आसान उपायों को अपनाकर, आप बिता सकते हैं, वायरल संक्रमण से मुक्त सर्दियाँ

कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल
12-12-2024 09:22 AM
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आसान उपायों को अपनाकर, आप बिता सकते हैं, वायरल संक्रमण से मुक्त सर्दियाँ
सर्दियां शुरू होती ही मेरठ के कई अस्पतालों में श्वसन वायरल संक्रमण (respiratory viral infection) से परेशान मरीज़ों की संख्या बढ़ जाती है। ये संक्रमण, सर्दियों के मौसम में अधिक देखने को मिलता है । इस संक्रमण के सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी और सांस फूलना शामिल होते हैं। आज के इस लेख में, हम इन वायरल संक्रमणों और इनकी श्रेणियों के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके तहत, हम जानेंगे कि डॉक्टर इनका निदान कैसे करते हैं। साथ ही, हम सामान्य सर्दी, फ़्लू, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे सर्दियों के आम संक्रमणों के बारे में भी जानेंगे। अंत में, सर्दियों के दौरान इन संक्रमणों से बचने के लिए कुछ सुझाव भी साझा करेंगे।
वायरल संक्रमण हमारी नाक, गला, साइनस, वायुमार्ग और फेफड़ों में फैलते हुए हमारी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।
श्वसन वायरल संक्रमण (Respiratory viral infections) को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है।
1. ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण: ऊपरी श्वसन तंत्र के संक्रमण (Upper respiratory tract infections), वायरस के कारण होते हैं। ये बहुत आम हैं और हर साल कई लोगों को प्रभावित करते हैं। कुछ सामान्य यू आर आई (URI) में सर्दी, साइनसाइटिस (Sinusitis), टॉन्सिलिटिस (tonsillitis), लैरींगाइटिस (laryngitis) और फ्लू (इन्फ्लूएंजा) flu (influenza) शामिल हैं। ये बीमारियाँ ऊपरी श्वसन तंत्र पर असर डालती हैं!
इनके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।
इस तरह के संक्रमण के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- छींकना
- गले में खराश
- बंद नाक या नाक से स्राव
- सिरदर्द
- चेहरे में दर्द
- थकान या कमज़ोरी
अधिकतर यू आर आई, नुकसानदायक नहीं होते हैं और 7-10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि लक्षण दो हफ्ते से अधिक समय तक बने रहें या स्थिति बिगड़ने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
2. निचले श्वसन तंत्र के संक्रमण: निचले श्वसन तंत्र के संक्रमण (lower respiratory tract infections (LRI)), वायरस या बैक्टीरिया के कारण होते हैं। ये ऊपरी श्वसन संक्रमणों की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं। सामान्य एल आर आई में निमोनिया (Pneumonia), ब्रोंकाइटिस (bronchitis), ब्रोंकियोलाइटिस ( Bronchiolitis) और फ़्लू (flu) शामिल हैं।
एल आर आई के मुख्य लक्षणों में खाँसी शामिल है।
इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

- बलगम ( कफ़) में वृद्धि
- बुखार
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- थकान
- शरीर में दर्द
एल आर आई के लक्षण गंभीर हो सकते हैं, और इसके लिए दवा लेनी ज़रूरी है। इसका इलाज, बीमारी के कारण पर निर्भर करता है। वायरल संक्रमण का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स उपयोगी हो सकते हैं। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले मरीज़ों या बुज़ुर्गों को कभी-कभी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है।
श्वसन संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करते हैं। इनमें शामिल हैं:
1. थूक परीक्षण: इसके तहत बलगम का नमूना लेकर बैक्टीरिया की जांच की जाती है।
2. ट्यूबरकुलिन त्वचा परीक्षण: इसके तहत टीबी का पता लगाने के लिए त्वचा के भीतर टीबी एंटीजन डाला जाता है।
3. स्पिरोमेट्री: यह जांच साँस छोड़ने की गति और मात्रा को मापती है।
4. पीक फ्लो मीटर: इससे साँस छोड़ने की गति का मापन, घर पर भी किया जा सकता है।
5. धमनी रक्त गैस परीक्षण: यह रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को मापता है।
6. पल्स ऑक्सीमेट्री: उंगली पर क्लिप करके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापा जाता है।
7. छाती का एक्स-रे: इससे निमोनिया या वायुमार्ग में रुकावट का पता चलता है।
8. सीटी स्कैन: इसके तहत छाती की विस्तृत छवि देखने के लिए एक्स-रे और कंप्यूटर तकनीक का उपयोग होता है।
सही समय पर जांच और इलाज से इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। सर्दियाँ शुरू होते ही कई लोग वायरल संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
कुछ आम संक्रमण और उनसे बचाव के तरीके निम्नवत दिए गए हैं।
⦁ - सामान्य सर्दी (राइनोवायरस): राइनोवायरस या सर्दी, 200 से ज़्यादा वायरस के कारण फैल सकती है। वयस्कों को साल में 2-3 बार सर्दी हो सकती है। बच्चों में यह अधिक होती है, क्योंकि वे इधर-उधर की चीजों को छूते रहते हैं और छींकने पर मुंह नहीं ढकते। सर्दी का वायरस हवा में मौजूद रहता है और दूसरों में फैल सकता है। बीमारी के तीसरे दिन संक्रमण फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
⦁ - फ़्लू ( इंफ्लुएंज़ा): फ़्लू सबसे अधिक अक्टूबर से मई के बीच फैलता है! लेकिन यह किसी भी समय हो सकता है। फ़्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, “हर साल टीका लगवाना।” यह टीका आपको फ्लू के नए प्रकारों से बचाता है। गंभीर मामलों में फ़्लू , होने पर अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है! साथ ही यह मौत का कारण भी बन सकता है।
⦁ - कोविड-19: सर्दियाँ शुरू होते ही कोविड-19 भी फ़्लू की तरह तेज़ी से फ़ैलने लगता है। हर साल इसके लिए नया टीका उपलब्ध होता है, जो आपको गंभीर लक्षणों और खतरनाक वेरिएंट से बचाता है। टीका लगवाने के बाद भी कोविड हो सकता है, लेकिन इसके लक्षण हल्के होंगे और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम रहेगी।
⦁ - सीने में ज़ुकाम (ब्रोंकाइटिस): सर्दी, फ़्लू या कोविड-19 के कारण ब्रोंकाइटिस हो सकता है। इसमें फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन और बलगम भर जाता है। इसका मुख्य लक्षण लंबे समय तक रहने वाली खांसी है। ब्रोंकाइटिस खुद संक्रामक नहीं होता, लेकिन इसे पैदा करने वाले वायरस फैल सकते हैं।
⦁ - निमोनिया: निमोनिया, 'बैक्टीरिया और वायरस' दोनों के कारण फ़ैल सकता है। कोविड-19 और आर एस वी (RSV) के संक्रमण से भी यह हो सकता है। 2 साल से छोटे बच्चों, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों को न्यूमोकोकल टीका लगवाना चाहिए।
⦁ - पेट का कीड़ा (नोरोवायरस): नोरोवायरस - दस्त, उल्टी और पेट दर्द का कारण बनता है। इसे "पेट का फ़्लू " भी कहा जाता है, लेकिन यह फ़्लू वायरस से अलग है। नोरोवायरस बहुत तेज़ी से फैलता है और सतहों पर हफ्तों तक जीवित रहता है।
सर्दियों में वायरल संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित आसान उपायों को अपना सकते हैं:
हाथ साफ रखें:
सर्दी और फ़्लू के कीटाणु छींकने और खांसने से फैलते हैं। यह वायरस सबसे अधिक संक्रमित सतहों को छूने से फैलता है। इसलिए आप खुद भी हाथ साफ़ करते रहें और खासकर स्कूली बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करें।
चेहरे को छूने से बचें: बच्चे अक्सर अपनी आँखें रगड़ते हैं, नाक खुजलाते हैं या नाखून चबाते हैं। इससे वायरस उनके शरीर में प्रवेश कर सकता है। अपने बच्चे को चेहरा छूने से रोकने और दिनभर हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करने की आदत डालें।
सतहें साफ रखें: दिनभर में परिवार के सदस्य अपने साथ कई कीटाणु भी लेकर आते हैं। इसलिए, सतहों को नियमित रूप से साफ करें। इसके अलावा सतह को पोंछने और कीटाणुनाशक वाइप्स का उपयोग करने से कीटाणुओं को कम किया जा सकता है।
नींद का ध्यान रखें: अच्छी नींद से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। नींद की कमी से शरीर कीटाणुओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। वयस्कों को 7-8 घंटे और बच्चों को 10-14 घंटे की नींद लेनी ज़रूरी है। सोने का नियमित समय बनाए रखें।
पोषण को प्राथमिकता दें: संतुलित आहार न केवल बच्चों के विकास में मदद करता है, बल्कि उनकी प्रतिरक्षा को भी मजबूत बनाता है। शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए अच्छे पोषण की आवश्यकता होती है।
सक्रिय रहें: नियमित व्यायाम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती है। व्यायाम संक्रमण से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करता है और शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
इन उपायों का पालन करके, आप इस सर्दी में अपने परिवार को वायरल संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/23u85dop
https://tinyurl.com/27ogevuz
https://tinyurl.com/23cxu8z5
https://tinyurl.com/2c5jyc2p

चित्र संदर्भ
1. सर्दियों के दौरान, पहाड़ी इलाकों में घूमने वाले व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. कोरोना वायरस रोग (COVID-19) के लक्षणों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक बीमार युवती को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
4. हाथ धोते बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
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