मेरठ की अनोखी भाषा पर हास्य

द्रिश्य 2- अभिनय कला
07-05-2018 01:50 PM
मेरठ की अनोखी भाषा पर हास्य

मेरठ प्रदेश ही नहीं देश भर में अपनी व्यापारिक और औद्योगिक महत्ता के लिए जाना जाता है। यहाँ पर व्यापार के अलावा अपराध दर भी कई जिलों से अत्यधिक ज्यादा है। मेरठ में हास्य की भाषा और अपराध का जोड़ है। मेरठ में हास्य भी अपराध से निकलता है। हास्य के आधार पर ही कितनी ही बड़ी दिक्कतों को समाज के सामने लाया जाना संभव हो पाता है। समाज में व्याप्त कई कुरीतियों को जो कि भाषा या समझाने से समझने योग्य न हों उन्हें हास्य के माध्यम से आराम से समझाया जा सकता है। पॉल फ़र्नान्डिस, मारिओ मिरेंडा, आर. के. लक्ष्मण आदि ने अपने इसी हास्य अंदाज से सम्पूर्ण भारत में कई समस्याओं को प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। यह सही भी है कि समस्याओं को हास्य या विनोद के माध्यम से प्रस्तुत किया जाये क्यूंकि ये ज़्यादा सही और सटीक तरीके से दिमाग पर चोट करती है। मेरठ से आने वाले कितने ही हास्य धुरंधरों ने यहाँ की भाषा और अपराध के जोड़ को ही मिला कर हिंदी भाषी क्षेत्र को हंसी से लोट-पोट करने का काम किया है। उन्हीं में से मेरठ के एक फनकार यूट्यूबर ‘प्रतीक कटियार’ द्वारा प्रस्तुत वीडियो को नीचे क्लिक कर देखें और ठहाके भरें-

भाषा एक महत्वपूर्ण जरिया है किसी भी स्थान को समझने के लिए। मेरठ में भाषा और हास्य का अपना एक अलग ही मिश्रण है जो कि देश भर में और कहीं देखने को नहीं मिलता। मेरठ में अन्य स्थानों की तरह ‘इधर-उधर’ का प्रयोग नहीं होता बल्कि उसकी जगह ‘इंगे-उन्गे’ का प्रयोग किया जाता है। यह सुनने में अटपटा लगता है परन्तु भाषा का सौन्दर्य तो यही है और जब भाषा से हास्य का निकास हो तो क्या ही कहना। इसी प्रकार यूट्यूब चैनल ‘The Mastipuram Station’ द्वारा मेरठ की भाषा पर आधारित एक हास्य प्रस्तुति नीचे दी गयी है, देखें और मज़े लें-

विश्व के हास्य गुरु माने जाने वाले चार्ली चैपलिन ने कहा है कि “हंसी के बिना बिताया हुआ एक भी दिन बर्बाद किया हुआ दिन है”। किसी ने कहा है कि “हास्य ही एक मात्र ऐसा साधन है जो किसी भी समस्या का निवारण चुटकियों में कर देता है”। अपराध एक समस्या है, इसका समाधान प्रेम और भाईचारे से ही ख़त्म किया जा सकता है “हंसी ही दो लोगों के बीच छोटा सा रास्ता और रिश्ता है जो उनके बीच की दूरी को घटा सकता है”।

1.https://www.huffingtonpost.com.au/2017/07/19/there-are-nine-different-types-of-humour-which-one-are-you_a_23036626/
2.http://www.thehindu.com/opinion/columns/no-humour-please-we-are-indian/article19286300.ece
3.https://www.youtube.com/watch?v=kzMfTtbEPXA&feature=youtu.be
4.https://www.achhipost.com/charlie-chaplin-quotes-hindi.html

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