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अगर कोई देश इन्टरनेट से जुड़ा हो तब उस देश का आर्थिक और सामाजिक विकास नियमित ढंग से होता है। आज भारत के शहरी इलाकों में इन्टरनेट से ही हर काम मुमकिन हैं, लोग घर बैठे ही अपना कार्य आसानी से ऑनलाइन कर सकते हैं, इससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है। 2017 की आई रिपोर्ट से यह पता चलता है कि 60 प्रतिशत के करीब भारतीय शहरी इन्टरनेट का प्रयोग करते हैं। आज के समय में भी देहाती इलाके और गाँव में इन्टरनेट इस्तेमाल नहीं किये जा रहा है, इसका कारण यह है कि गाँव देहात के इलाकों में बिजली हर वक़्त मौजूद नहीं होती; अगर गाँव में भी हर काम ऑनलाइन हो जाए तब किसानों को फसल बेचने , खेतीबाड़ी के लिए उपकरण खरीदने, ऋण लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।
कई सरकारी योजनायें भी पूरे देश में इन्टरनेट के व्यापक प्रयोग को लेकर की जा रही हैं जिससे ज्ञान से लेकर पैसे के आदान प्रदान तक में सुविधा मुहैया कराइ जा सके। ऑनलाइन लेन-देन से पेपर करेंसी का इस्तेमाल कम हो गया है। भारत के इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं और टेलीडेंसिटी (Teledensity) ने कुछ सालों में अद्भुत प्रगति दिखाई है। 1991 में 1 प्रतिशत से सितम्बर 3, 2010 में 61 प्रतिशत तक बढ़ गई है। शोध से यह पता लगा है कि दूरसंचार की आधारिक संरचना एक विशेष तथ्य है देश के आर्थिक विकास के लिए , इससे हमें शिक्षा , ट्रांसपोर्ट , व्यापार, आदि में उन्नति प्राप्त होती है। TRAI के डाटा के अनुसार भारत में साठ लाख मोबाइल सब्सक्राइबर हैं (2010 की रिपोर्ट के अनुसार), 10 लाख इन्टरनेट और ब्रॉडबैंड यूजर हैं (2010 की रिपोर्ट के अनुसार)। इन्टरनेट से जुड़ने के बाद भारत के GDP में विकास देखा गया है , आज सार्वजनिक क्षेत्र , निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में हर कार्य ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है। छात्र ऑनलाइन विडियो ज्ञान (Video Lessons) के सहारे अनेक विषय पढ़ रहे हैं। आपातकालीन सेवाएं भी अब ऑनलाइन माध्यम से कार्यरत हैं , लोग किसी भी वस्तु की जानकारी इन्टरनेट से जुड़कर प्राप्त करने में समर्थ हैं।
1. http://www.mxmindia.com/2012/01/the-impact-of-internet-in-india/
2. https://community.data.gov.in/growth-of-internet-users-in-india-and-its-impact-on-our-life/
3. http://parisinnovationreview.com/articles-en/the-impact-of-internet-in-rural-india
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