समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
क्रांतिधरा मेरठ की जमीं पर वर्षों पहले स्थापित किए गए रिमाउंट वेटनरी कोर (Remount and Veterinary Corps) सेंटर एंड कॉलेज के घुड़सवारों ने इंडोनेशिया के जकार्ता में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीत कर भारत को गौरवान्वित कर दिया है। भारतीय टीम में मेरठ की आर.वी.सी. के तीन घुड़सवार जितेंद्र सिंह, राकेश कुमार और ए.एस.सी. के मेजर आशीष मलिक की बदौलत हमें ये सफलता प्राप्त हुई है। आर.वी.सी. में बनाये गए आर्मी एक्वेस्ट्रियन नोड (Army Equestrian Node) में काफी समय से घुड़सवारों की ट्रेनिंग एशियाई खेलों को ध्यान में रखते हुए चलाई जा रही थी। समय-समय पर अतंरर्राष्ट्रीय प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलवाया गया था, इसके अलावा घुड़सवारों को प्रशिक्षण के लिए फ्रांस भी भेजा गया था। इसी का नतीजा पदक के रूप में आज हमारे सामने है।
इस जीत के बाद से भारतीय टीम ने 2020 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी शुरू कर दी है। हाल में ही अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी संघ (FEI) के अधिकारी मेरठ में कॉनकोर्स कॉम्प्लेट इंटरनेशनल (Concours Complet International) की जांच के लिये आए थे। उन्होनें बताया कि सेना द्वारा संचालित घुड़सवारी की सुविधा उच्चतम श्रेणी की है। यह अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए हर तरीके से सुसज्जित और तैयार हैं।
भारत में घुड़सवारी का खेल प्राचीनतम समय से ही खेला जा रहा है। घुड़सवारी गतिविधियों और इस खेल के साक्ष्य मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई, नक्काशी और सिक्के में भी पाए गए हैं। रामायण काल और वैदिक काल (2500 ईसा पूर्व - 600 ईसा पूर्व) से ही भारत में रथों की दौड़ सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक थी और आज भी इस खेल की लोकप्रियता बनी हुई है। वर्तमान में घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में तीन गेम ड्रेसेज (Dressage), क्रॉस कंट्री (Cross Country) और शो जंपिंग (Show Jumping) शामिल होते हैं।
आजादी के बाद 1967 में भारत में घुड़सवारी खेल के विकास के लिए भारतीय घुड़सवारी संघ को संस्था पंजीकरण अधिनियम (1860 का अधिनियम xxi) के तहत रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी के साथ विधिवत पंजीकृत किया गया था। घुड़सवारी खेल के लिए आपसी जुनून से प्रेरित लोगों के एक समूह द्वारा इसे स्थापित किया गया था और इसके बाद से यह EFI के रूप में जाना जाता है। EFI में अब 1030 से अधिक सदस्य हैं, और नियमित रूप से विदेशी प्रतिस्पर्धाओं के लिए यहाँ से सवार भेजता आ रहा है। भारत में घुड़सवारी के खेल दिल्ली, मेरठ, बैंगलोर, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, पांडिचेरी, पुणे, मुंबई और भोपाल जैसे कुछ क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
भारतीय घुड़सवारी संघ 1971 में FEI में शामिल हो गया था और 1982 से एशियाई खेलों में घुड़सवारी की सभी प्रतियोगिताओं में टीमों को भेज रहा है।
संदर्भ:
1.https://www.fei.org/stories/history-eventing?&list=2&content=2
2.http://www.efinf.org/history.html
3.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/army-equestrian-team-from-meerut-wins-silver-in-asian-games/articleshow/65554025.cms
4.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/Meeruts-equestrian-facility-top-class-say-FEI-officials/articleshow/45312788.cms
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.