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बचपन से ही हम सभी ने बारिश के मौसम में तड़तड़ाती तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली को चमचमाते देखा है। भारत तथा कई देशों में अत्यधिक वर्षा होने के कारण बाढ़, सुनामी, बजली गिरने से, भूस्खलन इत्यादिक प्राकृति आपदाओं से कई लोगों की मौत होती है तथा कई लोग बेघर हो जाते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आकड़ों के अनुसार देश में जहां बाढ़, चक्रवात और ऐसी अन्य घटनाओं के कारण हर साल हजारों लोगों को क्षति पहुंचती है, वहीं इन सभी प्राकृतिक आपदाओं में से सबसे अधिक जन धन की हानि बजली गिरने से होती है। निम्नलिखित आंकड़े बिजली के हमलों से होने वाली मौत की संख्या एक गंभीर तस्वीर को दर्शाते हैं।
जैसा की आप देख ही सकते हैं, भारत में अधिकांश वर्षों में बिजली गिरने से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा अन्य आपदाओं की तुलना में काफी अधिक है। 2005 से हर साल बिजली के कारण कम से कम 2,000 लोगों की मौतें हुई हैं। इसके बाबजूद भी, बिजली को प्राकृतिक आपदा के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है तथा इससे प्रभावित लोगों या उनके परिवारों को सरकार से मुआवजे के लिए पात्र नहीं माना जाता है। असम, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के पूर्वी राज्यों में स्थिति विशेष रूप से खराब है, यहां से सबसे ज्यादा मौत की सूचना मिलती हैं। पूर्वोत्तर राज्य, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड और बिहार में भी भारी संख्या में लोग बिजली गिरने से मारे गए हैं।
आकाशीय बिजली या लाइटनिंग (Lightning) को कुछ स्थानीय भाषा में ठनका या कड़का भी कहते हैं। परंतु आखिर बिजली क्या है? आकाश में बादलों के बीच घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज का निर्वहन होता है और तूफानी बादलों में विद्युत आवेश पैदा होता है, जो आमतौर पर आंधी या बारिश के दौरान होती है। भारी मात्रा में चार्ज जमीन के तरफ आता है, जिसे हम प्रकाश के रूप में देखते है और ध्वनि की कड़कड़ाहट हमारे कानों तक पहुंचती है, इस पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं। बिजली को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए कंडक्टर (संचालक) माध्यम की आवश्यकता होती है, आसमान मे कंडक्टर न होने की वजह से ये बिजली पृथ्वी पर पेड़ों, पहाड़ियों, इमारती शिखरों, बुर्ज, मीनारों और राह चलते लोगों पर टूट पड़ती है, क्योंकि ये बिजली के गुड कंडक्टर होते हैं।
आकाशीय बिजली गिरना एक प्राकृतिक घटना है और कोई भी बिजली गिरना या कड़कना तो नहीं रोक सकता है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर कम से कम इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम जरूर किया जा सकता है:
1. एकांत बड़े वृक्ष, जल जमाव क्षेत्र, धातु के स्टोव, पहाड़ियों की ऊंची चोटियों, बिजली के खंभे और ऊंचे टॉवर से दूर रहें।
2. धातु की वस्तुएँ जैसे गोल्फ बैट, मछली पकड़ने की छड़ व बंदूक आदि से दूर रहें।
3. बिजली के उपकरणों से दूर रहें और उन्हें अनप्लग कर दें।
4. खुले मैदान में न रहें किसी बड़ी इमारत, घर या कार में छिप जाएँ।
5. दरवाजे, खिड़की, रेडिएटर और बिजली के चूल्हे आदि से दूर रहें।
6. यदि आप घर का निर्माण करवा रहे हैं तो नींव में तड़ित दंड (Lightning rod) के उपयोग से अपने घर को सुरक्षित कर सकते हैं। इसे लाइटनिंग अरेस्टर भी कहते हैं, इसको विकसित करने का श्रेय बेंजामिन फ्रैंकलिन को दिया गया है। यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है जिनसे आप अपने घरों को आकाशीय बिजली से सुरक्षित रख सकते हैं।
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Lightning_strike
2. https://www.washingtonpost.com/news/capital-weather-gang/wp/2013/06/27/how-lightning-kills-and-injures-victims/?noredirect=on&utm_term=.e2c25e679ed1
3. https://www.livemint.com/Politics/ZhfsGYczjwDo22DtvdDKfN/Lightnings-a-bigger-killer-than-you-think.html
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