलालेख 292 ईस्वी में तैयार किया गया।

ज़ापोटेक सभ्यता (500 ई.पू.-750 ई) :

ज़ापोटेक प्रमुख्‍तः मक्‍के के किसान और श्रेष्‍ठ कुम्‍हार थे, जिनका मेसोअमेरिका की अन्य सभ्यताओं (तेओतिहुकन (Teotihuacan) और मिक्सटेक (Mixtec) संस्कृति और शायद माया सभ्यता का क्लासिक काल) के साथ व्‍यापार था, जिसके लिए एक व्‍यवस्थित बाजार प्रणाली विकसित की गयी थी। ज़ापोटेक संस्कृति से जुड़ा सबसे पहला शहर सैन जोस मोगोटे (San José Mogoté) था, पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि सैन जोस मोगोटे और एट्ला घाटी के अन्य समुदायों के मध्‍य संघर्ष हुआ तथा 500 ईसा पूर्व यह शहर छोड़ दिया गया इसी दौरान मोंटे एल्‍बन (Monte Alban) शहर विकसित हुआ, जो अपनी भौगोलिक स्‍थिति के कारण इस सभ्‍यता का प्रमुख नगर और राजधानी बना। 500 ईसा पूर्व से 900–1300 ईस्‍वी के मध्‍य इस शहर में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले। वास्‍तुकला की दृष्टि से यह क्षेत्र काफी समृद्ध था, जहां 350 से 200 ईसा पूर्व के मध्‍य 300 से अधिक पत्थर की शिलाओं पर नक्काशी की गयी थी, जिनमें तत्‍कालीन घटनाओं जैसे युद्ध इत्‍यादि को उत्‍कीर्ण किया गया है। मोंटे एल्‍बन को 1987 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में रखा गया था।

नास्‍का (Nasca) सभ्यता (1-700 ई) :

पेरू के दक्षिणी भाग में प्रारंभिक मध्‍यवर्ती काल में नास्‍का सभ्‍यता विकसित हुयी।

भूतपूर्व नास्‍का 440-640 ईस्‍वी
मध्यवर्ती नास्‍का 300-440 ईस्‍वी
प्रारंभिक नास्‍का 80-300 ईस्वी
आरंभिक नास्‍का 260 ई.पू.-80 ई.
भूतपूर्व पैराकेस (Paracas) 300 ईसा पूर्व -100

पुरातत्वविदों के अनुसार नास्‍का का विकास पैराकेस संस्‍कृति से हुआ था, ना कि प्रवासियों के द्वारा। प्रारंभिक नास्‍का के लोग मकई की कृषि पर आत्‍मनिर्भर थे। ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशिष्ट कला शैली, धार्मिक क्रिया और दफनाने की प्रथा भी देखी गयी है। इस क्षेत्र में एक समारोह के केंद्र का भी निर्माण कराया गया था, जहां सार्वजनिक गतिविधियां होती थी। मध्य नास्‍का काल में सूखे के कारण कई बदलाव देखे गये, जिसके बाद रहने की व्‍यवस्‍था और सिंचाई प्रणाली में बदलाव किये गये। प्रारंभिक नाजा काल में सामाजिक जटिलता और युद्ध बढ़ने से लोग ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ बड़े ठिकानों की ओर प्रवास करने लगे थे।

तिवनकु (Tiwanaku) साम्राज्य (550-950 ई) :

तिवनकु साम्राज्‍य दक्षिण अमेरिका के पहले समृद्ध साम्राज्‍यों में से था, जो लगभग चार सौ वर्षों (550-950 ईस्वी) तक दक्षिणी पेरू, उत्तरी चिली और पूर्वी बोलीविया के कुछ हिस्सों पर प्रभावी रहा। इसकी राजधानी तिवनकु और कटरी नदी बेसिन की ऊंचाई पर स्थित थी, जहां लगभग 20,000 लोग रहते थे। मध्‍य ऐंडीज (ऐंडीज़) के आसपास शैली की कलाकृतियों और वास्तुकला की खोज की गयी है, जो इस क्षेत्र में इनकी व्यापकता तिवनकु साम्राज्‍य की व्‍यापकता को दर्शाता है। तिवनकु साम्राज्‍य में वातानुकुल एक व्‍यवस्थित कृषि प्रणाली को अपनाया गया था तथा अल्‍पाका और लामा को पालतू बनाया गया था। प्रारंभिक रचनात्‍मक अवधी के दौरान बनायी गयी ईमारतों को बलुआ पत्‍थरों से तैयार किया गया था। क्षेत्रीय राजनीतिक प्रभवों के कारण तिवनकु सभ्‍यता विघटित हो गयी तथा धीरे धीरे साम्राज्‍य का पतन हो गया।

वारी सभ्यता (ईस्वी सन् 750-1000)

यह सभ्‍यता तिवनकु के समकालीन थी, वारी का तिवनकु के साथ संघर्ष बना रहता था, जो वारी राज्‍य पेरू की एंडीज प‍हाडि़यों के केन्‍द्र में बसा हुआ था। यह इतिहास में एक समृद्ध सभ्‍यताओं के रूप में उल्‍लेखनीय है।

इंका सभ्यता (1250-1532 ई)

इंका सभ्यता अमेरिका में सबसे बड़ी सभ्यता थी, जिसे 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में स्पेनिश विजेताओं द्वारा इसे खोजा गया। इंका साम्राज्‍य मूलतः दक्षिण अमेरिका में फैला था तथा इसकी राजधानी कुस्‍को(Cusco) पेरू में थी। इन्‍होंने दावा किया की वे महान तिवनकु साम्राज्‍य के वंशज हैं। उनके साम्राज्य में कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया, चिली और अर्जेंटीना जैसे आधुनिक देश शामिल थे। इतने बड़े साम्राज्‍य में शासन करने के लिए इन्‍होंने पहाड़ी और तटीय मार्गों तथा माचू पिचू (दुनिया के सात अजुबों में से एक) जैसे खूबसूरत केंद्र का निर्माण किया। इन्‍होंने अलग अलग संस्‍कृति और भाषाओं को अपनाया तथा लेखन प्रणाली में क्विपु (quipu) का प्रयोग किया। व्‍यापार हेतु खुले बाजार की व्‍यवस्‍था की गयी थी तथा इनकी प्रमुख फसल-कपास, आलू, मक्का, क्विनोआ, प्रमुख पालतू पशु - अल्पाका, लामा, गिनी पिग थे। यह साम्राज्‍य वास्‍तुकला की दृष्टि से काफी समृद्ध था।

मिसिसिपियन सभ्यता (1000-1500 ई)

पुरातत्वविदों के अनुसार मिसिसिपी संस्कृति मिसिसिपी के किनारे मध्य और दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में (1000-1550 ईस्वी के मध्‍य) पनपी। जिनकी पहचान नदी घाटियों के बीच की गयी है, जो आज संयुक्‍त राज अमेरिका का एक तिहाई है। मिसिसिपी एक व्‍यापक शब्‍द है जिसमें कई समान क्षेत्रीय पुरातात्विक संस्कृतियों का समावेश है। यहां एकीकृति और व्‍यवस्‍थि‍त शासन प्रणाली अपनायी गयी थी। फसलों में प्रमुखतः मक्का, सेम, और स्क्वैश उगाई जाती थी।

एज़्टेक सभ्यता (1430-1521 ई)

एज़्टेक उत्तरी मेक्सिको की सात चिसीमेक (Chichimec) जनजातियों को दिया गया सामूहिक नाम है, जिन्होंने 12वीं शताब्दी ईस्वी के उत्तरार्ध से लेकर 15वीं शताब्दी के स्पेनिश आक्रमण तक अपनी राजधानी से मैक्सिको की घाटी और मध्य अमेरिका के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण किया। एज़्टेक साम्राज्य का निर्माण करने वाले मुख्य राजनीतिक गठबंधन को ट्रिपल एलायंस (Triple Alliance) कहा जाता था, जिसमें टेनोचटिटलान (Tenochtitlan) की मेक्सिका, टेक्सकोको (Texcoco) के अकोलहुआ (Acolhua) और टेलाकोपन (Tlacopan) के टेपेनेका (Tepaneca) शामिल थे। एज़्टेक के लोग सैन्य और अनुष्ठान गतिविधियों के लिए सम्‍भवतः मानव बलि दिया करते थे।

पेरू के दूतावास के सहयोग से राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली द्वारा 16 अक्टूबर- 30 नवंबर, 2018 राष्ट्रीय संग्रहालय में विशेष प्रदर्शनी गैलरी "पेरू के शानदार खजाने" का आयोजन कराया गया। प्रदर्शनी में ऐतिहासिक दक्षिण अमेरिकी और पूर्व-कोलंबियाई देशों की समृद्ध कलाकृतियों की झलक देखी गयी। पेरू और भारत प्राचीन और गहन सांस्‍कृतिक परंपराओं वाले देश हैं। लगभग 2,600 ईसा पूर्व, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो शहर दक्षिण एशिया के समृद्ध राष्‍ट्र थे साथ ही सुपे नदी घाटी का भव्‍य नगर कैरल इसी के समकालीन था।

संदर्भ :

1. https://bit.ly/2DAdjTF
2. https://bit.ly/2GJFSAJ
3. https://bit.ly/1TKtDnz
4. https://bit.ly/2Sr57cz

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.