चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश

पर्वत, चोटी व पठार
20-11-2024 09:29 AM
Post Viewership from Post Date to 21- Dec-2024 (31st) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2872 106 2978
चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
चोपता को "उत्तराखंड का मिनी स्विट्ज़रलैंड" भी कहा जाता है। यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। इस स्थान को अपने हरे-भरे परिदृश्य और आश्चर्यजनक पहाड़ी दृश्यों के लिए जाना जाता है। दूसरे प्रसिद्ध हिल स्टेशनों के विपरीत, चोपता आज भी एक अनजान जगह है। इसी कारण, इसे व्यस्त पर्यटन क्षेत्रों की भीडभाड़ से बचने के लिए एक शांतिपूर्ण जगह माना जाता है। चोपता को ट्रेकर्स के बीच ख़ासा पसंद किया जाता है, क्योंकि यह तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला चोटी के लिए प्रसिद्ध ट्रेक का शुरुआती बिंदु है। आज के इस लेख में, हम सबसे पहले चोपता में की जा सकने वाली प्रमुख गतिविधियों पर नज़र डालेंगे। इसके तहत, हम यहाँ पर ट्रेकिंग, कैंपिंग और सुंदर पगडंडियों की खोज करेंगे। इसके बाद, हम उन समृद्ध पौधों और जानवरों के बारे में बात करेंगे, जिनकी वजह से चोपता को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। अंत में, हम प्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर सहित चोपता के आध्यात्मिक पहलू को भी देखेंगे।
चोपता में कई शानदार पहाड़, ग्लेशियर, नदियाँ, झीलें, पार्क और बाँध हैं। यहाँ पर बर्फ़ से ढके हिमालय के ऊपर से सूर्योदय हर किसी के मन को मोह लेता है।
चोपता को हाइकर्स के स्वर्ग समान माना जाता है। यह स्थान, व्यस्त शहरी जीवन से दूर एक शांतिपूर्ण वातावरण पदान करता है। यहाँ के हरे-भरे अल्पाइन घास के मैदान, प्रकृति प्रेमियों और कैम्पिंग के शौकीन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चोपता में दुग्गलबिट्टा, बनियाकुंड, भुलकंड, देवरियाताल और रोहिणी बुग्याल जैसे कुछ लोकप्रिय कैम्पिंग और हाइकिंग स्पॉट (Camping and Hiking Spots) हैं।
चोपता में कई रोमांचक ट्रेक और ट्रेल्स हैं। ये ट्रेक हरे-भरे जंगलों और खूबसूरत घास के मैदानों से होकर गुज़रते हैं। चोपता में सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग रूट तुंगनाथ, चंद्रशिला और देवरियाताल हैं।
इसके अलावा, चोपता धीरे-धीरे पक्षी प्रेमियों के बीच भी प्रसिद्ध हो रहा है। यहाँ पर केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य (जिसे कस्तूरी मृग अभयारण्य भी कहा जाता है ) भी स्थित है। यह अभयारण्य, 221 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर है। साथ ही यहाँ पर हिमालयी काला भालू, तेंदुआ, लोमड़ी, जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, सियार, संगमरमर की बिल्ली, हिमालयी लंगूर, पिका, घोरल, हिमालयी तहर और भौंकने वाले हिरण जैसे जानवर भी पाए जाते हैं। मोनाल और कस्तूरी मृग, इस अभयारण्य के मुख्य आकर्षण हैं। यहाँ पर देशी और प्रवासी पक्षियों की 251 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ कई आगंतुक उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल को देखने के लिए भी आते हैं।
चोपता, हिमालय घाटी के प्रसिद्ध केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है, जिसे अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। कई शोधकर्ता और छात्र चोपता में इसके पौधों और कीटों की विस्तृत विविधता का अध्ययन करने आते हैं। यहाँ 45 प्रकार के विशाल वृक्ष और कई खूबसूरत फूल देखे जा सकते हैं। चोपता से कुछ ही घंटे पूर्व में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भी मौजूद है।
यह इलाका, आकर्षक चीड़, देवदार और रोडोडेंड्रोन के पेड़ों के जंगलों से घिरा हुआ है। केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य, पश्चिमी हिमालय का सबसे बड़ा अभयारण्य है। जब आप यहाँ जाएँगे, तो आपको खूबसूरत अल्पाइन घास के मैदान और कई अनोखे हिमालयी पौधे दिखाई देंगे। यहाँ पर मध्य ऊँचाई पर समशीतोष्ण वन हैं, जबकि ऊँचे इलाकों में अल्पाइन और शंकुधारी वन हैं। जैसे-जैसे आप उत्तर की ओर जाएँगे, आपको और भी ज़्यादा अल्पाइन घास के मैदान और बुग्याल मिलेंगे।
चोपता में पाए जाने वाले आम पेड़ों में शामिल हैं:
- बिर्च (Birch)
- पाइन (Pine)
- अल्पाइन (Alpine)
- रोडोडेंड्रोन (Rhododendron)
- देवदार
यहाँ पर सरीसृपों के अलावा स्तनधारियों की लगभग 121 प्रजातियाँ और पक्षियों की 251 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। आप यहाँ के पहाड़ों में एक शर्मीले तेंदुए को देख सकते हैं या बड़े काले भालू की एक झलक पा सकते हैं। यहाँ आप बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी एक ताज़ा सुबह का आनंद ले सकते हैं और पहाड़ी पक्षियों की आवाज़ सुन सकते हैं। चोपता में कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ आपको और आपके कैमरे को पूरे दिन व्यस्त रखेंगी।
चोपता में देखे जाने वाले आम जानवरों में शामिल हैं :
- कस्तूरी मृग
- लोमड़ी
- तेंदुआ
- सियार
- हिमालय का काला भालू
- हिम तेंदुआ
- तेंदुआ बिल्ली
चार धाम पर्वतीय मार्ग पर तीर्थयात्रा करने के लिए कई पर्यटक, चोपता आते हैं। यह मार्ग, कई पवित्र तीर्थस्थलों से होकर गुज़रता है। साथ ही, यहाँ पर कई प्राचीन तीर्थ स्थल भी हैं। इन प्रमुख धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों में शामिल हैं:
तुंगनाथ मंदिर:तुंगनाथ मंदिर को चोपता का आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है, जो 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर, भगवान शिव को समर्पित पंच केदार मंदिरों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद मोक्ष की खोज के दौरान किया था। तुंगनाथ की यात्रा एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव देती है। यह शानदार यात्रा, दुनिया भर के भक्तों और ट्रेकर्स को आकर्षित करती है। यह रास्ता, हरे-भरे घास के मैदानों और घने जंगलों से होकर गुज़रता है, जो आगंतुकों को ईश्वर से जुड़ने और चिंतन करने में मदद करता है।
चंद्रशिला शिखर: तुंगनाथ से एक छोटा ट्रेक चंद्रशिला शिखर की ओर भी जाता है। यह स्थान 4,000 मीटर की ऊंचाई पर है। यह शिखर ध्यान और चिंतन के लिए महत्वपूर्ण है। एक किंवदंती के अनुसार, भगवान राम ने रावण को हराने के बाद यहीं पर ध्यान लगाया था। यहां से हिमालय के शानदार 360-डिग्री दृश्य दिखाई देते हैं।
चोपता की आध्यात्मिकता, यहाँ के जीवंत त्यौहारों में भी झलकती है। महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख त्यौहारों पर श्रद्धालु, यहाँ के तुंगनाथ मंदिर आते हैं। इस अवसर पर यहाँ विशेष अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ होती हैं। इस मंदिर को खूबसूरती से सजाया जाता है और माहौल भक्ति से भरा होता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2bdj6gml
https://tinyurl.com/2dp5qgad
https://tinyurl.com/27y4wzkq

चित्र संदर्भ
1. तुंगनाथ मंदिर के आसपास बर्फ़बारी को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. तुंगनाथ के नीचे ढलान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. उत्तराखंड के राज्य पक्षी हिमालयन मोनाल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. तुंगनाथ मंदिर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. चंद्रशिला शिखर, उत्तराखंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.